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खरीदी केंद्र पर रखा धान बारिश में भीग कर हुआ अंकुरित, फूटा किसानों का गुस्सा

धान की खरीदी में बरती गई प्रशासनिक लापरवाही किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी है, बारिश से भीग कर अनाज अकुरित हो गए हैं, अब खरीदी केंद्र के अधिकारियों ने भीगे हुए धान को खरीदने से ही इनकार कर दिया, जिसके विरोध में किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया है.

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Published : Jan 10, 2020, 12:22 PM IST

Updated : Jan 10, 2020, 2:54 PM IST

Farmers protest
धान खरीदी केंद्रों पर भीग कर अनाज हुआ अंकुरित

जबलपुर। जिले में प्रशासनिक लापरवाही किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी है, धान खरीदी केंद्रों पर रखा अनाज भीग कर अंकुरित हो गया, खरीदी केंद्र के अधिकारी अब अंकुरित धान को खरीदने से ही इनकार कर रहे हैं.

धान खरीदी केंद्रों पर भीग कर अनाज हुआ अंकुरित

इस साल धान खरीदी के लिए वेयरहाउस के सामने ही खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. सरकार का सोचना यह था कि, इससे खरीदी केंद्रों से वेयरहाउस तक माल ढोने का समय बचेगा और ढुलाई भी नहीं देनी होगी, लेकिन ज्यादातर वेयरहाउस के पास इतनी जगह नहीं थी की किसानों के धान को रखवाया जा सकें. आसपास के खेतों में खरीदी केंद्र बना दिए गए और इसी बीच मौसम खराब हो गया और बेमौसम बारिश की वजह से अनाज पर लगातार पानी पड़ा, जिससे धान अंकुरित हो गए और अब इस अंकुरित धान को सरकार खरीदने से मना कर रही है.


किसान संघ के कार्यकर्ताओं का कहना है की, यदि उनका धान नहीं खरीदा गया तो वे इस धान को वित्त मंत्री तरुण भनोट के बंगले पर और जिला कलेक्ट्रेट में लाकर डंप कर देंगे, साथ ही कहा की धान खरीदी की अंतिम तारीख 20 जनवरी है और इसे भी बढ़ाया जाए, ताकि सभी किसानों का धान खरीदा जा सकें. किसानों ने अंकुरित धान को रखकर जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में प्रदर्शन किया.

केंद्र सरकार ने पिछले साल का सेंट्रल पूल का करोड़ों रुपए का अनाज नहीं उठाया है, इसकी वजह से राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. केंद्र जब तक पैसा नहीं देता तब तक राज्य सरकार किसानों को भुगतान नहीं कर पाएगी, इसलिए कुछ लापरवाही से और कुछ जानबूझकर धान खरीदी में देरी की जा रही है.

जबलपुर। जिले में प्रशासनिक लापरवाही किसानों के लिए मुसीबत का सबब बन चुकी है, धान खरीदी केंद्रों पर रखा अनाज भीग कर अंकुरित हो गया, खरीदी केंद्र के अधिकारी अब अंकुरित धान को खरीदने से ही इनकार कर रहे हैं.

धान खरीदी केंद्रों पर भीग कर अनाज हुआ अंकुरित

इस साल धान खरीदी के लिए वेयरहाउस के सामने ही खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. सरकार का सोचना यह था कि, इससे खरीदी केंद्रों से वेयरहाउस तक माल ढोने का समय बचेगा और ढुलाई भी नहीं देनी होगी, लेकिन ज्यादातर वेयरहाउस के पास इतनी जगह नहीं थी की किसानों के धान को रखवाया जा सकें. आसपास के खेतों में खरीदी केंद्र बना दिए गए और इसी बीच मौसम खराब हो गया और बेमौसम बारिश की वजह से अनाज पर लगातार पानी पड़ा, जिससे धान अंकुरित हो गए और अब इस अंकुरित धान को सरकार खरीदने से मना कर रही है.


