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जबलपुर की हरी मटर के किसान परेशान, नहीं मिल रहे मुनासिब दाम, जाने क्या है वजह

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Published : Dec 24, 2022, 1:57 PM IST

जबलपुर के हरे मटर की डिमांड पूरे देश में है. जबलपुर की कृषि उपज मंडी में देश के अलग-अलग राज्यों से खरीदार पहुंच रहे हैं. लेकिन हरे मटर के किसानों को बेहतर दाम दिलाने के प्रशासन के पुराने वादे तुलना में जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है. मटर की आवक के साथ ही मटर के दाम में भी काफी गिरावट दर्ज की जा रही है. (Farmers of green peas of Jabalpur are upset)

Farmers of green peas of Jabalpur are upset
जबलपुर की हरी मटर के किसान परेशान
जबलपुर की हरी मटर के किसान परेशान

जबलपुर। जिले में इन दोनों मटर की बंपर आवक हो रही है. जबलपुर कृषि उपज मंडी में हजारों की तादाद में वाहन लाखों क्विंटल मटर लेकर पहुंच रहे हैं. इस बार मटर के बंपर उत्पादन के बावजूद भी किसान खुश नजर नहीं आ रहा है. मटर की आवक के साथ ही मटर के दाम में भी काफी गिरावट दर्ज की जा रही है. (Not getting reasonable price)

मात्र 10 से 15 रुपए किलो बिक रही मटरः वर्तमान में जबलपुर में मटर 10 से 15 रुपए किलो बिक रहा है. जिसकी वजह से किसानों की लागत भी निकलना मुश्किल है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जबलपुर जिले के लिए मटर का चयन हुआ था. जिला प्रशासन ने इस योजना का लाभ किसानों को मिले इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. किसानों का कहना है एक जिला एक उत्पाद योजना का किसानों को सीधा लाभ नहीं हो रहा है. (Peas are being sold for only 10 to 15 rupees kg)

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पूरे देश में है जबलपुर की हरी मटर की मांगः ये बात अलग है कि जबलपुर के हरे मटर की डिमांड पूरे देश में है. जबलपुर की कृषि उपज मंडी में देश के अलग-अलग राज्यों से खरीदीदार पहुंच रहे हैं. लेकिन हरे मटर के किसानों को बेहतर दाम दिलाने के प्रशासन के पुराने वादे के मुताबिक जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है. मटर लेकर कृषि उपज मंडी पहुंचे पाटन क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इस बार उन्होंने मटर की दोबारा बोनी की.जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल पड़ रहा है. किसान देव गोंटिया का कहना है कि उसने 10 एकड़ में मटर की बोनी की थी. लेकिन मटर के भाव से कम होने के कारण लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. मंडी में प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था तक नहीं की गई. जिस कारण मटर की गाड़ी समय से अंदर तक नही पहुंचती और उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. (Jabalpur green peas demand all over country)

प्रशासन की उपेक्षा के कारण हो रही बड़ी दिक्कतः महाराष्ट्र के अमरावती से मटर खरीदने पहुंचे मुजाहिद खान का कहना है कि जबलपुरी मटर का काफी नाम है. यही वजह है कि लोग से काफी पसंद करते हैं. लेकिन मंडी की व्यवस्था के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है. जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण मंडी के बाहर से गाड़ी अंदर जाने में ही 4 से 5 घंटे का समय लगता है. मटर खरीदने के बाद गाड़ी में लोड कर महाराष्ट्र अमरावती पहुंचने में काफी देर हो जाती है. जिस कारण उन्हें उचित दाम नहीं मिलता. (Big problem due to neglect of administration)

जबलपुर की हरी मटर के किसान परेशान

जबलपुर। जिले में इन दोनों मटर की बंपर आवक हो रही है. जबलपुर कृषि उपज मंडी में हजारों की तादाद में वाहन लाखों क्विंटल मटर लेकर पहुंच रहे हैं. इस बार मटर के बंपर उत्पादन के बावजूद भी किसान खुश नजर नहीं आ रहा है. मटर की आवक के साथ ही मटर के दाम में भी काफी गिरावट दर्ज की जा रही है. (Not getting reasonable price)

मात्र 10 से 15 रुपए किलो बिक रही मटरः वर्तमान में जबलपुर में मटर 10 से 15 रुपए किलो बिक रहा है. जिसकी वजह से किसानों की लागत भी निकलना मुश्किल है. आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जबलपुर जिले के लिए मटर का चयन हुआ था. जिला प्रशासन ने इस योजना का लाभ किसानों को मिले इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं. किसानों का कहना है एक जिला एक उत्पाद योजना का किसानों को सीधा लाभ नहीं हो रहा है. (Peas are being sold for only 10 to 15 rupees kg)

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पूरे देश में है जबलपुर की हरी मटर की मांगः ये बात अलग है कि जबलपुर के हरे मटर की डिमांड पूरे देश में है. जबलपुर की कृषि उपज मंडी में देश के अलग-अलग राज्यों से खरीदीदार पहुंच रहे हैं. लेकिन हरे मटर के किसानों को बेहतर दाम दिलाने के प्रशासन के पुराने वादे के मुताबिक जमीनी हकीकत इससे काफी अलग है. मटर लेकर कृषि उपज मंडी पहुंचे पाटन क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इस बार उन्होंने मटर की दोबारा बोनी की.जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल पड़ रहा है. किसान देव गोंटिया का कहना है कि उसने 10 एकड़ में मटर की बोनी की थी. लेकिन मटर के भाव से कम होने के कारण लागत निकालना मुश्किल हो रहा है. मंडी में प्रशासन की तरफ से कोई भी व्यवस्था तक नहीं की गई. जिस कारण मटर की गाड़ी समय से अंदर तक नही पहुंचती और उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. (Jabalpur green peas demand all over country)

प्रशासन की उपेक्षा के कारण हो रही बड़ी दिक्कतः महाराष्ट्र के अमरावती से मटर खरीदने पहुंचे मुजाहिद खान का कहना है कि जबलपुरी मटर का काफी नाम है. यही वजह है कि लोग से काफी पसंद करते हैं. लेकिन मंडी की व्यवस्था के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है. जिला प्रशासन की उदासीनता के कारण मंडी के बाहर से गाड़ी अंदर जाने में ही 4 से 5 घंटे का समय लगता है. मटर खरीदने के बाद गाड़ी में लोड कर महाराष्ट्र अमरावती पहुंचने में काफी देर हो जाती है. जिस कारण उन्हें उचित दाम नहीं मिलता. (Big problem due to neglect of administration)

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