जबलपुर। किसानों की हितैषी बनकर मध्यप्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आने वाली कमलनाथ सरकार किसाने खुश नजर नहीं आ रहे हैं. देश का सबसे बड़ा पर्व दीवाली किसान इस बार अधंकार में मनाएंगे इसकी वजह है कि जबलपुर सहित प्रदेश भर के किसानों को गेहूं खरीदी का बोनस नहीं मिलना.
जबलपुर के किसानों को साढ़े तीन सौ करोड़ रुपए का जो बोनस मिलना था वह 6 माह बीत जाने के बाद भी नहीं मिला है. जानकारी के मुताबिक सरकार का खजाना खाली होना बोनस की देरी की वजह बन रहा है. किसानों की मानें तो सरकार ने 160 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब गेहूं पर बोनस देने का वादा किया था लेकिन अब तक बोनस नहीं मिला है.
किसान कृष्णपाल लोधी की माने तो इस बार अधिक बारिश होने के चलते पहले ही किसानों की फसल खराब हो गई है. जैसे तैसे उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से बोनस मिलेगा पर सरकार की लेट-लतीफी के चलते अब वह भी नहीं मिल रहा है. ऐसे में अब किसानों की दीवाली कैसे मनेगी.
इधर किसानों को बोनस वितरण करने को लेकर जबलपुर कलेक्टर भरत यादव का कहना है कि सभी किसानों को बोनस मिलना है, जो कि सीधे उनके खाते में जाएगा पर अभी तक बोनस शासन स्तर से रुक हुआ है न कि जिले से.