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नोटरी नियुक्ति प्रक्रिया निरस्त करने के मामले में हाईकोर्ट ने दिए निर्देश

छिंदवाड़ा जिले में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया बिना किसी कारण निरस्त किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव तथा जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने की.

हाईकोर्ट
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Published : May 20, 2021, 8:22 PM IST

जबलपुर। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में बाद छिंदवाड़ा जिले में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया बिना किसी कारण निरस्त किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव तथा जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ से अनावेदकों की सूची से प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम हटाने का आग्रह किया गया. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए इस संबंध में सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त करने के निर्देश शासकीय अधिवक्ता को दिये हैं.

2020 में हुआ था चयन
याचिकाकर्ता ओम प्रकाश शुक्ला सहित अन्य नौ की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि छिंदवाड़ा जिले में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया अगस्त 2019 में प्रारंभ हुई थी. नोटरी पद पर 18 मार्च 2020 का चयन हुआ था और नियमानुसार उन्हें आवश्यक राशि का चालन भी जमा कर दिया था. नियुक्ति के संबंध में सिर्फ आदेश जारी करना शेष रह गया था. इस दौरान प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और नवपदस्थ सरकार द्वारा पूरी नियुक्ति प्रकिया निरस्त कर दी गयी.

MP स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में बिहार से बदतर

याचिका में कहा में कहा गया था कि नियुक्ति निरस्त किये जाने को कारण यह बताया गया था कि अल्पमत की सरकार ने प्रक्रिया शुरू की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि पूर्व में ऐसे ही एक मामलें में इंदौर बैंच ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश जारी किये हैं. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने तत्कालीन कानून मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम अनावेदकों की सूची से हटाने के आग्रह को स्वीकार करते हुए उक्त आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ए उस्मानी ने पैरवी की.

जबलपुर। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन में बाद छिंदवाड़ा जिले में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया बिना किसी कारण निरस्त किये जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव तथा जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ से अनावेदकों की सूची से प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम हटाने का आग्रह किया गया. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए इस संबंध में सरकार से दिशा-निर्देश प्राप्त करने के निर्देश शासकीय अधिवक्ता को दिये हैं.

2020 में हुआ था चयन
याचिकाकर्ता ओम प्रकाश शुक्ला सहित अन्य नौ की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि छिंदवाड़ा जिले में नोटरी नियुक्ति की प्रक्रिया अगस्त 2019 में प्रारंभ हुई थी. नोटरी पद पर 18 मार्च 2020 का चयन हुआ था और नियमानुसार उन्हें आवश्यक राशि का चालन भी जमा कर दिया था. नियुक्ति के संबंध में सिर्फ आदेश जारी करना शेष रह गया था. इस दौरान प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हो गया और नवपदस्थ सरकार द्वारा पूरी नियुक्ति प्रकिया निरस्त कर दी गयी.

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याचिका में कहा में कहा गया था कि नियुक्ति निरस्त किये जाने को कारण यह बताया गया था कि अल्पमत की सरकार ने प्रक्रिया शुरू की थी. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि पूर्व में ऐसे ही एक मामलें में इंदौर बैंच ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश जारी किये हैं. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने तत्कालीन कानून मंत्री नरोत्तम मिश्रा का नाम अनावेदकों की सूची से हटाने के आग्रह को स्वीकार करते हुए उक्त आदेश जारी किये हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता ए उस्मानी ने पैरवी की.

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