जबलपुर। नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के फिशरी साइंस के छात्र अपनी मांगों को लेकर पिछले एक हफ्ते से अनिश्तिचकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. बैचलर इन फिशरी साइंस के छात्रों का कहना है कि मत्स्य पालन विभाग जूलॉजी से बीएससी और एमएससी करके वाले छात्रों को नौकरी देता है, जबिक उनको मत्स्य उत्पादन की कोई खास जानकारी नहीं होती है. लेकिन फिशरी साइंस के छात्रों को मछली पालन की जानकारी होने के बावजूद विभाग नौकरी नहीं दे रहा है.
छात्रों का कहना है कि एंट्रेंस एग्जाम के जरिए ही हमे यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलता है. जिसके बाद साढ़े 4 साल तक कड़ी पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद डिग्री मिलती है. मछली पालन की बारीक जानकारी होने के बाद भी मत्स्य पालन विभाग नौकरी नहीं देता है. छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं करती, हड़ताल पर बने रहेंगे.
बता दें कि देश भर में वाटर सरफेस के मामले में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है. मतलब मध्यप्रदेश में कितने तालाब उपलब्ध हैं. जहां बड़ी मात्रा में मछली पालन किया जा सकता है, लेकिन मध्यप्रदेश देश में मछली पालन के मामले में 14वें नंबर पर है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि अगर उन्हें सरकार नौकरी देती है तो शासन को इसका लाभ मिलेगा.