जबलपुर। कृषि बिल के विरोध में जहां लाखों किसान देश की राजधानी दिल्ली में डटे हुए हैं, तो वही वह किसान जो कि राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन में शामिल नहीं हो पाए. उन्होंने स्थानीय स्तर पर कृषि बिल के विरोध में अपना प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की है कि वह किसी भी कीमत में कृषि बिल को वापस ले नहीं तो पूरे देश का किसान सड़कों पर उतरने को मजबूर हो जाएगा.
मझौली से 100 किलोमीटर पैदल यात्रा कर जबलपुर पहुंचे सैकड़ों किसान
कृषि बिल कानून का विरोध संस्कारधानी जबलपुर में भी देखा जा रहा है. जहां करीब 5 दिन पहले मझौली तहसील से शुरु हुई हजारों किसानों की पैदल यात्रा आज जबलपुर कलेक्ट्रेट पहुंची और अपर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. इसके साथ ही केंद्र सरकार को चेताया है कि अगर कृषि बिल को सरकार वापस नहीं लेती है तो आने वाले समय में सिर्फ पैदल यात्रा ही नहीं बल्कि प्रदेश की राजधानी भोपाल से लेकर दिल्ली तक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेगी.
भारतीय किसान संगठन के बैनर तले जुटे हजारों किसान
कृषि बिल कानून को लेकर मझौली तहसील में करीब 5 दिन पहले सैकड़ों किसानों ने पैदल यात्रा शुरू की थी. जिसको बाद में भारतीय किसान संगठन का भी सहयोग मिला किसानों की पैदल यात्रा हजारों में बदल गई. पांच दिन बाद जबलपुर कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने साफ लफ्जों में केंद्र सरकार को चेतावनी दी है.
भारी पुलिस बल रहा तैनात
मझौली तहसील से गुरुवार की सुबह शुरू हुई किसानों की पैदल यात्रा 5 दिन बाद आज जब जबलपुर पहुंची तो कलक्ट्रेट के आस-पास के इलाके को छावनी में बदल दिया, भारी पुलिस बल के बीच किसानों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया और अपर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा, हालांकि किसानों का यह विरोध पूरी तरह से शांतिमय रहा. अब देखना यह होगा कि मध्य प्रदेश की संस्कारधानी में किसानों का प्रदर्शन आने वाले समय में कितना सफल रहेगा.