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MP High Court : मंत्री विश्वास सारंग का फर्जी PA बोला- पीड़ितों को रुपए लौटाने को तैयार, नहीं मिली जमानत

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का पीए बनकर नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी करने वाले तथा उसके सहयोगी की हाईकोई ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. (Fake PA of Minister Vishwas Sarang) (Fake PA of Minister not get bail)

Fake PA of Minister not get bail
मंत्री विश्वास सारंग का फर्जी PA बोला
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Published : Jul 17, 2022, 9:49 AM IST

जबलपुर। मंत्री विश्वास सारंग का पीए बनकर ठगी करने वाले की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपी ने कई लोगों के साथ ठगी की है. जिन व्यक्तियों के साथ ठगी की है, वह अनपढ़ व बेरोजगार हैं.

याचिका में दी दलील : याचिकाकर्ता धर्मेश विश्वकर्मा तथा सतीश बादशाह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि छिंदवाड़ा जिले के परासिया थाने में उनके खिलाफ 420,467,468,471,34 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था. वह 26 मई से जेल में निरुध्द है. वह पीड़ित व्यक्तियों को रुपये वापस करने के लिए तैयार है.

फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा था : जमानत याचिका का विरोध करते हुए सरकार की तरफ से युगलपीठ को बताया गया कि पीड़ित आकाश ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसकी कॉलोनी में रहने वाले तीन -चार लोगों ने नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी की थी. रुपये लेने के बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति-पत्र प्रदान किया गया था, जिसमें सेवानिवृत्त अधिकारियों के हस्ताक्षर थे. पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपी प्रवण को रिमांड में लिया था.

High Court Jabalpur : बुरहानपुर में नगरपालिका ने बिना काम के कर दिया ठेकेदार को 18 करोड़ का भुगतान

लोगों से 15 लाख रुपए ठगे : जांच में पाया गया कि उन्होंने इस तरह की ठगी अन्य लोगों के साथ भी की है. 15 लाख रुपये की ठगी करते हुए पीड़ितों को फर्जी प्रमाण-पत्र दिया था. एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं. सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी ने पैरवी की. (Fake PA of Minister Vishwas Sarang) (Fake PA of Minister not get bail)

जबलपुर। मंत्री विश्वास सारंग का पीए बनकर ठगी करने वाले की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस विशाल घगट ने अपने आदेश में कहा है कि आरोपी ने कई लोगों के साथ ठगी की है. जिन व्यक्तियों के साथ ठगी की है, वह अनपढ़ व बेरोजगार हैं.

याचिका में दी दलील : याचिकाकर्ता धर्मेश विश्वकर्मा तथा सतीश बादशाह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि छिंदवाड़ा जिले के परासिया थाने में उनके खिलाफ 420,467,468,471,34 के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था. वह 26 मई से जेल में निरुध्द है. वह पीड़ित व्यक्तियों को रुपये वापस करने के लिए तैयार है.

फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा था : जमानत याचिका का विरोध करते हुए सरकार की तरफ से युगलपीठ को बताया गया कि पीड़ित आकाश ने अपनी शिकायत में बताया था कि उसकी कॉलोनी में रहने वाले तीन -चार लोगों ने नौकरी दिलवाने के नाम पर ठगी की थी. रुपये लेने के बाद उन्हें फर्जी नियुक्ति-पत्र प्रदान किया गया था, जिसमें सेवानिवृत्त अधिकारियों के हस्ताक्षर थे. पुलिस ने पूछताछ के लिए आरोपी प्रवण को रिमांड में लिया था.

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लोगों से 15 लाख रुपए ठगे : जांच में पाया गया कि उन्होंने इस तरह की ठगी अन्य लोगों के साथ भी की है. 15 लाख रुपये की ठगी करते हुए पीड़ितों को फर्जी प्रमाण-पत्र दिया था. एकलपीठ ने उक्त आदेश के साथ दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं. सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अधिवक्ता वेद प्रकाश तिवारी ने पैरवी की. (Fake PA of Minister Vishwas Sarang) (Fake PA of Minister not get bail)

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