जबलपुर। शहर में निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए जबलपुर कलेक्टर ने हर अस्पताल के साथ एक सरकारी डॉक्टर को जोड़ दिया है. इसमें सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों के साथ ही मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को भी दायित्व दिया गया है.
जबलपुर के नए कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है कि उन्हें ऐसी सूचना मिली थी कि निजी अस्पताल बिल के चक्कर में कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में रखते हैं और जब मरीज की हालत गंभीर होने लगती है, तब उसे मेडिकल अस्पताल में शिफ्ट किया जाता है और वहां जाकर इस तरह के कई मरीजों की मौत हो चुकी है.
इसलिए अब निजी अस्पतालों में भर्ती कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों की जानकारी सरकारी अस्पताल के अलग-अलग डॉक्टरों को देनी होगी और वो ही ये तय करेंगे कि किस मरीज का इलाज कितने दिनों तक अस्पताल में किया जाएगा. कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है इस तरीके से कोरोना वायरस की वजह से होने वाली मौतों के सिलसिले को कम किया जा सकेगा.