जबलपुर। देश की सबसे बड़ी केंद्रीय सुरक्षा संस्थान ऑर्डनेन्स फैक्ट्री खमरिया में कार्यरत कर्मचारी अब हाईटेक मशीनों का इस्तेमाल करेंगे. ये कर्मचारी हाईटेक मशीनों से बम में बारूद भरेंगे. जिसके लिए फैक्ट्री के फिलिंग सेक्शन 12 में स्वीडन से मंगाई गई अत्याधुनिक मशीनों को जल्द ही स्थापित किया जाएगा. इसके लिए फैक्ट्री ने अपनी कार्ययोजना भी बना ली है. कहा जा रहा है अब फैक्ट्री में मैनुअल मशीनों की जगह कंप्यूटराइज्ड मशीनों से कंप्लीट राउंड बनाए जाएंगे.
फैक्ट्री प्रबंधन का मानना है कि कंप्यूटराइज्ड मशीनों का उपयोग करने से बमों का रिजेक्शन भी कम होगा. 2 से 4 किलोमीटर की दूरी पर ऑटोमेटिक गन से इस बम को दुश्मन की सेना पर छोड़ा जाता है. इस बम का काम बड़े पैमाने पर ओएफके में लंबे अर्से से हो रहा है, लेकिन मैनुअल काम होने के कारण हमेशा रिजेक्शन की आशंका बनी रहती थी. जिसमें की फैक्ट्री को आर्थिक क्षति भी कई बार उठानी पड़ती थी. साथ ही इसका इस्तेमाल करने वाले सैनिकों को भी नुकसान होता है. स्वीडन की सहायता से ऑर्डनेन्स फैक्ट्री खमरिया के फिलिंग सेक्शन की बिल्डिंग में आधुनिक मल्टी-स्केल की मशीन लगाई जा रही है.
लेबर यूनियन के नेता अर्णव दास बताते हैं कि इस बम के लिए केस अंबरनाथ फैक्ट्री, सेल निजी क्षेत्र और दूसरी आयुध निर्माण से आता है. ऑर्डनेन्स फैक्ट्री खमरिया में bmp-2 का प्राइमर और फ्यूज तैयार किया जाता है. फैक्ट्री के फिलिंग सेक्शन-12 में कंप्लीट राउंड यानी बम को तैयार किया जाता है. बताया जा रहा है कि सारे कल पुर्जों को फैक्ट्री में लाकर मशीनों में बम को कंप्लीट करने के लिए प्रोग्रामिंग की जाएगी, अंतिम प्रक्रिया में तैयार बम इस मशीन से निकलेगा. अभी भी कुछ काम मशीनों पर होता है, लेकिन वह मैनुअल होते हैं.