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टाइगर रिजर्व के पास संचालित प्लांट के खिलाफ हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश - प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई

संजय गांधी टाइगर रिजर्व के पास संचालित पावर प्लांट से हो रहे प्रदूषण को लेकर दायर याचिका को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए है.

पावर प्लांट से वन्य जीवों को हो रहे नुकसान को लेकर हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
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Published : Aug 29, 2019, 7:45 PM IST

जबलपुर। संजय गांधी टाइगर रिजर्व के पास संचालित पावर प्लांट से फैल रहे प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है. हाईकोर्ट ने वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर को पर्यावरण और वन्य जीवों को हो रहे नुकसान की जांच कर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है.

पावर प्लांट से वन्य जीवों को हो रहे नुकसान को लेकर हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
सीधी- सिंगरौली जिले के संजय गांधी टाइगर रिजर्व में प्रदूषण के चलते वन्य जीवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. जिसे लेकर मातृ प्रकृत एनजीओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. दरअसल पावर प्लांट् से फैल रहे प्रदूषण से न सिर्फ पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि घड़ियाल और टाइगर समेत अन्य वन्यजीवों की भी मौत हो रही है. दायर याचिका में टाइगर रिजर्व के पास 20 किलोमीटर के दायरे में पावर प्लांट का संचालन नहीं किया जाना था. लेकिन जेपी और डीबी पावर प्लांट को यहां स्थापना की एनओसी दे दी गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर को प्लांट से हो रहे पर्यावरण और वन्यजीवों को नुकसान की जांच करने के आदेश दिए है.

जबलपुर। संजय गांधी टाइगर रिजर्व के पास संचालित पावर प्लांट से फैल रहे प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है. हाईकोर्ट ने वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर को पर्यावरण और वन्य जीवों को हो रहे नुकसान की जांच कर दो सप्ताह के अंदर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है.

पावर प्लांट से वन्य जीवों को हो रहे नुकसान को लेकर हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
सीधी- सिंगरौली जिले के संजय गांधी टाइगर रिजर्व में प्रदूषण के चलते वन्य जीवों के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. जिसे लेकर मातृ प्रकृत एनजीओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. दरअसल पावर प्लांट् से फैल रहे प्रदूषण से न सिर्फ पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है, बल्कि घड़ियाल और टाइगर समेत अन्य वन्यजीवों की भी मौत हो रही है. दायर याचिका में टाइगर रिजर्व के पास 20 किलोमीटर के दायरे में पावर प्लांट का संचालन नहीं किया जाना था. लेकिन जेपी और डीबी पावर प्लांट को यहां स्थापना की एनओसी दे दी गई है. हाईकोर्ट ने इस मामले पर गंभीरता दिखाते हुए वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर को प्लांट से हो रहे पर्यावरण और वन्यजीवों को नुकसान की जांच करने के आदेश दिए है.
Intro:जबलपुर
मध्य प्रदेश के सीधी- सिंगरौली जिले में संजय गांधी टाइगर रिजर्व के पास संचालित पावर प्लांट से फैल रहे प्रदूषण पर हाईकोर्ट ने गंभीरता दिखाई है।मामले पर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर को अहम निर्देश दिए हैं।


Body:हाईकोर्ट ने दोनों ही अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वह पावर प्लांट से पर्यावरण और वन्य जीवो को हो रहे नुकसान की जांच करें और अपनी रिपोर्ट 2 सप्ताह में हाई कोर्ट में पेश करें। हाई कोर्ट में यह याचिका सुभाष सिंह नाम की एक सामाजिक कार्यकर्ता की ओर से दायर की गई है।याचिका में कहा गया है कि किसी भी टाइगर रिजर्व के पास 20 किलोमीटर के दायरे में पावर प्लांट का संचालन नहीं किया जा सकता लेकिन फिर भी सीधी- सिंगरौली में जेपी और डीबी पावर प्लांट को यहां स्थापना की एनओसी दे दी गई।


Conclusion:याचिका में दलील दी गई है कि पावर प्लांट्स से फैल रहे प्रदूषण से ना सिर्फ पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंच रहा है बल्कि घड़ियाल और टाइगर सहित वन्यजीवों की भी मौत हो रही है। फिलहाल हाई कोर्ट ने मामले पर वन विभाग और सोन घड़ियाल सेंचुरी के डायरेक्टर से जांच रिपोर्ट तलब की है और मामले पर अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद की जाएगी।
बाईट.1-अनूप सिंह....याचिकाकर्ता के वकील
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