किसान संघ के कार्यकर्ताओं का कहना है की, यदि उनका धान नहीं खरीदा गया तो वे इस धान को वित्त मंत्री तरुण भनोट के बंगले पर और जिला कलेक्ट्रेट में लाकर डंप कर देंगे, साथ ही कहा की धान खरीदी की अंतिम तारीख 20 जनवरी है और इसे भी बढ़ाया जाए, ताकि सभी किसानों का धान खरीदा जा सकें. किसानों ने अंकुरित धान को रखकर जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में प्रदर्शन किया.

केंद्र सरकार ने पिछले साल का सेंट्रल पूल का करोड़ों रुपए का अनाज नहीं उठाया है, इसकी वजह से राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. केंद्र जब तक पैसा नहीं देता तब तक राज्य सरकार किसानों को भुगतान नहीं कर पाएगी, इसलिए कुछ लापरवाही से और कुछ जानबूझकर धान खरीदी में देरी की जा रही है.

Intro:भारत किसान संघ कि किसानों की चेतावनी यदि उनकी गीली धान नहीं खरीदी तो जिला कलेक्ट्रेट में और वित्त मंत्री तरुण भनोट के बंगले पर फेंक कर आएंगे धान


Body:जबलपुर के धान उत्पादक किसान परेशान है और भारतीय जनता पार्टी के किसान संगठन भारतीय किसान संघ के बैनर तले आंदोलन कर रहे हैं दरअसल जबलपुर में धान खरीदी में प्रशासनिक लापरवाही के चलते बड़ी तादाद में किसानों की धान बर्बाद हो गई है इस साल धान खरीदी के लिए वेयरहाउस के सामने ही खरीदी केंद्र बनाए गए थे सरकार का सोचना यह था कि इससे खरीदी केंद्रों से वेयरहाउस तक माल ढोने का समय बचेगा और धुलाई भी नहीं देनी होगी लेकिन हुआ उल्टा ज्यादातर वेयरहाउस के पास इतनी जगह नहीं थी कि किसानों की धान को रखवाया जा सके आसपास के खेतों में खरीदी केंद्र बना दिए गए और इसी बीच मौसम खराब हो गया मौसम के खराब होने की वजह से किसानों की धान पर लगातार पानी पड़ा और धान अंकुरित हो गई अब इस अंकुरित धान को सरकार खरीदने से मना कर रही है किसानों के पास अब धरने प्रदर्शन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है इसलिए पहले भारत कृषक समाज के साथ किसानों ने प्रदर्शन किया और अब भारतीय जनता पार्टी का किसानों का संगठन भारत किसान संघ मैदान में उतर गया है इन लोगों ने अंकुरित धान को रखकर जबलपुर के सिविक सेंटर पार्क में प्रदर्शन किया भारत किसान संघ के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि उनकी ऐसी ही धान नहीं खरीदी गई तो वे इस धान को वित्त मंत्री तरुण भनोट के बंगले पर और जिला कलेक्ट्रेट में लाकर डंप कर देंगे वहीं भारत किसान संगति किसानों का कहना है कि धान खरीदी की अंतिम तारीख 20 जनवरी है इसे भी बढ़ाया जाए ताकि सभी किसानों की धान खरीदी जा सके


Conclusion:दरअसल केंद्र सरकार ने पिछले साल का सेंट्रल पूल का करोड़ों रुपए का अनाज नहीं उठाया है इसकी वजह से राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है और जब तक केंद्र पैसा नहीं देता तब तक राज्य सरकार किसानों को भुगतान नहीं कर पाएगी इसलिए कुछ लापरवाही से और कुछ जानबूझकर धान खरीदी में देरी की जा रही है आम किसान इस बात को नहीं समझ पा रहा है
बाइट बलराम
Last Updated : Jan 10, 2020, 2:54 PM IST
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