जबलपुर। शहर के कजरवारा गांव में तीन करोड़ 60 लाख रुपये के जमीन के मालिक, जो अब वे नेपियर टाउन इलाके में सड़क किनारे चाय की दुकान चलाने के लिए मजबूर है. गांव के ही एक इंजीनियर सुरेश उपाध्याय ने किसानों को लालच दिया कि वे करोड़ों के दामों में उनकी जमीन खरीद लेंगे, लेकिन इनकी जमीन लूट ली गई.
इंजीनियर ने ज्यादा रकम देने का लालच देकर किसानों से हड़पी उनकी जमीन, न्याय के लिए भटक रहे बेबस किसान
जबलपुर में सिंचाई विभाग में पदस्थ इंजीनियर ने 300 से ज्यादा किसानों के साथ करोड़ों की धोखाधड़ी की है.
इंजीनियर ने लूटी किसानों की जमीन
जबलपुर। शहर के कजरवारा गांव में तीन करोड़ 60 लाख रुपये के जमीन के मालिक, जो अब वे नेपियर टाउन इलाके में सड़क किनारे चाय की दुकान चलाने के लिए मजबूर है. गांव के ही एक इंजीनियर सुरेश उपाध्याय ने किसानों को लालच दिया कि वे करोड़ों के दामों में उनकी जमीन खरीद लेंगे, लेकिन इनकी जमीन लूट ली गई.
Intro:अरबों रुपए की जमीन कौड़ियों के दाम खरीदी जबलपुर के कजरवारा इलाके में भूमाफिया का कारनामा जमीनों के मालिक अब मजदूरी करने के लिए विवश जमीने वापस करने का नहीं है कोई तरीका
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जबलपुर शहर से सटा हुआ कजरवारा गांव जैसे जैसे शहर के पास पहुंचा तो यहां के किसानों को उम्मीद थी इस शहर का फायदा उन्हें मिलेगा और उनकी जमीनों के दाम बढ़ेंगे लेकिन इसके पहले कि किसानों को बढ़े हुए दाम मिलते किसानों से उनकी जमीनें लूट ली गई लूट में नेता अधिकारी पुलिस और गुंडे सब थे शामिल
कजरवारा अनारी लाल पटेल की साडे तीन एकड़ जमीन थी इनकी जमीन के ठीक बाजू की जमीन एक करोड़ रुपए में बिकी अनारी को उम्मीद थी कि आप उसकी जमीन भी करोड़ों के दाम में बिकेगी और वह आराम की जिंदगी जिएगा लेकिन अनारी जबलपुर के नेपियर टाउन इलाके में सड़क किनारे चाय की दुकान चलाता है दरअसल इसी इलाके की भू माफिया सुरेश उपाध्याय ने अनाड़ी को 14 लाख रुपया दीया और बाकी पैसा बाद में देने की बात हुई हालांकि अनारी ने जमीन की बेचने के दस्तावेजों पर दस्तखत नहीं किए थे लेकिन उसे पता ही नहीं लगा की जमीन अनारी से सुरेश उपाध्याय के गुर्गे के नाम पर दर्ज हो गई जब अनारी अपने बाकी पैसे मांगने गया तो पहले गुंडों से डराया गया बाद में पुलिस वालों ने डराया दरअसल सुरेश उपाध्याय ने पूरे सिस्टम को खरीद लिया था
हल्के राम कुशवाहा के पास इसी इलाके में 1 एकड़ पचासी डिसमिल जमीन थी जमीन की कीमत बाजू की जमीन के हिसाब से लगाई जाए तो लगभग तो एक करोड़ों रुपया एकड़ थी हल्के राम कुशवाहा के पास भी सुरेश उपाध्याय के लोग पहुंचे और इन लोगों ने हल्के राम से कहा कि अपनी जमीन बेच दो हम एक करो रुपया एकड़ में लेने के लिए तैयार हैं ब्याने के लिए 24 लाख रुपया दिया गया और कुछ कागजातों पर दस्तखत करवाए गए हल्के राम को लगा कि कुछ दिनों में बाकी पैसा मिल जाएगा लेकिन इसके साथ भी ऐसा ही धोखा हुआ जैसा अनारी के साथ हुआ था और हल्के राम की जमीन के कागजात सुरेश उपाध्याय के नौकर के नाम दर्ज हो गए बाद में जब हल्के राम पैसे मांगने गए तो इनके घर गुंडे आए उन्होंने धमकी दी कि पैसे मांगे तो मारे जाओगे
सुरेश उपाध्याय सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे आय से अधिक संपत्ति मामले में ईओडब्ल्यू ने छापा मारा और जांच शुरू की सुरेश उपाध्याय के पास 300 एकड़ जमीन मिली है जो जमीन उनके नाम पर है या उनके परिवार के नाम पर हैं उस पर तो यूएडब्ल्यू ने खरीद बिक्री पर रोक लगा दी है और उसको राजसात करने की कार्यवाही की जा रही है लेकिन जो सुरेश उपाध्याय की वजह से उसके लोगों के नाम पर दर्ज करवाई गई थी उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि वे उस पर कार्यवाही नहीं कर सकते क्योंकि मामला सुरेश उपाध्याय के खिलाफ है ना कि दूसरे लोगों के खिलाफ
