जबलपुर। शहर में 72 घंटे तक लगातार होने वाली बारिश का दौर थम गया है, लेकिन बीते 3 दिनों में जबलपुर में ही केवल 14 इंच से ज्यादा बारिश हुई वही मंडला और डिंडोरी में भी घनघोर बारिश हुई, इसलिए बरगी बांध का जलस्तर अगस्त के तय मानक से ऊपर पहुंच गया है, जो लगभग 420 मीटर के ऊपर है. बरगी बांध की अधिकतम जलभराव की सीमा 421 दशमलव 50 मीटर है, लेकिन अगस्त के महीने में यह 420 मीटर होनी चाहिए, इसलिए बरगी बांध के पहले 15 गेट खोले गए थे और अब 19 गेट खोल दिए गए हैं.
नियाग्रा फॉल सा नजारा: बरगी बांध के 19 गेटों की खोले जाने की वजह से भेड़ाघाट में धुआंधार पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जहां धुआंधार होता था वहां दूर-दूर तक केवल पानी नजर आ रहा है. तेज बारिश की वजह से रोपवे को बंद कर दिया गया है. यहां तक कि जबलपुर से भेड़ाघाट को जोड़ने वाला पुल भी डूब गया है, लेकिन इस पानी की वजह से भेड़ाघाट के सरस्वती घाट के पास लगभग 300 मीटर लंबा एक नया धुआंधार बन गया है, इसे रूद्र कुंड का नजारा कहा जाता है और यह नजारा केवल तभी बनता है जब बरगी बांध के 19 गेट खुलते हैं. रूद्र कुंड में कई जगहों पर धुआंधार नजर आते हैं, पहला यह नियाग्रा फॉल सा दिखता है, लेकिन इसे देखने के लिए बहुत सतर्कता बरतनी पड़ती है, क्योंकि फिसलन भरे माहौल में नर्मदा के बहुत किनारे पहुंचना जानलेवा साबित हो सकता है. अभी अगले दो दिनों तक यह नजारा देखने को मिलेगा.
बारिश की वजह से बच्चों की मौज: लगातार हो रही बारिश की वजह से शहरी क्षेत्रों में भी कई जगह पानी भर गया और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, इसी परेशानी को देखते हुए जबलपुर जिला प्रशासन ने पहली से बारहवीं तक के बच्चों की पहले शुक्रवार की छुट्टी की थी और अब शनिवार की छुट्टी भी कर दी बारिश के मौसम में अचानक से मिली छुट्टियों की वजह से बच्चों की मौज हो गई है और आज मौसम खुल गया इसके चलते स्कूली बच्चों ने राहत की सांस ली है. फिलहाल जबलपुर में मौसम खुल गया है जिन इलाकों में नदियां उफान पर थी वहां भी पानी उतर गया है, लेकिन बाढ़ के बाद की तबाही अब यहां देखने को नजर आएगी. हिरण नदी परियत और गौर नदी के किनारे बसे कई गांव में पानी भर गया था, पानी के उतरने के बाद इन गांव में महामारी फैलने की संभावना है. वहीं राशन बर्बाद हो जाने की वजह से कई लोगों के सामने भुखमरी का संकट भी खड़ा हो जाएगा.