जबलपुर। मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने कोरोना से जुड़े मामलों की याचिकाओं पर सुनवाई की. इस दौरान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जरूरी दिशा निर्देश दिए. हाईकोर्ट ने कहा कि अगर प्रदेश के अस्पातालों में जगह नहीं है तो सरकार स्कूल, बारात घर और होटलों का अधिग्रहण करें. हाईकोर्ट ने अपने निर्देश में रेमडेसिविर की आपूर्ति को लेकर भी कई जरूरी निर्देश दिए हैं. साथ ही मेडिकल स्टॉफ की कमी पर हाईकोर्ट ने जल्द से जल्द खाली पड़े पदों को भरने के निर्देश भी सरकार को दिए हैं. हाईकोर्ट ने सरकार को 10 मई को रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं.
स्कूल, होटल, स्टेडियम का अधिग्रहण करें सरकार
कोरोना की स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि सरकार 1 साल पहले वाले प्लान पर अमल करें और जो तीन स्तरीय अस्पताल बनाए गए थे वो व्यवस्था फिर से लागू करें. इसके लिए सरकार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके स्कूल, होटल, बारातघर और स्टेडियम का अधिग्रहण करें. प्रदेश में हो रही मौतों को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि पुराने बंद किए गए बिजली शवदाह गृह को फिर से शुरू किया जाए.
रेमडेसिविर की जरूरतों को जल्द पूरा किया जाए
प्रदेश में रेमडेसिविर की किल्लत को लेकर भी हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को जरूरी निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि अस्पताल में मरीज को रेमडेसिविर की जरूरत लगने के 1 घंटे के अंदर उस तक इंजेक्शन पहुंचना चाहिए. सरकार को प्रदेश के नागरियों को इंजेक्शन मुहैया करवाने के लिए जरूरी कदम उठाना होंगे. अगर इंजेक्शन देश में नहीं मिल पा रहा है तो विदेश से इंजेक्शन की आपूर्ति की जाए. साथ ही रेमडेसिविर के न्यूनतम और अधिकतम दाम दवा दुकानों के बाहर लिखे जाएं.
ऑक्सीजन की उपलब्धता पर केन्द्र से करें बात
ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हाईकोर्ट ने कहा है कि निजी और सरकारी अस्पताल अपनी ऑक्सीजन की जरूरत का अनुमान जिला प्रशासन को बताएंगे और उसके हिसाब से जिला प्रशासन ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगा. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि वो अपनी ऑक्सीजन की जरूरत के बारे में केन्द्र सरकार को अवगत करवाएं.