जबलपुर। रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है. इस्लाम धर्मावलंबियों के अनुसार 610 ईंसवीं में इसी महीने में पैगंबर साहब को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी महीने में कुरान शरीफ लिखा गया था. तब से लेकर अब तक रमजान के इस महीने को इस्लाम धर्मावलंबी पवित्र महीना मानते हुए रोजे रखते हैं. रोजों का सिलसिला शुरू हो गया है. सामान्य दिनों में लोग इन दिनों में कुरान की आयतें पढ़ने के लिए मस्जिदों में जाते थे शाम में जब रोजे खुलते थे तो इफ्तार पार्टियां होती थी. लेकिन कोरोना वायरस ने इस त्यौहार पर भी नजर लगा दी है.
रमजान: घरों में रहकर ही रोजेदारों ने खोला रोजा, मांगी देश के लिए दुआ - रमजान
रमजान के पवित्र महीने में रोजेदारों ने घरों में रहकर नमाज पढ़ी और अपना रोजा खोला. इस दौरान रोजेदारों ने देश के लिए कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मियों के लिए दुआ मांगी.
![रमजान: घरों में रहकर ही रोजेदारों ने खोला रोजा, मांगी देश के लिए दुआ fasting in ramzan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-6943710-thumbnail-3x2-live.jpg?imwidth=3840)
जबलपुर। रमजान का पवित्र महीना शुरू हो गया है. इस्लाम धर्मावलंबियों के अनुसार 610 ईंसवीं में इसी महीने में पैगंबर साहब को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और इसी महीने में कुरान शरीफ लिखा गया था. तब से लेकर अब तक रमजान के इस महीने को इस्लाम धर्मावलंबी पवित्र महीना मानते हुए रोजे रखते हैं. रोजों का सिलसिला शुरू हो गया है. सामान्य दिनों में लोग इन दिनों में कुरान की आयतें पढ़ने के लिए मस्जिदों में जाते थे शाम में जब रोजे खुलते थे तो इफ्तार पार्टियां होती थी. लेकिन कोरोना वायरस ने इस त्यौहार पर भी नजर लगा दी है.