जबलपुर। कोरोना संक्रमण (Covid 19) के दौरान मरीजों की सेवा करते हुए जबलपुर नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में पदस्थ एक नर्स की संक्रमित होने के बाद मौत हो गई थी. राज्य में यह पहला मामला आया था, जब किसी नर्स की संक्रमित होने के बाद मौत हुई हो. नर्स के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपये की सम्मान निधि दी जानी थी. लेकिन आज तक नर्स के परिजनों को मदद नहीं मिली. लिहाजा, दिवंगत नर्स के पति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार के साथ ही जबलपुर कलेक्टर और अन्य आवेदकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
सम्मान निधि की राशि नहीं मिली : जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में पदस्थ सीनियर स्टाफ नर्स की 30 सितंबर 2020 को कोरोना संक्रमित होने के चलते मौत हो गई थी. नियम के अनुसार महिला नर्स की मौत होने के बाद राज्य सरकार को सम्मान निधि की राशि 50 लाख रुपए परिजनों को देनी थी पर आज तक यह राशि नहीं दी गई. इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमठ, जस्टिस पीके कौरव की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, जबलपुर कलेक्टर और अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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दिवंगत नर्स को कोरोना योद्धा का सम्मान मिला : नर्स के पति विनीत कुमार की ओर से दायर याचिका पर अधिवक्ता मनोज कुशवाहा, कौशलेंद्र सिंह व अंशुल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता की पत्नी सीमा मेडिकल कॉलेज जबलपुर में पदस्थ ही सेवा के दौरान कोरोना पॉजिटिव हुई और उसकी मौत हो गई. मृत्यु के बाद जिला प्रशासन ने दिवंगत नर्स को कोरोना योद्धा का सम्मान तो दिया पर सम्मान निधि राशि आज तक नहीं दी गई. इस संबंध में याचिकाकर्ता ने जबलपुर कलेक्टर के समक्ष अपना दावा भी प्रस्तुत किया. कलेक्टर द्वारा उपरोक्त दावे को सचिव मध्यप्रदेश शासन व संचालक चिकित्सा शिक्षा को भेजा गया. शासन द्वारा कहा गया है कि याचिकाकर्ता को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा उपरोक्त सम्मान निधि का भुगतान किया जाएगा. (Corona warrior not get respect fund) (Family of Corona warrior in High Court)