जबलपुर। क्या वाकई जबलपुर शहर का विकास हो रहा है, इसका दंभ भरने वाले जनप्रतिनिधियों के मुंह पर एक करारा तमाचा है अमनप्रीत की मौत. दरअसल, अमनप्रीत नाम का शख्स एक हादसे का शिकार हो गया और डॉक्टर्स ने उसे तत्काल दिल्ली ले जाने की सलाह दी. लेकिन इतने बड़े शहर में एक एयर एंबुलेंस तक नहीं है, जिसके चलते युवक की जान चली गई. मामले ने जबलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. वहीं राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने भी ट्वीट कर चिकित्सा व्यवस्था को आड़े हाथ लिया है.
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जबलपुर में मेडिकल व्यवस्था के अभाव के कारण एक और मृत्यु-
— Vivek Tankha (@VTankha) March 1, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
परिवार द्वारा ऐयर अंबुलेंस से जबलपुर-दिल्ली के बीच नहीं बचाया जा सका अमन प्रीत।
काश जबलपुर में भी मेडिकल सुविधा व्यवस्थित होती तो दिल्ली/नागपुर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती और हमें अपने नौजवान बच्चों को नहीं खोना पड़ता । pic.twitter.com/LVatKV05k8
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— Vivek Tankha (@VTankha) March 1, 2022
परिवार द्वारा ऐयर अंबुलेंस से जबलपुर-दिल्ली के बीच नहीं बचाया जा सका अमन प्रीत।
काश जबलपुर में भी मेडिकल सुविधा व्यवस्थित होती तो दिल्ली/नागपुर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती और हमें अपने नौजवान बच्चों को नहीं खोना पड़ता । pic.twitter.com/LVatKV05k8जबलपुर में मेडिकल व्यवस्था के अभाव के कारण एक और मृत्यु-
— Vivek Tankha (@VTankha) March 1, 2022
परिवार द्वारा ऐयर अंबुलेंस से जबलपुर-दिल्ली के बीच नहीं बचाया जा सका अमन प्रीत।
काश जबलपुर में भी मेडिकल सुविधा व्यवस्थित होती तो दिल्ली/नागपुर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती और हमें अपने नौजवान बच्चों को नहीं खोना पड़ता । pic.twitter.com/LVatKV05k8
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क्या जबलपुर में नहीं था ऐसा अस्पताल जो बचा सकता था अमनप्रीत की जान
मामले को लेकर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने जबलपुर की स्वास्थ्य व्यवस्था और विकास के दावों को आड़े हाथ लेते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है कि जबलपुर में ऐसी चिकित्सा व्यवस्था नहीं है जहां की गंभीर बीमारियों का इलाज हो सके.जबलपुर के लोगों को इलाज के लिए दिल्ली-नागपुर जाना पड़ता है. यह नाकामी है कि आज भी जबलपुर में चिकित्सा व्यवस्था बेहतर नहीं है. बता दें कि जबलपुर में 50 से ज्यादा अस्पताल हैं, जिनमें कई तो गंभीर बीमारियों के इलाज का दावा करते हैं पर जब हकीकत सामने आई तो दावे धरे-के-धरे रह गए.
(Congress MP Vivek Tankha) (jabalpur air ambulance)