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छह माह बाद भी सरकार ने नहीं दिया बोनस, कैसे मनेगी अन्नदाताओं की दीवाली - गेहूं खरीदी का बोनस न्यूज

किसानों को प्रदेश सरकार से गेहूं पर मिलने वाला बोनस छह महीने बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है. ऐसे में किसान का कहना है कि उनकी दिवाली का त्यौहार अंधकार में मनेगा.

किसानों को गेहूं खरीद के बोनस का इंतजार
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Published : Oct 17, 2019, 5:17 AM IST

जबलपुर। किसानों की हितैषी बनकर मध्यप्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आने वाली कमलनाथ सरकार किसाने खुश नजर नहीं आ रहे हैं. देश का सबसे बड़ा पर्व दीवाली किसान इस बार अधंकार में मनाएंगे इसकी वजह है कि जबलपुर सहित प्रदेश भर के किसानों को गेहूं खरीदी का बोनस नहीं मिलना.

किसानों को गेहूं खरीद के बोनस का इंतजार

जबलपुर के किसानों को साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का जो बोनस मिलना था वह 6 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक सरकार का खजाना खाली होना बोनस की देरी की वजह बन रहा है. किसानों की मानें तो सरकार ने 160 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब गेहूं पर बोनस देने का वादा किया था लेकिन अब तक बोनस नहीं मिला है.

किसान कृष्णपाल लोधी की माने तो इस बार अधिक बारिश होने के चलते पहले ही किसानों की फसल खराब हो गई है. जैसे तैसे उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से बोनस मिलेगा पर सरकार की लेट-लतीफी के चलते अब वह भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब किसानों की दीवाली कैसे मनेगी.

इधर किसानों को बोनस वितरण करने को लेकर जबलपुर कलेक्टर भरत यादव का कहना है कि सभी किसानों को बोनस मिलना है, जो कि सीधे उनके खाते में जाएगा पर अभी तक बोनस शासन स्तर से रुक हुआ है न कि जिले से.

जबलपुर। किसानों की हितैषी बनकर मध्यप्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आने वाली कमलनाथ सरकार किसाने खुश नजर नहीं आ रहे हैं. देश का सबसे बड़ा पर्व दीवाली किसान इस बार अधंकार में मनाएंगे इसकी वजह है कि जबलपुर सहित प्रदेश भर के किसानों को गेहूं खरीदी का बोनस नहीं मिलना.

किसानों को गेहूं खरीद के बोनस का इंतजार

जबलपुर के किसानों को साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का जो बोनस मिलना था वह 6 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक सरकार का खजाना खाली होना बोनस की देरी की वजह बन रहा है. किसानों की मानें तो सरकार ने 160 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब गेहूं पर बोनस देने का वादा किया था लेकिन अब तक बोनस नहीं मिला है.

किसान कृष्णपाल लोधी की माने तो इस बार अधिक बारिश होने के चलते पहले ही किसानों की फसल खराब हो गई है. जैसे तैसे उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से बोनस मिलेगा पर सरकार की लेट-लतीफी के चलते अब वह भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब किसानों की दीवाली कैसे मनेगी.

इधर किसानों को बोनस वितरण करने को लेकर जबलपुर कलेक्टर भरत यादव का कहना है कि सभी किसानों को बोनस मिलना है, जो कि सीधे उनके खाते में जाएगा पर अभी तक बोनस शासन स्तर से रुक हुआ है न कि जिले से.

Intro:जबलपुर
किसानों की हितैषी बनकर मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आने वाली कमलनाथ सरकार किसानों को खून के आंसू रुला रही है। हिंदुओं का सबसे बड़ा पर्व दीपावली इस बार किसानों का अंधकार में गुजरेगा।जिनकी वजह है कि जबलपुर सहित प्रदेश भर के किसानों को गेहूं खरीदी का बोनस अभी तक नहीं मिला है।


Body:बात करें अगर सिर्फ जबलपुर के ही किसानों की तो साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का बोनस जो कि किसान को मिलना था आज 6 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है।जानकारी के मुताबिक सरकार का खजाना खाली होना बोनस की देरी की वजह बन रहा है।किसानों की मानें तो सरकार ने जो वादा किया था 160 रु प्रति क्विंटल के हिसाब से बोनस देकर सरकार अपना वादा निभाएगी पर ऐसा हुआ नही।अनाज पैदा करने से खरीदी केंद्र में बेचने तक किसानों को भारी समस्या का सामना करना पड़ा कहीं बारदाना नहीं मिल रहा था तो कहीं सही तुलाई नहीं हो रही थी फिर भी किसानों ने अनाज खरीदी केंद्र में बेचा और आज 6 माह बीत गए फिर भी उन्हें बोनस के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।अब आलम यह है कि किसानों की दीपावली अंधकार में गुजरेगी।


Conclusion:किसान कृष्णपाल लोधी की माने तो इस बार अधिक बारिश होने के चलते पहले ही किसानों की फसल खराब हो गई थी जैसे तैसे उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से बोनस मिलेगा पर सरकार की हीला हवाली के चलते अब वह भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में अब किसानों की दीपावली अंधकार में होगी।इधर किसानों को बोनस वितरण बांटने को लेकर जबलपुर कलेक्टर भरत यादव का कहना है किबसभी किसानों को बोनस मिलना है जो कि सीधे उनके खाते में जाएगा पर अभी तक बोनस शासन स्तर से रुक हुआ है ना कि जिले से।
बाईट.1-कृष्णपाल लोधी....... किसान
बाईट.2-भरत यादव............ कलेक्टर
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