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20 सालों से सांपों को जीवनदान दे रहे गजेंद्र दुबे, वन विभाग भी लेता है इनकी मदद - gajendra dubey saving snakes life

जबलपुर के गंजेंद्र दुबे पिछले 20 सालों से सांपों को बचाने का काम कर रहे हैं और अब तक करीब 2200 सांपों का रेस्क्यू कर उनकी जिंदगी बचा चुके हैं.

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20 साल से सांपों को बचा रहे
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Published : Jul 26, 2020, 8:24 AM IST

जबलपुर। अकसर अचनाक सांप को देख लोग डर जाते हैं. इसके अलावा सबको यह मालूम है कि सांप जहरीले होते हैं, जिसकी वजह से लोग सांप देखते ही झट से उस मारने का प्लान बनाने लगते हैं, लेकिन जबलपुर के पंडित गजेंद्र दुबे का कहना है कि लोगों को सांपों को नहीं मारना चाहिए. बारिश के मौसम में अक्सर सांप घरों में आ जाते हैं, ऐसे में सांप देख लोग तुरंत मारने को दौड़ते हैं. लेकिन सांपों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे पंडित गजेंद्र दुबे का कहना है कि सांप से लोगों को डर लगता है. कई सांप जहरीले भी होते हैं, फिर भी सांपों को नहीं मारना चाहिए.

गजेंद्र दुबे

गजेंद्र दुबे पिछले 20 सालों से सांपों को बचाने का काम कर रहे हैं और अब तक करीब 2200 सांपों का रेस्क्यू कर उनकी जिंदगी बचा चुके हैं. सांपों की जान बचाने वाले गजेंद्र दुबे ने बताया कि वह एक बार भेड़ाघाट के पास अपने रिश्तेदार के घर गए थे. तभी अचानक एक व्यक्ति सांप को पत्थर से कुचलकर मार रहा था. इस दौरान उनके मन में आया कि जब उस सांप ने हमारा कुछ बिगाड़ा ही नहीं है तो हम सर्प को बेवजह क्यों मार रहे हैं. इस सोच के साथ उन्होंने सांप पकड़ने और उसकी जान बचाने की मन में ठान ली और कहीं भी सांप के मिलने की जानकारी पर सांप को पकड़कर एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने लगे.

100 से 150 रुपए लेते हैं मेहनताना

गजेंद्र दुबे ने बताया कि शहर में किसी भी वक्त कहीं भी सांप मिलने की जानकारी मिलती है तो वे तुरंत पहुंचते हैं. हालांकि, सांप पकड़ने का काम वन विभाग का है, लेकिन वन विभाग कंट्रोल रूम से इनका ही नंबर दिया जाता है. सांप पकड़ने के लिए काफी दूर-दूर तक जाना पड़ता है, ऐसे में महज पेट्रोल के खर्चे के लिए वे लोगों से 100 से 150 रुपए लेते हैं.

जबलपुर। अकसर अचनाक सांप को देख लोग डर जाते हैं. इसके अलावा सबको यह मालूम है कि सांप जहरीले होते हैं, जिसकी वजह से लोग सांप देखते ही झट से उस मारने का प्लान बनाने लगते हैं, लेकिन जबलपुर के पंडित गजेंद्र दुबे का कहना है कि लोगों को सांपों को नहीं मारना चाहिए. बारिश के मौसम में अक्सर सांप घरों में आ जाते हैं, ऐसे में सांप देख लोग तुरंत मारने को दौड़ते हैं. लेकिन सांपों को बचाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे पंडित गजेंद्र दुबे का कहना है कि सांप से लोगों को डर लगता है. कई सांप जहरीले भी होते हैं, फिर भी सांपों को नहीं मारना चाहिए.

गजेंद्र दुबे

गजेंद्र दुबे पिछले 20 सालों से सांपों को बचाने का काम कर रहे हैं और अब तक करीब 2200 सांपों का रेस्क्यू कर उनकी जिंदगी बचा चुके हैं. सांपों की जान बचाने वाले गजेंद्र दुबे ने बताया कि वह एक बार भेड़ाघाट के पास अपने रिश्तेदार के घर गए थे. तभी अचानक एक व्यक्ति सांप को पत्थर से कुचलकर मार रहा था. इस दौरान उनके मन में आया कि जब उस सांप ने हमारा कुछ बिगाड़ा ही नहीं है तो हम सर्प को बेवजह क्यों मार रहे हैं. इस सोच के साथ उन्होंने सांप पकड़ने और उसकी जान बचाने की मन में ठान ली और कहीं भी सांप के मिलने की जानकारी पर सांप को पकड़कर एक जगह से दूसरी जगह छोड़ने लगे.

100 से 150 रुपए लेते हैं मेहनताना

गजेंद्र दुबे ने बताया कि शहर में किसी भी वक्त कहीं भी सांप मिलने की जानकारी मिलती है तो वे तुरंत पहुंचते हैं. हालांकि, सांप पकड़ने का काम वन विभाग का है, लेकिन वन विभाग कंट्रोल रूम से इनका ही नंबर दिया जाता है. सांप पकड़ने के लिए काफी दूर-दूर तक जाना पड़ता है, ऐसे में महज पेट्रोल के खर्चे के लिए वे लोगों से 100 से 150 रुपए लेते हैं.

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