जबलपुर। जिले में प्रशासनिक लापरवाही किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी है, धान खरीदी केंद्रों पर रखा अनाज भीग कर अंकुरित हो गया, खरीदी केंद्र के अधिकारी अब अंकुरित धान को खरीदने से ही इनकार कर रहे हैं.
इस साल धान खरीदी के लिए वेयरहाउस के सामने ही खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. सरकार का सोचना यह था कि, इससे खरीदी केंद्रों से वेयरहाउस तक माल ढोने का समय बचेगा और ढुलाई भी नहीं देनी होगी, लेकिन ज्यादातर वेयरहाउस के पास इतनी जगह नहीं थी की किसानों के धान को रखवाया जा सकें. आसपास के खेतों में खरीदी केंद्र बना दिए गए और इसी बीच मौसम खराब हो गया और बेमौसम बारिश की वजह से अनाज पर लगातार पानी पड़ा, जिससे धान अंकुरित हो गए और अब इस अंकुरित धान को सरकार खरीदने से मना कर रही है.
किसान संघ के कार्यकर्ताओं का कहना है की, यदि उनका धान नहीं खरीदा गया तो वे इस धान को वित्त मंत्री तरुण भनोट के बंगले पर और जिला कलेक्ट्रेट में लाकर डंप कर देंगे, साथ ही कहा की धान खरीदी की अंतिम तारीख 20 जनवरी है और इसे भी बढ़ाया जाए, ताकि सभी किसानों का धान खरीदा जा सकें. किसानों ने अंकुरित धान को रखकर जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में प्रदर्शन किया.
केंद्र सरकार ने पिछले साल का सेंट्रल पूल का करोड़ों रुपए का अनाज नहीं उठाया है, इसकी वजह से राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. केंद्र जब तक पैसा नहीं देता तब तक राज्य सरकार किसानों को भुगतान नहीं कर पाएगी, इसलिए कुछ लापरवाही से और कुछ जानबूझकर धान खरीदी में देरी की जा रही है.