जबलपुर। मध्यप्रदेश हाइकोर्ट ने करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद भी पिछले तीन सालों में प्रदेश में 100 से अधिक टाईगरों की मौत का आरोप लगाने वाले मामले को काफी गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस एके मित्तल और जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने मामले में अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त तक निर्धारित की है. 100 से अधिक टाईगरों की मौत को लेकर याचिका में लगे आरोपों पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब.
दिल्ली निवासी वन्य जीव विशेषज्ञ संगीता डोगरा की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि मार्च 2019 में महाराष्ट्र के चंद्रपुर से एक टाईगर भटकते हुए कान्हा टाईगर रिजर्व में पहुंच गया. इस बीच उसने दो लोगों पर हमला भी किया था. कान्हा टाईगर रिजर्व द्वारा टाईगर को रेडियो कॉलर लगाया दिया गया. जून महीने में टाईगर एक बार फिर कान्हा के जंगलों से बाहर निकला और उसने एक व्यक्ति पर हमला कर दिया. आरोप है कि वन विभाग ने अपनी गलती को छिपाने के लिए दोष उस टाईगर पर मढ़ते हुए उसे आतंकी घोषित कर दिया. आरोप है कि वन विभाग करोड़ों रुपए का फंड पाने के बाद भी न तो टाईगर को बचा पा रहा और न ही उन लोगों को जिन पर हमले हो रहे हैं.
आरोप यह भी लगाया गया है कि भोपाल के वन विहार में जिस तरह से टाईगरों को रखा जा रहा है, उसे वो पार्क कम सर्कस ज्यादा लगता है. इन आधारों के साथ दायर याचिका में राहत चाही गई है कि टाईगर के संरक्षण में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं. सुनवाई के बाद मंगलवार को न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं. मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष स्वयं रखा है.