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पर्यावरण को सुरक्षित रखने की पहल, चांदी से बनाई गणेश प्रतिमा

शहर में पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिये चांदी से गणेश की प्रतिमा बनाई गई है. ये जबलपुर की सबसे महंगी मूर्ति भी है.

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Published : Sep 3, 2019, 3:53 PM IST

पर्यावरण को सुरक्षित रखने की पहल, चांदी से बनाई गणेश प्रतिमा

जबलपुर। शहर में गणेश उत्सव धूमधाम से शुरू हो गया है, इस बार गणेश पूजा में धार्मिक माहौल के साथ दूषित पर्यावरण की चिंता भी सता रही है. शहर के एक युवक ने चांदी से गणेशजी की मूर्ति बनाया है. जिससे नदी में कोई गंदगी प्रवाहित नहीं होती और पूजा-पाठ भी पूरे नियम धर्म से हो जाता है. इनका मानना है कि ये तरीका पूरी तरह से पर्यावरण के लिये सुरक्षित है.

पर्यावरण को सुरक्षित रखने की पहल, चांदी से बनाई गणेश प्रतिमा

शहर में लोग पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमाएं विराजित करने की कोशिश कर रहे हैं इसमें कई किस्म के प्रयोग किए जा रहे हैं कोई मिट्टी के गणेश बना रहा है कोई पत्तों से कोई फूल से लेकिन जबलपुर के एक शख्स ने इन सबसे हटकर एक प्रयोग किया है. इन्होंने 31 किलो चांदी से गणेश की प्रतिमा बनाई है. इसकी कीमत 12 लाख रुपए के लगभग है इस लिहाज से यह जबलपुर की सबसे महंगी मूर्ति भी है.

यह बकायदा दूसरी मूर्तियों की तरह मूर्ति की हर साल प्राण प्रतिष्ठा करवाते हैं और 7 से 8 दिन पूजते है और विसर्जन के समय गणेश जी को वापस अपने धाम जाने का आवाहन करते है इसके बाद गणेश प्रतिमा को नर्मदा में स्नान के लिए लेकर जाते है.

फिर दोबारा प्रतिमा को साल भर के लिए गर्भ ग्रह में रख दिया जाता है इस पूरी प्रक्रिया से नदी में कोई गंदगी प्रवाहित नहीं होती और पूजा-पाठ भी पूरे नियम धर्म से हो जाता है.

जबलपुर। शहर में गणेश उत्सव धूमधाम से शुरू हो गया है, इस बार गणेश पूजा में धार्मिक माहौल के साथ दूषित पर्यावरण की चिंता भी सता रही है. शहर के एक युवक ने चांदी से गणेशजी की मूर्ति बनाया है. जिससे नदी में कोई गंदगी प्रवाहित नहीं होती और पूजा-पाठ भी पूरे नियम धर्म से हो जाता है. इनका मानना है कि ये तरीका पूरी तरह से पर्यावरण के लिये सुरक्षित है.

पर्यावरण को सुरक्षित रखने की पहल, चांदी से बनाई गणेश प्रतिमा

शहर में लोग पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमाएं विराजित करने की कोशिश कर रहे हैं इसमें कई किस्म के प्रयोग किए जा रहे हैं कोई मिट्टी के गणेश बना रहा है कोई पत्तों से कोई फूल से लेकिन जबलपुर के एक शख्स ने इन सबसे हटकर एक प्रयोग किया है. इन्होंने 31 किलो चांदी से गणेश की प्रतिमा बनाई है. इसकी कीमत 12 लाख रुपए के लगभग है इस लिहाज से यह जबलपुर की सबसे महंगी मूर्ति भी है.

यह बकायदा दूसरी मूर्तियों की तरह मूर्ति की हर साल प्राण प्रतिष्ठा करवाते हैं और 7 से 8 दिन पूजते है और विसर्जन के समय गणेश जी को वापस अपने धाम जाने का आवाहन करते है इसके बाद गणेश प्रतिमा को नर्मदा में स्नान के लिए लेकर जाते है.

फिर दोबारा प्रतिमा को साल भर के लिए गर्भ ग्रह में रख दिया जाता है इस पूरी प्रक्रिया से नदी में कोई गंदगी प्रवाहित नहीं होती और पूजा-पाठ भी पूरे नियम धर्म से हो जाता है.

Intro:जबलपुर की सबसे महंगी 12 लाख रुपयों की 31 किलो चांदी से बनी गणेश प्रतिमा इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा का एक नायाब तरीका


Body:जबलपुर मैं गणेश उत्सव धूमधाम से शुरू हो गया है हालांकि इस बार समाज में गणेश पूजा में धार्मिक माहौल के साथ ही साथ पर्यावरण की चिंता भी नजर आ रही है और लोग पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमाएं विराजित करने की कोशिश कर रहे हैं इसमें कई किस्म के प्रयोग किए जा रहे हैं कोई मिट्टी के गणेश बना रहा है कोई पत्तों से कोई फूल से लेकिन जबलपुर के एक शख्स ने इन सबसे हटकर एक प्रयोग किया है इन्होंने चांदी के गणेश बनाएं इनका तर्क है कि मेरी मूर्ति से पर्यावरण को रेस मात्र की छति नहीं पहुंचेगी

गणेश प्रतिमा को जब स्थापित किया जाता है तो उनकी स्थापना के समय उसमें प्राण प्रतिष्ठा की जाती है और जब प्राण प्रतिष्ठा हो जाती है तब ही यह माना जाता है की यह मूर्ति श्रद्धा योग हो गई है और विसर्जन के पहले हवन करके गणेश जी से यह आवाहन किया जाता है कि वह अपने धाम को लौट जाएं इसके बाद उस गणेश प्रतिमा को मिट्टी मानते हुए उसे पवित्र नदी में प्रवाहित कर दिया जाता है इनका तर्क भी कुछ ऐसा ही है इनका कहना है कि वे इस मूर्ति की हर साल प्राण प्रतिष्ठा करवाते हैं बकायदा दूसरी मूर्तियों की तरह इनको भी 7 से 8 दिन रखा जाता है और जब विसर्जन का समय गणेश जी को वापस अपने धाम जाने का आवाहन किया जाता है इसके बाद गणेश प्रतिमा को नर्मदा में स्नान के लिए ले जाया जाता है और दोबारा प्रतिमा को साल भर के लिए गर्भ ग्रह में रख दिया जाता है इस पूरी प्रक्रिया से नदी में कोई गंदगी प्रवाहित नहीं होती और पूजा-पाठ भी पूरे नियम धर्म से हो जाता है इसलिए यह तरीका पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल है

वहीं 31 किलो चांदी से बनी यह जबलपुर की इकलौती मूर्ति है मूर्ति की कीमत 12 लाख रुपए के लगभग है इस लिहाज से यह जबलपुर की सबसे महंगी मूर्ति भी है


Conclusion:प्रमोद तिवारी गणेश भक्त
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