यहां सवाल यह खड़ा होता है कि जिन लोगों की जमीन लूट ली गई उस समय दहशत में थे और थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं करवा सकते थे और अब उनकी सुनवाई का कोई रास्ता नहीं है इन लोगों का कहना है कि वह एक दो नहीं बल्कि 300 से ज्यादा लोग हैं जिनके साथ ऐसी ही धोखाधड़ी की गई है और सरकार को इस मामले में कुछ तो करना चाहिए
Conclusion:सरकारी एजेंसियां नियमों से बंधी हुई हैं और जमीन माफिया ने जमीन खरीदने के पहले पूरे नियमों का पालन किया है सिर्फ दहशत का हिस्सा कहीं रिकॉर्ड में नहीं है अब यह ठगे हुए किसान लगभग हर दरवाजे पर हो आए हैं लेकिन इन्हें न्याय नहीं मिल रहा है बाइट अनाड़ी लाल पटेल बाइट हल्के कुशवाहा बाइट देवेंद्र सिंह राजपूत एस पी ई ओ डब्ल्यू
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जबलपुर शहर से सटा हुआ कजरवारा गांव जैसे जैसे शहर के पास पहुंचा तो यहां के किसानों को उम्मीद थी इस शहर का फायदा उन्हें मिलेगा और उनकी जमीनों के दाम बढ़ेंगे लेकिन इसके पहले कि किसानों को बढ़े हुए दाम मिलते किसानों से उनकी जमीनें लूट ली गई लूट में नेता अधिकारी पुलिस और गुंडे सब थे शामिल
कजरवारा अनारी लाल पटेल की साडे तीन एकड़ जमीन थी इनकी जमीन के ठीक बाजू की जमीन एक करोड़ रुपए में बिकी अनारी को उम्मीद थी कि आप उसकी जमीन भी करोड़ों के दाम में बिकेगी और वह आराम की जिंदगी जिएगा लेकिन अनारी जबलपुर के नेपियर टाउन इलाके में सड़क किनारे चाय की दुकान चलाता है दरअसल इसी इलाके की भू माफिया सुरेश उपाध्याय ने अनाड़ी को 14 लाख रुपया दीया और बाकी पैसा बाद में देने की बात हुई हालांकि अनारी ने जमीन की बेचने के दस्तावेजों पर दस्तखत नहीं किए थे लेकिन उसे पता ही नहीं लगा की जमीन अनारी से सुरेश उपाध्याय के गुर्गे के नाम पर दर्ज हो गई जब अनारी अपने बाकी पैसे मांगने गया तो पहले गुंडों से डराया गया बाद में पुलिस वालों ने डराया दरअसल सुरेश उपाध्याय ने पूरे सिस्टम को खरीद लिया था
हल्के राम कुशवाहा के पास इसी इलाके में 1 एकड़ पचासी डिसमिल जमीन थी जमीन की कीमत बाजू की जमीन के हिसाब से लगाई जाए तो लगभग तो एक करोड़ों रुपया एकड़ थी हल्के राम कुशवाहा के पास भी सुरेश उपाध्याय के लोग पहुंचे और इन लोगों ने हल्के राम से कहा कि अपनी जमीन बेच दो हम एक करो रुपया एकड़ में लेने के लिए तैयार हैं ब्याने के लिए 24 लाख रुपया दिया गया और कुछ कागजातों पर दस्तखत करवाए गए हल्के राम को लगा कि कुछ दिनों में बाकी पैसा मिल जाएगा लेकिन इसके साथ भी ऐसा ही धोखा हुआ जैसा अनारी के साथ हुआ था और हल्के राम की जमीन के कागजात सुरेश उपाध्याय के नौकर के नाम दर्ज हो गए बाद में जब हल्के राम पैसे मांगने गए तो इनके घर गुंडे आए उन्होंने धमकी दी कि पैसे मांगे तो मारे जाओगे
सुरेश उपाध्याय सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे आय से अधिक संपत्ति मामले में ईओडब्ल्यू ने छापा मारा और जांच शुरू की सुरेश उपाध्याय के पास 300 एकड़ जमीन मिली है जो जमीन उनके नाम पर है या उनके परिवार के नाम पर हैं उस पर तो यूएडब्ल्यू ने खरीद बिक्री पर रोक लगा दी है और उसको राजसात करने की कार्यवाही की जा रही है लेकिन जो सुरेश उपाध्याय की वजह से उसके लोगों के नाम पर दर्ज करवाई गई थी उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि वे उस पर कार्यवाही नहीं कर सकते क्योंकि मामला सुरेश उपाध्याय के खिलाफ है ना कि दूसरे लोगों के खिलाफ
यहां सवाल यह खड़ा होता है कि जिन लोगों की जमीन लूट ली गई उस समय दहशत में थे और थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं करवा सकते थे और अब उनकी सुनवाई का कोई रास्ता नहीं है इन लोगों का कहना है कि वह एक दो नहीं बल्कि 300 से ज्यादा लोग हैं जिनके साथ ऐसी ही धोखाधड़ी की गई है और सरकार को इस मामले में कुछ तो करना चाहिए
Conclusion:सरकारी एजेंसियां नियमों से बंधी हुई हैं और जमीन माफिया ने जमीन खरीदने के पहले पूरे नियमों का पालन किया है सिर्फ दहशत का हिस्सा कहीं रिकॉर्ड में नहीं है अब यह ठगे हुए किसान लगभग हर दरवाजे पर हो आए हैं लेकिन इन्हें न्याय नहीं मिल रहा है बाइट अनाड़ी लाल पटेल बाइट हल्के कुशवाहा बाइट देवेंद्र सिंह राजपूत एस पी ई ओ डब्ल्यू