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बैंकों में लूट करने वाले गिरोह पर शिकंजा, मुख्य आरोपी अब भी फरार - mastermind of theft incident

जबलपुर के  शाहपुरा में 20 फरवरी को कोऑपरेटिव में डाका पड़ा था. इसी मामले में जबलपुर पुलिस ने पांच आरोपियों को उत्तर प्रदेश के बदायूं से गिरफ्तार किया है. चोरी की घटना का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है.

गिरोह पर शिकंजा
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Published : Jul 4, 2019, 9:40 PM IST

जबलपुर। शाहपुरा में 20 फरवरी को कोऑपरेटिव में डकैती की वारदात हुई थी. बैंक में बदमाशों ने 80 लाख रुपये की लूट की वारदात की थी. जबलपुर पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है की घटना का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है.

बैंकों में लूट करने वाले गिरोह पर शिकंजा

जबलपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बदायूं से हसरत अली, अफगान अली, इमरान अली, इशरत अली और यूसुफ अली को गिरफ्तार किया है. हालांकि गैंग का मास्टरमाइंड इसरार अली उर्फ टिन्ना अभी भी फरार है. पुलिस को इन लोगों के पास से 85 हजार रुपये मिले हैं, बाकी पैसा इन लोगों ने प्रॉपर्टी खरीदने में और व्यापार में लगा दिया है. जबलपुर पुलिस इन लोगों की रिमाइंड ले रही है और इसरार अली की तलाश जारी है.

इस तरह हुई थी घटना

शाहपुरा के कोऑपरेटिव बैंक में 20 फरवरी को जब बैंक मैनेजर ब्रांच पहुंचे, तो उन्हें ब्रांच में ऑफिस की एक खिड़की कटी हुई मिली और लॉकर को काटकर 80 लाख रुपये गायब मिले. बैंक मैनेजर ने तुरंत इस घटना की जानकारी जबलपुर पुलिस को दी. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तब बात का अंदाजा हो गया था कि यह घटना किसी शातिर गैंग ने की है क्योंकि डाका डालने वाले लोगों को इस बात की जानकारी थी कि बैंक की तिजोरी में कहां 2000 के और कहां 500 के नोट रखे हैं तिजोरी को कितना काटा जाए कि नोट भी ना जले हैं और पैसा भी मिल जाए.

तफ्तीश में एक गिरोह की जानकारी मिली जो बैंकों की छोटी ब्रांच में डाका डालने के लिए मशहूर है. उसने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी बैंकों में डाका डाला है. जबलपुर पुलिस को गिरोह का ठिकाना उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मिला. पुलिस ने जांच शुरू की तो इस गैंग के पांच सदस्यों को पुलिस उत्तर प्रदेश के बदायूं से पकड़ने में सफल रही है.

जबलपुर। शाहपुरा में 20 फरवरी को कोऑपरेटिव में डकैती की वारदात हुई थी. बैंक में बदमाशों ने 80 लाख रुपये की लूट की वारदात की थी. जबलपुर पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस का कहना है की घटना का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है.

बैंकों में लूट करने वाले गिरोह पर शिकंजा

जबलपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बदायूं से हसरत अली, अफगान अली, इमरान अली, इशरत अली और यूसुफ अली को गिरफ्तार किया है. हालांकि गैंग का मास्टरमाइंड इसरार अली उर्फ टिन्ना अभी भी फरार है. पुलिस को इन लोगों के पास से 85 हजार रुपये मिले हैं, बाकी पैसा इन लोगों ने प्रॉपर्टी खरीदने में और व्यापार में लगा दिया है. जबलपुर पुलिस इन लोगों की रिमाइंड ले रही है और इसरार अली की तलाश जारी है.

इस तरह हुई थी घटना

शाहपुरा के कोऑपरेटिव बैंक में 20 फरवरी को जब बैंक मैनेजर ब्रांच पहुंचे, तो उन्हें ब्रांच में ऑफिस की एक खिड़की कटी हुई मिली और लॉकर को काटकर 80 लाख रुपये गायब मिले. बैंक मैनेजर ने तुरंत इस घटना की जानकारी जबलपुर पुलिस को दी. पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तब बात का अंदाजा हो गया था कि यह घटना किसी शातिर गैंग ने की है क्योंकि डाका डालने वाले लोगों को इस बात की जानकारी थी कि बैंक की तिजोरी में कहां 2000 के और कहां 500 के नोट रखे हैं तिजोरी को कितना काटा जाए कि नोट भी ना जले हैं और पैसा भी मिल जाए.

