जबलपुर। जिले में 15 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी शुरू हो रही है. जिसके मद्देनजर कलेक्टर भरत यादव ने किसानों से कुछ बातें ध्यान रखने की अपील की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि, एसएमएस मिलने पर ही अपनी उपज लेकर खरीदी केन्द्रों पर पहुंचें. खरीदी केंद्रों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. उपज को पहले केंद्रों के सामने डंप ना करें. अगर कोई भी किसान बिना मैसेज के केंद्र पर पहुंचता है, तो उसकी उपज नहीं खरीदी जाएगी.
कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और तय मापदंडों के मद्देनजर इस बार 150 से अधिक गेहूं खरीदी केन्द्र बनाए जा रहे हैं, ताकि सभी खरीदी केन्द्रों पर ज्यादा लोग एक साथ एकत्र न हो सकें और सभी जरूरी सावधानियां बरती जा सकें.
किसानों को इन बातों का रखना होगा ध्यान
उपार्जन केंद्रों के आवक गेट पर बैरियर लगाने और खरीदी केंद्र परिसर के भीतर किसानों को तभी एंट्री मिलेगी, जब वो फेस मास्क पहनकर या चेहरे को गमछे से ढकेंगे. कलेक्टर ने हर एक उपार्जन केंद्र पर टोंटी लगी पानी की टंकी, साबुन रखने और हर दो घंटे में केंद्र पर मौजूद किसानों, हम्मालों और कर्मचारियों से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धुलवाने के निर्देश भी दिए हैं.
हर एक उपार्जन केंद्र में पर्याप्त संख्या में तौल-कांटे और हम्माल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए हैं. ताकि किसानों को उपज की तौल के लिए इंतजार न करना पड़े. उन्होंने खरीदी केन्द्रों पर मौजूद किसानों, हम्मालों और खरीदी केंद्र के कर्मचारियों के बीच 3 मीटर की दूरी सुनिश्चित रखने को कहा है.
हर तरह का रखा जाएगा ख्याल
कलेक्टर भरत यादव ने कहा है कि, गेहूं के परीक्षण, तौल पर्ची और बिल जारी करने वाले कर्मचारियों के पास भी एक से ज्यादा किसान जमा न हों. इसके लिए काउंटर के सामने तीन मीटर की दूरी पर चूने के गोले बनाए जाएंगे. साथ ही वहां पर विभिन्न संस्थाओं के वाॅलेंटियर्स भी नियुक्त किए जाएंगे. जिससे किसानों और खरीदी केंद्र के कर्मचारियों को किसी प्रकार की परेशानी न हों.
जबलपुर शहर की सीमाओं को भी पूरी तरह से सील कर दिया गया है. सिर्फ अंतिम संस्कार और मेडिकल इमरजेंसी के लिए लोगों को जिले के बाहर जाने या आने के लिए अनुमति दी जा रही है.