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HC में याचिका दायर कर पूर्व सांसद ने मंत्री के भाई पर लगाए गंभीर आरोप, फैसला सुरक्षित - पूर्व सांसद कंकर मुंजारे

बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की तरफ से हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि, 'मंत्री रामकिशोर कांवरे का भाई हत्या के अपराध में जेल से पैरोल पर रिहा हुआ था, जिसके बाद से ही वो आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है'.

Former MP Kankar Munjare filed petition
पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने दायर की याचिका
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Published : Dec 5, 2020, 11:26 AM IST

Updated : Dec 5, 2020, 12:45 PM IST

जबलपुर। बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की तरफ से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाते हुए कहा गया कि, मंत्री रामकिशोर कांवरे का भाई राजकुमार हत्या के अपराध में जेल से पैरोल में रिहा हुआ था. पैरोल पर रिहा होने के बाद वो लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है. इस पूरे मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

राजकुमार को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा हुई है. वर्ष 2003 में 7 साल की सजा काटने के बाद राजकुमार को पैरोल पर रिहा कर दिया गया था. साल 2003 से पैरोल की अवधि में लगातार इजाफा किया जाता रहा, जिसके बाद से ही वो लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है. राजकुमार के खिलाफ कई अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं. वहीं साल 2007 में पुलिस अधीक्षक ने उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई के लिए अनुशंसा की थी, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते वो लगातार पैरोल की शर्तों का उल्लंधन कर रेत का अवैध कारोबार कर रहा है.

इस संबंध में पूर्व सांसद मुंजारे ने जेल डीआईजी और सरकार से पत्राचार भी किया, जिसके बाद कलेक्टर से मत मांगा गया था. कलेक्टर ने बालाघाट के एसपी को 20 फरवरी 2020 को पत्र लिखकर पूछा कि, राजकुमार कांवरे के खिलाफ कुल कितने प्रकरण दर्ज हैं, इसके बाद ही कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. बता दें कि, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिवेन्द्र पांडे पैरवी कर रहे हैं.

जबलपुर। बालाघाट के पूर्व सांसद कंकर मुंजारे की तरफ से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें आरोप लगाते हुए कहा गया कि, मंत्री रामकिशोर कांवरे का भाई राजकुमार हत्या के अपराध में जेल से पैरोल में रिहा हुआ था. पैरोल पर रिहा होने के बाद वो लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है. इस पूरे मामले में एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

राजकुमार को हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा हुई है. वर्ष 2003 में 7 साल की सजा काटने के बाद राजकुमार को पैरोल पर रिहा कर दिया गया था. साल 2003 से पैरोल की अवधि में लगातार इजाफा किया जाता रहा, जिसके बाद से ही वो लगातार आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है. राजकुमार के खिलाफ कई अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं. वहीं साल 2007 में पुलिस अधीक्षक ने उनके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई के लिए अनुशंसा की थी, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते वो लगातार पैरोल की शर्तों का उल्लंधन कर रेत का अवैध कारोबार कर रहा है.

इस संबंध में पूर्व सांसद मुंजारे ने जेल डीआईजी और सरकार से पत्राचार भी किया, जिसके बाद कलेक्टर से मत मांगा गया था. कलेक्टर ने बालाघाट के एसपी को 20 फरवरी 2020 को पत्र लिखकर पूछा कि, राजकुमार कांवरे के खिलाफ कुल कितने प्रकरण दर्ज हैं, इसके बाद ही कार्रवाई को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. बता दें कि, याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता शिवेन्द्र पांडे पैरवी कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 5, 2020, 12:45 PM IST
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