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जबलपुर में चरमराई सफाई व्यवस्था, कर्मचारियों ने नग्न होकर किया प्रदर्शन

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Published : Dec 3, 2019, 2:52 PM IST

जबलपुर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था है, जो कि एस्सेल कंपनी के कर्मचारी करते हैं. जो अब सड़कों पर उतर आये हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने उन्हे 5 हजार रुपये वेतन देती है जिससे उनका गुजर-बसर नहीं होता है तो वहीं तीन महीने से वेतन भी नहीं मिला है.

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जबलपुर में चरमराई सफाई व्यवस्था

जबलपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नंबर पाने के लिए जहां प्रदेश के हर शहर रोजाना नये कवायद कर रहे हैं तो दूसरी ओर जबलपुर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. क्योंकि यहां के सफाई कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. लिहाजा अब कर्मचारी सफाई व्यवस्था को दरकिनार कर प्रदर्शन पर उतर आये हैं.

जबलपुर में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन

दरअसल जबलपुर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था है, जो कि एस्सेल कंपनी के कर्मचारी करते हैं. एस्सेल के पास करीब 3 हजार कर्मचारी कचरा कलेक्शन का काम करते हैं जो अब सड़कों पर उतर आये हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने उन्हे 5 हजार रुपये वेतन देती है जिससे उनका गुजर-बसर नहीं होता है तो वहीं तीन महीने से वेतन भी नहीं मिला है.

स्वच्छता सर्वेक्षण में कैसे नंबर वन बनेगा जबलपुर ?

जबलपुर स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन आने की दौड़ में लगा हुआ है, यही वजह है कि नगर निगम और जिला प्रशासन के 70 अधिकारी रोज सुबह दो घंटे तक शहर की सफाई व्यवस्था को मौके पर जाकर देखते हैं. ऐसे में कर्मचारी ही हड़ताल पर चले जाएंगे तो फिर शहर की सफाई कौन करेगा? गौरतलब है कि कंपनी को करोड़ों रुपए का टेंडर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी वह कर्मचारियों की पेमेंट क्यों नहीं कर रही है यह बात समझ में नहीं आ रही. हालांकि अब जबलपुर नगर निगम के कमिश्नर ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को 3 दिन में तनख्वाह दिलवाने का आश्वासन दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर 3 दिन में पेमेंट नहीं हुआ तो उनका प्रदर्शन और उग्र हो जाएगा.

जबलपुर। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में नंबर पाने के लिए जहां प्रदेश के हर शहर रोजाना नये कवायद कर रहे हैं तो दूसरी ओर जबलपुर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. क्योंकि यहां के सफाई कर्मचारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. लिहाजा अब कर्मचारी सफाई व्यवस्था को दरकिनार कर प्रदर्शन पर उतर आये हैं.

जबलपुर में सफाई कर्मचारियों का प्रदर्शन

दरअसल जबलपुर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था है, जो कि एस्सेल कंपनी के कर्मचारी करते हैं. एस्सेल के पास करीब 3 हजार कर्मचारी कचरा कलेक्शन का काम करते हैं जो अब सड़कों पर उतर आये हैं. कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने उन्हे 5 हजार रुपये वेतन देती है जिससे उनका गुजर-बसर नहीं होता है तो वहीं तीन महीने से वेतन भी नहीं मिला है.

स्वच्छता सर्वेक्षण में कैसे नंबर वन बनेगा जबलपुर ?

जबलपुर स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन आने की दौड़ में लगा हुआ है, यही वजह है कि नगर निगम और जिला प्रशासन के 70 अधिकारी रोज सुबह दो घंटे तक शहर की सफाई व्यवस्था को मौके पर जाकर देखते हैं. ऐसे में कर्मचारी ही हड़ताल पर चले जाएंगे तो फिर शहर की सफाई कौन करेगा? गौरतलब है कि कंपनी को करोड़ों रुपए का टेंडर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी वह कर्मचारियों की पेमेंट क्यों नहीं कर रही है यह बात समझ में नहीं आ रही. हालांकि अब जबलपुर नगर निगम के कमिश्नर ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को 3 दिन में तनख्वाह दिलवाने का आश्वासन दिया है. कर्मचारियों का कहना है कि अगर 3 दिन में पेमेंट नहीं हुआ तो उनका प्रदर्शन और उग्र हो जाएगा.

Intro:जबलपुर में सफाई कर्मचारियों ने नग्न होकर किया प्रदर्शन एस एल कंपनी ने बीते 3 महीने से नहीं दी सफाई कर्मचारियों की तनख्वाह मौके पर पहुंचे नगर निगम कमिश्नर ने जल्द ही समस्या सुलझाने का दिया आश्वासन जबलपुर की सफाई व्यवस्था पटरी परBody:जबलपुर मैं डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की व्यवस्था है यह ठेका एस्सेल कंपनी के पास में है कंपनी के लगभग 3000 कर्मचारी हैं इन कर्मचारियों को बीते 3 महीने से वेतन नहीं मिला है इससे परेशान एक कर्मचारी ने पूर्ण नग्न होकर और कुछ कर्मचारियों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया कर्मचारियों का आरोप है कि बीते 3 महीने से उन्हें कंपनी ने कोई पेमेंट नहीं की है कुछ कर्मचारियों का कहना है कि तनख्वाह के नाम पर उन्हें मात्र ₹5000 दिया जाता है और उसमें से भी कंपनी कटौती कर लेती है और बीते 3 महीने से यह पैसा भी नहीं मिला है ऐसे में वे कैसे काम करेंगे यह समझ में नहीं आ रहा इसलिए वे प्रदर्शन कर रहे हैं

जबलपुर स्वच्छता सर्वेक्षण मैं नंबर 1 आने की दौड़ में लगा हुआ है और नगर निगम और जिला प्रशासन के 70 अधिकारी रोज सुबह 2 घंटे तक शहर की सफाई व्यवस्था को मौके पर जाकर देखते हैं लेकिन यदि कर्मचारी ही हड़ताल पर चले जाएंगे तो फिर शहर की सफाई कौन करेगा कंपनी को करोड़ों रुपए का टेंडर दिया गया है लेकिन इसके बाद भी वह कर्मचारियों की पेमेंट क्यों नहीं कर रही है यह बात समझ में नहीं आ रही हालांकि अब जबलपुर नगर निगम के कमिश्नर ने मौके पर पहुंचकर कर्मचारियों को 3 दिन में तनख्वाह दिलवाने का आश्वासन दिया है कर्मचारियों का कहना है कि यदि 3 दिन में पेमेंट नहीं हुआ तो उनका प्रदर्शन और उग्र हो जाएगाConclusion:बाइट मयंक सफाई कर्मचारी बाइट आशीष कुमार कमिश्नर जबलपुर नगर निगम
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