तफ्तीश में एक गिरोह की जानकारी मिली जो बैंकों की छोटी ब्रांच में डाका डालने के लिए मशहूर है. उसने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में भी बैंकों में डाका डाला है. जबलपुर पुलिस को गिरोह का ठिकाना उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मिला. पुलिस ने जांच शुरू की तो इस गैंग के पांच सदस्यों को पुलिस उत्तर प्रदेश के बदायूं से पकड़ने में सफल रही है.

Intro:शाहपुरा को ऑपरेटिव बैंक डकैती मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को उत्तर प्रदेश के एटा से गिरफ्तार किया मास्टरमाइंड फरार कोऑपरेटिव बैंक में फरवरी में हुई थी 80 लाख रुपए की डकैती


Body:जबलपुर के शहपुरा में 20 फरवरी को सहकारी केंद्रीय मर्यादित बैंक में डाका पड़ा था इस डाके मैं बैंक के 80 लाख रुपया चोरी हो गए थे जबलपुर पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है हालांकि पुलिस का कहना है की घटना का मास्टरमाइंड अभी भी फरार है

शाहपुरा के कोऑपरेटिव बैंक में 20 फरवरी को जब बैंक मैनेजर ब्रांच पहुंचे थे तो उन्हें ब्रांच में ऑफिस की एक खिड़की कटी हुई मिली और लॉकर को काटकर ₹8000000 गायब मिला बैंक मैनेजर ने तुरंत इस घटना की जानकारी जबलपुर पुलिस को दी पुलिस ने तफ्तीश शुरू की तो पुलिस को इस बात का अंदाजा हो गया था कि यह घटना किसी शातिर गैंग ने की है क्योंकि डाका डालने वाले लोगों को इस बात की जानकारी थी कि बैंक की तिजोरी में कहां 2000 के और कहां 500 के नोट रखे हैं तिजोरी को कितना काटा जाए कि नोट भी ना जले हैं और पैसा भी मिल जाए और जिस दौरान यह घटना घटी उस दौरान आसपास किसी का मोबाइल चालू ना हो इससे यह अंदाज तो पुलिस को हो गया था कि इस घटना में कोई गिरोह शामिल है पुलिस ने जब इस मामले में पड़ताल शुरू की तो एक गिरोह की जानकारी मिली जो ऐसे इलाकों में छोटी बैंकों की ब्रांच में डाका डालने के लिए मशहूर है उसने छत्तीसगढ़ के बिलासपुर कर्नाटक आंध्र प्रदेश उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र यहां तक कि तमिलनाडु में भी ऐसी दूरदराज की बैंकों में डाका डाला है जबलपुर पुलिस को इस गिरोह का ठिकाना उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में मिला बदायूं के कुछ लोग नरसिंहपुर में गन्ने का व्यापार करने के लिए आए हुए थे और नरसिंहपुर में भी पनारी की ब्रांच में ऐसा एक डाका पड़ चुका है इसी लाइन पर पुलिस ने जांच शुरू की तो इस गैंग के पांच सदस्यों को पुलिस पकड़ने में सफल रही है

जबलपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश के एटा से हसरत अली अफगान अली इमरान अली इशरत अली और युसूफ अली को गिरफ्तार किया है हालांकि इस गैंग का मास्टरमाइंड इसरार अली उर्फ टिन्ना अभी भी फरार है
पुलिस को इन लोगों के पास से 85 हजार रुपया मिला है बाकी पैसा इन लोगों ने प्रॉपर्टी खरीदने में और व्यापार में लगा दिया है जबलपुर पुलिस इन लोगों का रिमाइंड ले रही है और इसरार अली की खोज में लगी हुई है


Conclusion:इस अंतरराज्यीय गिरोह ने जिस तरीके से डाके को अंजाम दिया था उससे एक बात साफ हो गई है की दूरदराज की ग्रामीण बैंक सुरक्षित नहीं है जबलपुर में एटीएम को ब्लास्ट करके उससे भी पैसा चुराया गया है जिसके आरोपी अब तक नहीं पकड़े गए हैं बाइट अमित सिंह पुलिस अधीक्षक जबलपुर
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