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मत्स्य पालन विभाग से खफा छात्रों का अनिश्तिचकालीन हड़ताल

वेटनरी यूनिवर्सिटी के फिशरी साइंस के छात्र अपनी मांगों को लेकर पिछले एक हफ्ते से अनिश्तिचकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. छात्रों ने मत्स्य पालन विभाग पर नौकरी नहीं देने का आरोप लगाया है.

छात्रों का अनिश्तिचकालीन हड़ताल
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Published : Sep 2, 2019, 12:07 AM IST

Updated : Sep 2, 2019, 3:22 PM IST

जबलपुर। नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के फिशरी साइंस के छात्र अपनी मांगों को लेकर पिछले एक हफ्ते से अनिश्तिचकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. बैचलर इन फिशरी साइंस के छात्रों का कहना है कि मत्स्य पालन विभाग जूलॉजी से बीएससी और एमएससी करके वाले छात्रों को नौकरी देता है, जबिक उनको मत्स्य उत्पादन की कोई खास जानकारी नहीं होती है. लेकिन फिशरी साइंस के छात्रों को मछली पालन की जानकारी होने के बावजूद विभाग नौकरी नहीं दे रहा है.

छात्रों का अनिश्तिचकालीन हड़ताल

छात्रों का कहना है कि एंट्रेंस एग्जाम के जरिए ही हमे यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलता है. जिसके बाद साढ़े 4 साल तक कड़ी पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद डिग्री मिलती है. मछली पालन की बारीक जानकारी होने के बाद भी मत्स्य पालन विभाग नौकरी नहीं देता है. छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं करती, हड़ताल पर बने रहेंगे.

बता दें कि देश भर में वाटर सरफेस के मामले में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है. मतलब मध्यप्रदेश में कितने तालाब उपलब्ध हैं. जहां बड़ी मात्रा में मछली पालन किया जा सकता है, लेकिन मध्यप्रदेश देश में मछली पालन के मामले में 14वें नंबर पर है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि अगर उन्हें सरकार नौकरी देती है तो शासन को इसका लाभ मिलेगा.

जबलपुर। नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के फिशरी साइंस के छात्र अपनी मांगों को लेकर पिछले एक हफ्ते से अनिश्तिचकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. बैचलर इन फिशरी साइंस के छात्रों का कहना है कि मत्स्य पालन विभाग जूलॉजी से बीएससी और एमएससी करके वाले छात्रों को नौकरी देता है, जबिक उनको मत्स्य उत्पादन की कोई खास जानकारी नहीं होती है. लेकिन फिशरी साइंस के छात्रों को मछली पालन की जानकारी होने के बावजूद विभाग नौकरी नहीं दे रहा है.

छात्रों का अनिश्तिचकालीन हड़ताल

छात्रों का कहना है कि एंट्रेंस एग्जाम के जरिए ही हमे यूनिवर्सिटी में दाखिला मिलता है. जिसके बाद साढ़े 4 साल तक कड़ी पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद डिग्री मिलती है. मछली पालन की बारीक जानकारी होने के बाद भी मत्स्य पालन विभाग नौकरी नहीं देता है. छात्रों का कहना है कि जब तक सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं करती, हड़ताल पर बने रहेंगे.

बता दें कि देश भर में वाटर सरफेस के मामले में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है. मतलब मध्यप्रदेश में कितने तालाब उपलब्ध हैं. जहां बड़ी मात्रा में मछली पालन किया जा सकता है, लेकिन मध्यप्रदेश देश में मछली पालन के मामले में 14वें नंबर पर है. ऐसे में छात्रों का कहना है कि अगर उन्हें सरकार नौकरी देती है तो शासन को इसका लाभ मिलेगा.

Intro:नीली क्रांति में बाधा बन रही मध्य प्रदेश सरकार मत्स्य पालन विभाग में नहीं मिल रही फिशरीज के स्टूडेंट्स को नौकरी


Body:जबलपुर की वेटरनरी यूनिवर्सिटी में बैचलर इन फिशरी साइंस के नाम से एक स्पेशल कोर्स चलाया जाता है साडे 4 साल की इस डिग्री कोर्स में मछली पालन से जुड़ी पढ़ाई करवाई जाती है लेकिन बीते 1 हफ्ते से फिशरी साइंस के छात्र हड़ताल पर बैठे हुए हैं

मध्य प्रदेश मैं भारत का तीसरा सबसे बड़ा वाटर सरफेस है मतलब मध्यप्रदेश में कितने तालाब उपलब्ध हैं जहां बड़ी मात्रा में मछली पालन किया जा सकता है लेकिन मध्य प्रदेश देश में मछली पालन के मामले में 14 नंबर पर है मतलब बिल्कुल साफ है कि प्रदेश का मछली पालन विभाग निकम्मा और नकारा है नहीं तो ज्यादा तालाबों से ज्यादा मछलियां पैदा की जा सकती थी इसकी वजह बहुत स्पष्ट है जिसके चलते जबलपुर वेटरनरी कॉलेज के छात्र-छात्राएं हड़ताल पर हैं इन छात्र-छात्राओं का कहना है कि मछली पालन विभाग में जूलॉजी से बीएससी एमएससी करके आए छात्रों को नौकरी दे दी जाती है इन लोगों को मछली पालन की जानकारी नहीं होती इसलिए प्रदेश का मत्स्य उत्पादन उतना नहीं है जितना होना चाहिए इन छात्रों का कहना है कि हम साडे 4 साल तक इस पढ़ाई को करते हैं और हमें मछली पालन की पूरी बारीक जानकारियां हैं लेकिन हमें मछली पालन विभाग में नौकरी पर नहीं रखा जा रहा और जब तक सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं कर देती तब तक हड़ताल पर रहेंगे फिशरी के जिस विभाग में यह छात्र पढ़ाई कर रहे हैं उसमें एंट्रेंस एग्जाम के जरिए ही दाखिला पाया जा सकता है और 4 साल की कड़ी पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद ही डिग्री मिलती है लेकिन यदि इन्हें फील्ड पर काम करने ना मिले तो यह डिग्री इनके किसी काम की नहीं है

ऐसा नहीं है कि मध्य प्रदेश एक समृद्ध प्रदेश है मध्य प्रदेश देश का एक पिछड़ा प्रदेश है राजस्व भी दूसरे प्रदेशों से काम है रोजगार के कोई खास अवसर नहीं हैं लेकिन इसके बावजूद जहां से राजस्व और रोजगार पैदा किया जा सकता है वहां भी सरकार का ध्यान नहीं है यदि इन बच्चों को मत्स्य पालन विभाग में नौकरी मिल जाए तो मध्य प्रदेश का मत्स्य उत्पादन कई गुना बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह सीधी सरल बाद भी आखिर सरकार की समझ में क्यों नहीं आ रही


Conclusion:मछली उत्पादन का बढ़ना समृद्धि की निशानी है लोगों को रोजगार मिलेगा पोस्टिक भोजन मिलेगा तो देश का विकास होगा लेकिन लगता है सरकार ऐसा नहीं चाहती इसलिए इन छात्रों की मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है
बाइट शिवम पांडे छात्र फिशरीज डिपार्टमेंट
बाइट ऐश्वर्य मकवाना छात्र फिशरीज डिपार्टमेंट वेटनरी कॉलेज जबलपुर
Last Updated : Sep 2, 2019, 3:22 PM IST
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