जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Mock Remediesvir Injection) मामले में एसआईटी टीम को आज एक बार फिर अहम सबूत मिले हैं. एसआईटी की टीम ने बुधवार को सिटी अस्पताल के मेडिकल स्टोर के पीछे से 2 इंजेक्शन बरामद किए है, जबकि सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के पुल नंबर 2 स्थित खाली प्लाट से इंजेक्शन की टूटी सिसियां और इंजेक्शन बरामद किए हैं. इधर एसआईटी की टीम ने मोखा और उसकी पत्नी के बाद देवेश और मैनेजर सोनिया से पूछताछ के बाद सुनील मिश्रा, राकेश शर्मा, हरकरण सिंह का नाम भी एफआईआर में दर्ज कर लिया है. एसआईटी की टीम मोखा के बड़े बेटे की तालाश को लेकर जिले के बाहर भी टीम भेजी है.
- पुल नंबर 2 के खाली प्लाट में मिले इंजेक्शन
जानकारी के मुताबिक सरबजीत सिंह मोखा का पुल नंबर 2 के पास खाली प्लाट पड़ा हुआ है. नकली इंजेक्शन में सुर्खियां में आने के बाद सरबजीत सिंह मोखा, देवेश चौरसिया सहित अन्य ने नकली इंजेक्शनों को खपाना शुरू कर दिया. कुछ इंजेक्शन खाली प्लाट में भी डिस्पोज किए गए थे. आरोपियों से पूछताछ में एसआईटी टीम को जानकारी लगी कि रेल्वे पुल नंबर 2 स्थित मोखा के खाली प्लाट में इंजेक्शन डिस्पोज किए गए हैं. पुलिस ने मौके पर जाकर इंजेक्शन की कुछ सिसियां बरामद की है.
- मोखा के बेटे का अहम किरदार
नकली इंजेक्शन मामले की जांच में अब तक जो सामने आया है, उसमें सरबजीत सिंह मोखा के बड़े बेटे हरकरण सिंह मोखा की भूमिका मुख्य मानी जा रही है. पुलिस भी बेटे को गिरफ्तार करने के लिए शहर सहित अन्य जिलों में दबिश दे रही है, बेटे के पकड़े जाने के बाद इस मामले में और अन्य खुलासा भी होगा.
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- आरोपी राकेश शर्मा ने मांगे थे 15 लाख रुपए
एसआईटी टीम की प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि मामले के आरोपी राकेश शर्मा ने सरबजीत सिंह मोखा से 15 लाख रूपए मंगवाए थे. राकेश शर्मा इन पैसों के बदले नकली इंजेक्शन उपलब्ध कराता था, जो कि अब पुलिस गिरफ्त में है. इधर एसआईटी प्रमूख अधिकारी का कहना है कि आरोपियों को सरंक्षण देने, बचाव करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. एसआईटी की टीम ने साफ शब्दों में कह दिया कि नकली इंजेक्शन मामले में आरोपियों को जो भी बचाने का प्रयास करेगा या फरार आरोपियों को सरंक्षण देगा उस पर कार्रवाई होगी.
- सिटी अस्प्ताल में हुई मौतों की भी होगी उच्चस्तरीय जांच
सिटी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की मौत के मामले की जांच अब मेडिकल कॉलेज की उच्चस्तरीय टीम जांच करेगी. पता लगाया जाएगा कि मरीजों की मौत कैसे हुई हैं, जांच के लिए मेडिकल डॉक्टरो की एक टीम गठित कराई जा रही है.