ETV Bharat / state

गेहूं खरीदी केंद्र में अव्यवस्थाओं से किसान हो रहे हैं परेशान, खुले में पड़ा है अनाज - एमपी न्यूज

जबलपुर में गेहूं खरीदी केंद्रों में किसान परेशान हैं. किसानों को बारदाना भी नहीं मिल रहा और न तो परिवहन ही हो रहा है. ऊपर से खुले आसमान के नीचे गेहूं रखा हुआ है, जबकि मौसम विभाग ने बारिश होने की संभावना जताई है.

खरीदी केंद्र में बाहर पड़ी गेहूं की बोरिया
author img

By

Published : May 9, 2019, 2:48 PM IST

जबलपुर। जिले में 29 अप्रैल को भले ही मतदान हो चुका हो, लेकिन अभी भी प्रशासनिक कामकाज पटरी पर नहीं आ सका है. खासतौर पर गेहूं खरीदी केंद्र में किसान परेशान हो रहे हैं. दरअसल जिले में 25 मई तक गेहूं खरीदी और परिवहन होना है, जिसके चलते किसान दिन-रात खरीदी केंद्रों में अपना अनाज लेकर पहुंच रहे हैं.


कई खरीदी केंद्रों में गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा है. फिलहाल मौसम साफ है, लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक कभी भी बारिश हो सकती है. लेकिन लगता है कि मौसम विभाग की इस चेतावनी से न तो केंद्र प्रभारियों और न तो जिला प्रशासन को कोई मतलब है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने गेहूं खरीदी केंद्रों का दौरा किया, तो बरगी विधानसभा अंतर्गत बरखेड़ा में गेहूं खुले मैदान में रखा हुआ मिला.

खरीदी केंद्र में बाहर पड़ी गेहूं की बोरिया


मौसम विभाग ने फोनी तूफान के चलते आंधी और बारिश की आशंका जताई थी. जिसके चलते जिला प्रशासन ने अलर्ट घोषित करते हुए खरीदी केंद्रों को जल्द से जल्द परिवहन करने के निर्देश भी दिए थे. बावजूद इसके गेहूं की खरीदी होने के बाद भी परिवहन नहीं किया गया. बरखेड़ा के बाद बिजौरी खरीदी केंद्र स्थित जमुनियां के राय वेयर हाउस में भी गेहूं खुले मैदान के नीचे रखा हुआ है, लेकिन न तो कोई कर्मचारी है और न ही परिवहन करने वाले वाहन. वहीं किसानों का कहना है कि बाकी व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन बारदाना नहीं मिल रहा और न ही परिवहन हो रहा है. वहीं केंद्र प्रभारी का कहना है कि वे अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.

जबलपुर। जिले में 29 अप्रैल को भले ही मतदान हो चुका हो, लेकिन अभी भी प्रशासनिक कामकाज पटरी पर नहीं आ सका है. खासतौर पर गेहूं खरीदी केंद्र में किसान परेशान हो रहे हैं. दरअसल जिले में 25 मई तक गेहूं खरीदी और परिवहन होना है, जिसके चलते किसान दिन-रात खरीदी केंद्रों में अपना अनाज लेकर पहुंच रहे हैं.


कई खरीदी केंद्रों में गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा है. फिलहाल मौसम साफ है, लेकिन मौसम विभाग के मुताबिक कभी भी बारिश हो सकती है. लेकिन लगता है कि मौसम विभाग की इस चेतावनी से न तो केंद्र प्रभारियों और न तो जिला प्रशासन को कोई मतलब है. वहीं जब ईटीवी भारत की टीम ने गेहूं खरीदी केंद्रों का दौरा किया, तो बरगी विधानसभा अंतर्गत बरखेड़ा में गेहूं खुले मैदान में रखा हुआ मिला.

खरीदी केंद्र में बाहर पड़ी गेहूं की बोरिया


मौसम विभाग ने फोनी तूफान के चलते आंधी और बारिश की आशंका जताई थी. जिसके चलते जिला प्रशासन ने अलर्ट घोषित करते हुए खरीदी केंद्रों को जल्द से जल्द परिवहन करने के निर्देश भी दिए थे. बावजूद इसके गेहूं की खरीदी होने के बाद भी परिवहन नहीं किया गया. बरखेड़ा के बाद बिजौरी खरीदी केंद्र स्थित जमुनियां के राय वेयर हाउस में भी गेहूं खुले मैदान के नीचे रखा हुआ है, लेकिन न तो कोई कर्मचारी है और न ही परिवहन करने वाले वाहन. वहीं किसानों का कहना है कि बाकी व्यवस्थाएं ठीक हैं, लेकिन बारदाना नहीं मिल रहा और न ही परिवहन हो रहा है. वहीं केंद्र प्रभारी का कहना है कि वे अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रहे हैं.

