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Jabalpur Bishop Fraud: जिला प्रशासन ने फर्जी बिशप पीसी सिंह पर कसा शिकंजा, 136 करोड़ों की जमीन ली वापस

मध्यप्रदेश के जबलपुर में ईसाई धर्मगुरु पीसी सिंह का मामला दिनोदिन बढ़ता जा रहा है. फर्जीवाड़े के मास्टर बिशप के खिलाफ अब जिला प्रशासन ने भी शिकंजा कसना शुरु कर दिया है. शासन ने बिशप पीसी सिंह से 136 करोड़ों की जमीन मुक्त कराई है. jabalpur bishop fraud, district administration action on bishop pc singh, government took pc singh land

district administration action on bishop pc singh
बिशप सिंह पर जिला प्रशासन का शिकंजा
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Published : Sep 24, 2022, 9:47 PM IST

जबलपुर। फर्जी दस्तावेजों से संस्था का चेयरमैन बनकर करोड़ों की रकम की हेराफेरी करने वाले जबलपुर के द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमैन ईसाई धर्म गुरु पीसी सिंह पर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, लेकिन ईओडब्ल्यू के बाद अब जिला प्रशासन ने भी बिशप पीसी सिंह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. jabalpur bishop fraud, district administration action on bishop pc singh

शासन ने बिशप पीसी सिंह से जमीन वापस ली: सामाजिक एवं शैक्षणिक कार्य के लिए जिला प्रशासन से लीज पर ली गई जमीनों को व्यापारिक इस्तेमाल एवं सुनियोजित तरीके से एक प्लॉट की अपने नाम रजिस्ट्री कराने के मामले में अब जिला प्रशासन भी बिशप पीसी सिंह पर एफआईआर दर्ज करा सकता है. प्रशासन की टीम यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी से जुड़ी सभी जमीनों का रिकॉर्ड खंगाल रही है. धोखेबाजी सहित दस्तावेजों में हेरफेर करने के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद जिला प्रशासन मुकदमा दर्ज कराएगी. यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी की 136 करोड़ की 1 लाख 70 हजार वर्गफीट जमीन शासन ने अपने नाम वापस ले ली है. अपर कलेक्टर न्यायालय शेर सिंह मीणा ने लीज नवीनीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया है.

Jabalpur Bishop Fraud कांग्रेस शासन में दबा दी गई थी बिशप की जांच, जाने क्यों नहीं हुई कार्रवाई

पीसी सिंह पर करोड़ों के गबन का आरोप: दरअसल बीते दिन ईओडब्ल्यू की टीम द्वारा की गई सर्च कार्रवाई में पूर्व बिशप पीसी सिंह द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तित कर उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरुपयोग कर करोड़ों का गबन करने के साक्ष्य मिले थे. वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 तक शैक्षणिक संस्था की करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर करने के प्रथम दृष्टया प्रमाण ईओडब्ल्यू को मिले थे. सर्च के दौरान ईओडब्ल्यू को पीसी सिंह के निवास से करीब 81 लाख के जेवर, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 18 हजार 552 डॉलर, 118 पाउंड के साथ 17 संस्थानों के दस्तावेज मिले थे.

MP: बाप नंबरी तो बेटा दस नंबरी.. पीसी सिंह ने बेटे को बनाया स्कूल का प्राचार्य, अब EOW शिक्षा विभाग को लिखेगा पत्र

नागपुर से बिशप को हिरासत में लिया गया: गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू की टीम ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल सीआईएसएफ के सहयोग से बिशप पीसी सिंह को नागपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लिया था. बिशप ने 2 बेशकीमती प्लॉट की रजिस्ट्री आधे दाम पर अपने नाम दर्ज करा ली थी. ईओडब्ल्यू ने आरोपी बिशप पीसी सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था, फिलहाल बिशप पीसी सिंह जेल में हैं. (jabalpur bishop fraud) (district administration action on bishop pc singh) (government took pc singh land)

जबलपुर। फर्जी दस्तावेजों से संस्था का चेयरमैन बनकर करोड़ों की रकम की हेराफेरी करने वाले जबलपुर के द बोर्ड ऑफ एजुकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमैन ईसाई धर्म गुरु पीसी सिंह पर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं, लेकिन ईओडब्ल्यू के बाद अब जिला प्रशासन ने भी बिशप पीसी सिंह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. jabalpur bishop fraud, district administration action on bishop pc singh

शासन ने बिशप पीसी सिंह से जमीन वापस ली: सामाजिक एवं शैक्षणिक कार्य के लिए जिला प्रशासन से लीज पर ली गई जमीनों को व्यापारिक इस्तेमाल एवं सुनियोजित तरीके से एक प्लॉट की अपने नाम रजिस्ट्री कराने के मामले में अब जिला प्रशासन भी बिशप पीसी सिंह पर एफआईआर दर्ज करा सकता है. प्रशासन की टीम यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी से जुड़ी सभी जमीनों का रिकॉर्ड खंगाल रही है. धोखेबाजी सहित दस्तावेजों में हेरफेर करने के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद जिला प्रशासन मुकदमा दर्ज कराएगी. यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी की 136 करोड़ की 1 लाख 70 हजार वर्गफीट जमीन शासन ने अपने नाम वापस ले ली है. अपर कलेक्टर न्यायालय शेर सिंह मीणा ने लीज नवीनीकरण के आवेदन को खारिज कर दिया है.

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पीसी सिंह पर करोड़ों के गबन का आरोप: दरअसल बीते दिन ईओडब्ल्यू की टीम द्वारा की गई सर्च कार्रवाई में पूर्व बिशप पीसी सिंह द्वारा कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर मूल सोसायटी का नाम परिवर्तित कर उसका चेयरमैन बनकर पद का दुरुपयोग कर करोड़ों का गबन करने के साक्ष्य मिले थे. वर्ष 2004-05 से वर्ष 2011-12 तक शैक्षणिक संस्था की करीब 2 करोड़ 70 लाख रुपए की राशि धार्मिक संस्थाओं को ट्रांसफर करने के प्रथम दृष्टया प्रमाण ईओडब्ल्यू को मिले थे. सर्च के दौरान ईओडब्ल्यू को पीसी सिंह के निवास से करीब 81 लाख के जेवर, 1 करोड़ 65 लाख रुपए नगद, 18 हजार 552 डॉलर, 118 पाउंड के साथ 17 संस्थानों के दस्तावेज मिले थे.

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