जबलपुर। शहर में गणेश उत्सव धूमधाम से शुरू हो गया है, इस बार गणेश पूजा में धार्मिक माहौल के साथ दूषित पर्यावरण की चिंता भी सता रही है. शहर के एक युवक ने चांदी से गणेशजी की मूर्ति बनाया है. जिससे नदी में कोई गंदगी प्रवाहित नहीं होती और पूजा-पाठ भी पूरे नियम धर्म से हो जाता है. इनका मानना है कि ये तरीका पूरी तरह से पर्यावरण के लिये सुरक्षित है.
शहर में लोग पर्यावरण के अनुकूल प्रतिमाएं विराजित करने की कोशिश कर रहे हैं इसमें कई किस्म के प्रयोग किए जा रहे हैं कोई मिट्टी के गणेश बना रहा है कोई पत्तों से कोई फूल से लेकिन जबलपुर के एक शख्स ने इन सबसे हटकर एक प्रयोग किया है. इन्होंने 31 किलो चांदी से गणेश की प्रतिमा बनाई है. इसकी कीमत 12 लाख रुपए के लगभग है इस लिहाज से यह जबलपुर की सबसे महंगी मूर्ति भी है.
यह बकायदा दूसरी मूर्तियों की तरह मूर्ति की हर साल प्राण प्रतिष्ठा करवाते हैं और 7 से 8 दिन पूजते है और विसर्जन के समय गणेश जी को वापस अपने धाम जाने का आवाहन करते है इसके बाद गणेश प्रतिमा को नर्मदा में स्नान के लिए लेकर जाते है.
फिर दोबारा प्रतिमा को साल भर के लिए गर्भ ग्रह में रख दिया जाता है इस पूरी प्रक्रिया से नदी में कोई गंदगी प्रवाहित नहीं होती और पूजा-पाठ भी पूरे नियम धर्म से हो जाता है.