जबलपुर। जिले के नानाजी देशमुख वेटरनरी विश्वविद्यालय में बकरी पालन पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस मौके पर मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने बकरी को गरीबों की आय बताया और कहा कि बकरी पालन उनका पुश्तैनी व्यवसाय था. बकरी पालन रोजगार का एक अच्छा विकल्प है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बकरी पालन की असीम संभावनाएं है, वहीं मध्यप्रदेश गोट स्टेट बन सकता है. वहीं उन्होंने कहा कि वे राज्य सरकार से बात करेंगे की जबलपुर में बकरी अनुसंधान केंद्र बनाया जाए.
दरअसल मध्य प्रदेश बकरी पालन के मामले में देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर यू एल ज्वेल का कहना है कि मध्य प्रदेश में बकरी पालन 38% की दर से बढ़ रहा है, प्रदेश में लगभग 19 मिलियन बकरियां हैं और अगले एक-दो सालों में देश में सबसे ज्यादा बकरी पालन मध्यप्रदेश में देखने को मिलेगा. इस तरीके से मध्य प्रदेश गोट स्टेट का दर्जा प्राप्त कर सकता है, अगर राज्य और केंद्र सरकार मदद करती है तो बकरी पालन एक बड़ा व्यवसाय बन सकता है.
मध्यप्रदेश में अभी बारबरी, जमुनापारी, सिरोही के अलावा कुछ देसी किस्म की बकरियां पाली जाती हैं. वेटरनरी यूनिवर्सिटी में बंगाली नस्ल की बकरी को लाकर पाला जा रहा है, साथ ही दूसरी किस्म की बकरियों पर अनुसंधान चल रहा है. वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि बकरी के दूध में रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है, जो मरीजों के लिए दवा का काम करता है.