जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में पुलिस ने सरबजीत सिंह मोखा को उसके बेटे और पत्नी के साथ गिरफ्तार किया है, लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस की यह तय नहीं कर पाई है कि क्या सरबजीत ने जानबूझकर नकली इंजेक्शन खरीदे थे? या उसे इसका पता नहीं था. हालांकि सरबजीत की शनिवार को 3 दिन की पुलिस रिमांड खत्म हो गई है.
- 500 इंजेक्शन गुजरात की सपन जैन से खरीदे
सरबजीत सिंह मोखा ने पुलिस को बताया कि उसने 500 इंजेक्शन गुजरात की सपन जैन के एक रजिस्टर्ड फर्म भगवती फार्मा से खरीदे थे और इसके लिए उसने 15 लाख रुपए भी दिए. अभी तक यह भी तय नहीं हो पाया है कि भगवती फार्मा के सपन जैन ने सरबजीत को यह जानकारी दी थी या नहीं की वह उसे नकली इंजेक्शन दे रहा है. इस मामले में यदि सपन जैन या गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार अन्य आरोपी इस बात से मुकर जाते हैं कि उन्होंने सरबजीत को इसके बारे में जानकारी नहीं दी थी तो कोर्ट में सरबजीत पर आरोप सिद्ध करना पुलिस के लिए कठिन हो जाएगा. हालांकि अभी तक गुजरात पुलिस ने जिन आरोपियों को पकड़ा है उनके बयान जबलपुर पुलिस नहीं ले पाई है.
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- यह हैं सरबजीत पर आरोप
सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत पर नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन (Fake remdesivir injection) खरीदने का आरोप लगा है. आरोपी ने अपने ही अस्पताल में भर्ती 171 मरीजों को 209 नकली रेमडेसिविर लगाने का आरोप लगा है. मोखा ने अपने करीबियों से 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मंगवाए थे और इसम मामले में मुख्य आरोपी सरबजीत साथ उनका बेटा और पत्नी भी शामिल थे जो कि अब जेल में सजा काट रहे हैं.