Intro:एंकर- जबलपुर जिले में भले ही मतदान हो चुका हो लेकिन अभी भी प्रशासनिक कामकाज पटरी पर नहीं आ रहा है। जिसका दुष्परिणाम यह है कि गेहूं खरीदी केंद्रों में किसानों के साथ जमकर लूट हो रही है। जिले में 25 मई तक गेहूं खरीदी और परिवहन होना है जिसके चलते किसान दिनरात खरीदी केंद्रों में अपना अनाज लेकर पहंुच रहे हैं और तुलाई एवं परिवहन के लिए केंद्र प्रभारियों के हाथ-पैर जोड़ रहे हैं। कई खरीदी केंद्रों में गेहूं खुले आसमान के नीचे रखा है। फिलहाल मौसम साफ है और चटख धूप निकल रही है लेकिन मौसम विभाग के अनुसार कभी भी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग की इस चेतावनी से न तो केंद्र प्रभारियों को कोई मतलब है और न ही जिला प्रशासन को यानि इस वर्ष भी सरकार को लाखों रूपयों का चूना लगना तय है..... पेश है स्पेशल रिपोर्ट
Body:वीओ- ETV भारत की टीम ने जब गेहूं खरीदी केंद्रों का दौरा किया तो सबसे पहले पहंुचे बरगी विधानसभा अंतर्गत बरखेड़ा गेहूं खरीदी केंद्र, जहां खुले मैदान में गेहूं की बोरियां रखी हुई हैं। मौसम विभाग ने फनी तूफान के चलते आंधी और बारिश की आशंका जताई थी जिसके चलते जिला प्रशासन ने अलर्ट घोषित करते हुए खरीदी केंद्रों को जल्द से जल्द परिवहन करने के निर्देश भी दिए थे। बावजूद इसके गेहूं की खरीदी होने के बाद भी परिवहन नहीं किया गया।
एम्बियंस-
वीओ- बरखेड़ा के बाद हम पहंुचे बिजौरी खरीदी केंद्र स्थित जमुनियां के राय वेयर हाउस... यहां भी गेहूं खुले मैदान के नीचे रखा हुआ था लेकिन न तो कोई कर्मचारी यहां था और न ही परिवहन करने वाले वाहन नजर आए। सहकारी समिति का एक लोडिंग वाहन जरूर वेयर हाउस के बगल में खड़ा था जो करीब 5 सालों से यहीं खड़ा हुआ है। केंद्र के कर्मचारी पास में ही एक घर में बैठकर आराम फरमा रहे थे। जहां किसान भी मौजूद थे और अपने गेहूं के परिवहन का इंतजार कर रहे थे। किसानों का कहना है कि बाकी व्यवस्थाएं ठीक हैं लेकिन बारदाना नहीं मिल रहा और न ही परिवहन हो रहा है। केंद्र प्रभारी का कहना है कि वे अपनी ओर से हर संभव प्रयास कर रहे हैं और जिम्मेदारों को समस्याओं से अवगत करवा रहे हैं।
बाइट- मनीष, किसान
बाइट- कीरत पटेल, केंद्र प्रभारी, बिजौरी
वीओ- ऐसा ही कुछ नजारा चरगवां के खरीदी केंद्र का भी है जहां किसान धूप में बैठकर गेहूं की तुलाई करवा रहे हैं। गेहूं तुलाई और परिवहन में आ रही समस्याओं को लेकर किसान परेशान हैं लेकिन कैमरे के सामने किसी के खिलाफ बोलने में उसे डर भी लग रहा है क्योंकि यदि वह किसी का नाम लेगा तो उसे अपना अनाज बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि एक किसान ने जरूर गेहूं खरीदी में आ रही परेशानियों के संबंध में खुलकर शिकायत की है। उसका कहना है कि गेहूं की तुलाई के लिए 25 रूपए प्रति क्विंटल, सिलाई के लिए 5 रूपए प्रतिक्विंटल और बारदाना के लिए 500 रूपए कमीशन लिया जाता है। यदि कोई किसान इसका विरोध करता है तो उसे 10-10 दिन तक वारदाना नहीं दिया जाता और अधिकारियों द्वारा परेशान किया जाता है।
बाइट- प्रहलाद सिंह, किसान
वीओ- ये तीनों खरीदी केंद्र चरगवां सहकारी समिति के अंतर्गत आते हैं जिनके प्रभारी रघुराज सिंह पटेल हैं। जब उनसे पूछा गया कि परिवहन क्यों नहीं हो रहा तो उन्होंने खुद बताया कि कई बार अधिकारियों को सूचना देने के बाद भी परिवहन नहीं हो पा रहा जिसका उनके पास कोई जवाब नहीं है। वहीं परिवहन करने का टेंडर रीतेश नामक व्यक्ति को मिला है लेकिन वह भी रूचि नहीं ले रहा।
बाइट- रघुराज सिंह पटेल, समिति प्रबंधक
वीओ- इस संबंध में जब चरगवां तहसीलदार से पूछा गया तो उन्होंने सबकुछ ठीक बताया और परिवहन न होने के पीछे वेयर हाउस की कमी का हवाला दिया। उनका कहना है कि 10 तारीख तक पास के एक गांव में वेयर हाउस बनकर तैयार हो जाएगा जिसके बाद परिवहन में तेजी आएगी।
बाइट- एस. के. पटेल, तहसीलदार, चरगवां

शिव चौबे
बरगी विधानसभा जबलपुरConclusion: गरीब किसान दिन रात मेहनत कर अनाज उगाता है इसके बाद वह अपने परिवार के भरण पोषण के लिए दो वक्त की रोटी जुटा पाता है लेकिन नुमाइश बंदे गरीबों के हक पर भी डाका डालने से बाज नहीं आ रहे हैं एक तरफ सरकार गरीब किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं चले चला रही है वहीं सरकार के नुमाइशी बंदे भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार किए जा रहे हैं ओर भ्रष्टाचार करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है क्या योजनाएं सरकारी कागजों तक सबमिट कर रह जाएंगी या फिर उन गरीबों को उनका हक मिलेगा
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.