जबलपुर। कमलनाथ सरकार अपना पहला बजट 10 जुलाई को पेश करने जा रही है. इस बजट से प्रदेश की जनता को कई उम्मीदें हैं. वहीं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी संघ को उम्मीद है कि जिन पदों पर पूर्ववर्ती सरकार ने भर्तियां बंद कर दी थीं, उन्हे कमलनाथ सरकार फिर से शुरू करने पर विचार करे.
चतुर्थ वर्ग कर्मचारी संघ को उम्मीद है कि बजट में उनकी मांगों का ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि डाइंग कैडर और डी ग्रेड कर्मचारियों की पदों पर भर्ती शुरू की जाए, ताकि कम पढ़े-लिखे युवाओं को भी रोजगार मिल सके.
बता दें कि स्वीपर या अपोहक का पद सरकारी व्यवस्था में है, लेकिन अब यह डाइंग कैडर में है. डाइंग कैडर सरकार के वे पद हैं जिन पर एक बार काम करने वाला रिटायर होता है, तो उन पर दोबारा नियुक्ति नहीं की जाती. इस तरह से वह पद समाप्त हो जाता है. स्वीपर अकेला पद नहीं है, जिसे डाइंग कैडर में रखा गया है, बल्कि इस तरह के बहुत सारे पद हैं, जिनमें माली, दर्जी, कुक, ड्राइवर, धोबी शामिल है. इन सब पदों पर सरकार दोबारा नियुक्तियां नहीं कर रही है, बल्कि जहां भी इनकी जरूरत होती है, वहां आउटसोर्सिंग के जरिए इन पदों पर नियुक्तियां की जाती हैं.
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार सोचती है कि चतुर्थ वर्ग कर्मचारी एक किस्म की फिजूलखर्ची है, इसलिए डी ग्रेड का पूरा कैडर खत्म करना है, क्योंकि सरकार इनका भार नहीं उठा सकती. इन कामों को आउटसोर्सिंग के जरिए किया जाए. आउटसोर्सिंग एजेंसी को सरकार न्यूनतम मजदूरी दर पर भुगतान करती है. इसमें ठेकेदार अपना कमीशन काटने के बाद कर्मचारी को पेमेंट करता है. इससे सरकार की पेंशन और वेतन वृद्धि जैसी दूसरी जिम्मेदारियां खत्म हो जाती हैं, भले ही कर्मचारियों को इससे फायदा मिले या ना मिले.