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'कोरोना संकट के बीच प्रतिशोध की भावना से किया गया अधिकारियों का तबादला'

पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने कोरोना संकट के बीच अधिकारियों के ट्रांसफर पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि, जब जबलपुर में संक्रिमत मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे समय में होनहार अधिकारी का तबादला करना प्रतिशोध की भावना से लिया गया फैसला है.

Lakhan Ghanghoria
लखन घनघोरिया
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Published : Apr 21, 2020, 2:06 PM IST

Updated : Apr 21, 2020, 6:57 PM IST

जबलपुर। पूरा प्रदेश इस समय कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. ऐसे में जिले के बड़े अधिकारियों के तबादले से जिले की सियासत गरमा गई है. पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने अधिकारियों के ट्रांसफर पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि, जब जबलपुर में संक्रिमत मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में वो अधिकारी जो हमेशा ही शहर के लिए खड़ा रहता है, साथ ही तमाम नेता जिसकी सार्वजनिक रूप से तारीफ करते हों. ऐसे अधिकारी का तबादला करना निश्चित रूप से प्रतिशोध की भावना को इंगित करता है.

'कोरोना संकट के बीच प्रतिशोध की भावना से किया गया अधिकारियों का तबादला'

उन्होंने शिवराज सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि, जब पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा था,उस समय शिवराज सिंह को कमलनाथ सरकार की मदद करनी थी. लेकिन शिवराज सिंह और भाजपा ने देशवासियों की चिंता न करते हुए सरकार को लूट लिया. भाजपा के स्वार्थ और संवेदनहीनता का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है.


पूर्व मंत्री ने ये भी कहा कि, शिवराज सिंह स्वयं सभी विभागों के मुखिया बने हुए हैं. चाहे स्वास्थ्य विभाग हो या गृह विभाग, ऐसे तमाम विभाग जहां सरकार असफल हो रही है. ऐसे विभागों के लिए वो खुद दोषी हैं. लॉकडाउन के दौरान हो रही मौत के लिए शिवराज जिम्मेदार हैं. यदि इन घटनाओं को हम कानून व्यवस्था से लेकर देखे, तो शिवराज सिंह ही प्रदेश में फैली अराजकता के जिम्मेदार हैं. उन्हें तुरंत ही अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए.

जबलपुर। पूरा प्रदेश इस समय कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. ऐसे में जिले के बड़े अधिकारियों के तबादले से जिले की सियासत गरमा गई है. पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया ने अधिकारियों के ट्रांसफर पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि, जब जबलपुर में संक्रिमत मरीजों की संख्या बढ़ रही है. ऐसे में वो अधिकारी जो हमेशा ही शहर के लिए खड़ा रहता है, साथ ही तमाम नेता जिसकी सार्वजनिक रूप से तारीफ करते हों. ऐसे अधिकारी का तबादला करना निश्चित रूप से प्रतिशोध की भावना को इंगित करता है.

'कोरोना संकट के बीच प्रतिशोध की भावना से किया गया अधिकारियों का तबादला'

उन्होंने शिवराज सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि, जब पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा था,उस समय शिवराज सिंह को कमलनाथ सरकार की मदद करनी थी. लेकिन शिवराज सिंह और भाजपा ने देशवासियों की चिंता न करते हुए सरकार को लूट लिया. भाजपा के स्वार्थ और संवेदनहीनता का खामियाजा पूरा प्रदेश भुगत रहा है.


पूर्व मंत्री ने ये भी कहा कि, शिवराज सिंह स्वयं सभी विभागों के मुखिया बने हुए हैं. चाहे स्वास्थ्य विभाग हो या गृह विभाग, ऐसे तमाम विभाग जहां सरकार असफल हो रही है. ऐसे विभागों के लिए वो खुद दोषी हैं. लॉकडाउन के दौरान हो रही मौत के लिए शिवराज जिम्मेदार हैं. यदि इन घटनाओं को हम कानून व्यवस्था से लेकर देखे, तो शिवराज सिंह ही प्रदेश में फैली अराजकता के जिम्मेदार हैं. उन्हें तुरंत ही अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए.

Last Updated : Apr 21, 2020, 6:57 PM IST
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