जबलपुर। कोरोना काल के दौरान नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कांड में फंसे सरबजीत मोखा की मुश्किलें बढ़ सकती है. सिटी हॉस्पिटल के डायरेक्टर मोखा को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. जिसके बाद वो जेल से रिहा हुए हैं. लेकिन अब ईडी के एक पत्र से उनकी मुसीबतें बढ़ती दिख रही है. दरअसल प्रवर्तन निदेशालय ने जबलपुर एसपी से मोखा और नकली रैमडेसिवर इंजेक्शन कांड से संबंधित हर जानकारी मांगी है.
प्रवर्तन निदेशालय ने मांगी एसपी से जानकारी
प्रवर्तन निदेशालय ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में जबलपुर एसपी को एक गोपनीय पत्र लिखा है और इसके जरिए मोखा से जुड़ी जानकारियां (ED seeks information from jabalpur SP) मांगी गई है. मिली जानकारी के मुताबिक, ईडी ने सरबजीत सिंह मोखा और नकली रेमडेसिवर इंजेक्शन कांड में उससे जुड़े तमाम आरोपियों की हर जानकारी मांगी है जिसमें मामले की एफआईआर, जांच की फाईंडिंग्स और मीडिया रिपोर्टिंग भी शामिल है.
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ईडी कर सकती है जांच
इंदौर में ईडी के डिप्टी डायरेक्टर की ओर से जबलपुर एसपी को एक पत्र लिखकर ये जानकारी मांगी गई है, जिसकी पुष्टि जबलपुर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने की है. माना जा रहा है कि ईडी भी इस मामले में जांच और कार्रवाई कर सकती है. बता दें कि गुजरात के सूरत में एक फैक्ट्री में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake Remdesivir Injection Case) बनाने का खुलासा हुआ था, जिन से 500 नकली इंजेक्शन मोखा द्वारा जबलपुर मंगवाए गए थे. पुलिस की एसआईटी की जांच के मुताबिक, मोखा के सिटी हॉस्पिटल में भर्ती 171 कोरोना मरीजों को 209 नकली इंजेक्शन लगे थे. जिनमें से 9 मरीजों की मौत हो गई थी.