जबलपुर : शहर में एक बार फिर आवारा कुत्तों का आतंक देखा गया, जहां अपने घर के बाहर खेल रही मासूम को कुत्तों ने नोंच डाला. मां ने जब बच्ची की चीख सुनी तो उसके पास दौड़ी और फिर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया. जहां इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई, बच्ची की मौत के बाद आक्रोशित परिजनों ने नगर निगम पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
मासूम के माता-पिता करते हैं मजदूरी
जानकारी के मुताबिक कठौंदा निवासी सुशील श्रीवास्तव मजदूरी करते हैं, और जब ये घटना हुई तब सुशील मजदूरी पर गए थे. घर पर पत्नी वर्षा श्रीवास्तव और उसके दोनों बच्चे, विवेक और डेढ़ साल की बेटी दीपाली थी, पुलिस के मुताबिक मां जब घर के काम में लगी थी तब दोनों बच्चे घर के सामने खेल रहे थे, तभी कुत्तों का झुंड मासूम पर टूट पड़ा. पांच-छह की संख्या में कुत्तों ने मासूम दीपाली पर हमला कर दिया, मासूम चीखती रही और कुत्ते उसे नोंचते रहे, चीख सुनकर मां वर्षा दौड़ कर बाहर आई और कुत्तों को भगाया, तब तक कुत्ते मासूम को बुरी तरह से नोंच चुके थे. घायल हालात में परिजन बच्ची को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे जहां दो दिन तक चले इलाज के बाद बच्ची ने दम तोड़ दिया.
सरकारी तंत्र से परिजन नाराज
कठोन्दा गांव में हुई बच्ची की मौत के बाद मासूम के माता-पिता सरकारी तंत्र को लेकर काफी नाराज हैं, इसकी वजह यह है कि कठौंदा में मृत पशुओं का चमड़ा उतारा जाता है और इसी वजह से यहां के कुत्ते हिंसक हो गए हैं, शुक्रवार को घायल हुई बच्ची का शनिवार को डॉक्टरों ने ऑपरेशन भी किया, लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका. बच्ची के नाराज माता-पिता ने आरोप लगाया कि नगर निगम शहर भर के कुत्तों को लाकर कठौंदा में छोड़ रहा है.
आर्थिक तंगी के बाद भी खुश था परिवार
बच्ची के पिता सुशील ने बताया कि उसकी दो संतानों में एक बेटा व बेटी थी, आर्थिक तंगी के बावजूद परिवार खुश था. लेकिन इस हृदय विदारक घटना ने परिवार को तोड़ कर रख दिया है. सुशील ने निगम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि नगर निगम शहर भर के आवारा कुत्तों को कठौंदा में लाकर नसबंदी करके वहीं छोड़ देता है.
जबलपुर में आवारा कुत्तों का आतंक, अस्पताल प्रबंधन नहीं दे पा रहा रेबीज वैक्सीन
जबलपुर में आवारा कुत्तों का आतंक ?
शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार जारी है. इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक इस कदर है कि रोजाना दर्जनों लोग इनका शिकार हो रहे हैं. कुत्तो के काटने से रैबीज टीका लगवाने के लिए लोगों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है. जिला अस्पताल में रोज लगभग 70 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं. लेकिन अस्पताल में मरीजों को इंजेक्शन तक नहीं मिल पा रहे हैं.
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गर्मियों में और खूंखार हो जाते हैं कुत्ते !
पशु चिकित्सक डॉक्टर एचएल साहू का कहना है कि गर्मी के मौसम में कुत्ते ज्यादा खूंखार हो जाते हैं, क्योंकि तापमान जब बढ़ता है तो उन्हें छाया चाहिए होती है. पानी चाहिए होता है और तब ये नहीं मिलता है तो आवारा कुत्ते इधर-उधर भागने लगते हैं और इनकी मेंटल स्थिति बदलती है और फिर जो भी दिखता है उसे काटने लगते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि जो उनके पास आ रहा है वो उन पर अटैक करने वाला है