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विक्टोरिया अस्पताल में ETV भारत का रियलटी चेक, जनरेटर तो मिला लेकिन ऑपरेटर नहीं - जबलपुर ईटीवी भारत रियलटी चैक

जबलपुर में ईटीवी भारत ने विक्टोरिया अस्पताल का रियलटी चेक किया. जहां ड्यूटी के दौरान स्टॉफ भी कम मिला और पॉवर बैकअप के लिए जनरेटर तो मिला लेकिन ऑपरेटर वहां कोई नहीं मिला.

Jabalpur Victoria Hospital
जबलपुर विक्टोरिया अस्पताल
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Published : Dec 14, 2020, 2:13 PM IST

जबलपुर। भोपाल के हमीदिया में बत्ती गुल होने से तीन मरीजों की मौत का मामला इस वक्त प्रदेश में सुर्खियों में है.इसी को देखते हुए जबलपुर में ईटीवी भारत ने विक्टोरिया अस्पताल का रियलटी चेक किया. जहां बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था और जनरेटर के बारे में जानकारी ली.

विक्टोरिया अस्पताल में रियलटी चेक

जिला अस्पताल में रविवार की शाम जब रियलटी चेक किया गया तो उस समय अस्पताल का ज्यादातर स्टॉफ नदारद था. आकस्मिक चिकित्सा में केवल एक नर्स बैठी थी और बाहर 2 स्टॉफ बॉय थे. इन लोगों ने बताया कि अस्पताल में पॉवर बैकअप की व्यवस्था है और सामने एक बड़ा सा जनरेटर लगा हुआ है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर जनरेटर ऑटोमेटिक बैकअप नहीं लेता है तो क्या हो. वहीं जनरेटर के पास भी कोई ऑपरेटर नहीं मिला.

हालांकि पीडब्ल्यूडी का एक कक्ष बना हुआ था, जिसमें भी ताला पड़ा हुआ था. इसके अलावा वहां कोई भी ऐसा शख्स नहीं था, जो यह जानकारी दे पाता कि हमीदिया जैसे हालात में जनरेटर को चालू करने के लिए वहां कौन मुस्तैद रहता.

वार्ड बॉय के भरोसे पावर बैकअप

अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि अस्पताल में मात्र एक ही आदमी है जो जनरेटर को ऑपरेट करता है. वही जब जरूरत होती है तो उसे चालू या बंद करता है. इसके साथ ही उसी वार्ड बॉय के भरोसे ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था भी है. इन दोनों महत्वपूर्ण ड्यूटी के अलावा बैड बॉय ऑफिस का काम भी देखता है. खास बात यह है कि एक ही वार्ड बॉय के भरोसे इतनी सारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देना कितना सही है.

जबलपुर जिला अस्पताल में अभी 300 से ज्यादा बेड हैं और इस अस्पताल को 500 बिस्तर तक पहुंचाने की तैयारी है. केवल इमारत बना देने से लोगों को इलाज मिल जाएगा. जब तक सरकारी व्यवस्था में बैठे लोग ईमानदारी से काम नहीं करेंगे तब तक परिस्थितियां सुधरने वाली नहीं है

जबलपुर। भोपाल के हमीदिया में बत्ती गुल होने से तीन मरीजों की मौत का मामला इस वक्त प्रदेश में सुर्खियों में है.इसी को देखते हुए जबलपुर में ईटीवी भारत ने विक्टोरिया अस्पताल का रियलटी चेक किया. जहां बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था और जनरेटर के बारे में जानकारी ली.

विक्टोरिया अस्पताल में रियलटी चेक

जिला अस्पताल में रविवार की शाम जब रियलटी चेक किया गया तो उस समय अस्पताल का ज्यादातर स्टॉफ नदारद था. आकस्मिक चिकित्सा में केवल एक नर्स बैठी थी और बाहर 2 स्टॉफ बॉय थे. इन लोगों ने बताया कि अस्पताल में पॉवर बैकअप की व्यवस्था है और सामने एक बड़ा सा जनरेटर लगा हुआ है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर जनरेटर ऑटोमेटिक बैकअप नहीं लेता है तो क्या हो. वहीं जनरेटर के पास भी कोई ऑपरेटर नहीं मिला.

हालांकि पीडब्ल्यूडी का एक कक्ष बना हुआ था, जिसमें भी ताला पड़ा हुआ था. इसके अलावा वहां कोई भी ऐसा शख्स नहीं था, जो यह जानकारी दे पाता कि हमीदिया जैसे हालात में जनरेटर को चालू करने के लिए वहां कौन मुस्तैद रहता.

वार्ड बॉय के भरोसे पावर बैकअप

अस्पताल के एक कर्मचारी ने बताया कि अस्पताल में मात्र एक ही आदमी है जो जनरेटर को ऑपरेट करता है. वही जब जरूरत होती है तो उसे चालू या बंद करता है. इसके साथ ही उसी वार्ड बॉय के भरोसे ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था भी है. इन दोनों महत्वपूर्ण ड्यूटी के अलावा बैड बॉय ऑफिस का काम भी देखता है. खास बात यह है कि एक ही वार्ड बॉय के भरोसे इतनी सारी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देना कितना सही है.

जबलपुर जिला अस्पताल में अभी 300 से ज्यादा बेड हैं और इस अस्पताल को 500 बिस्तर तक पहुंचाने की तैयारी है. केवल इमारत बना देने से लोगों को इलाज मिल जाएगा. जब तक सरकारी व्यवस्था में बैठे लोग ईमानदारी से काम नहीं करेंगे तब तक परिस्थितियां सुधरने वाली नहीं है

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