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सरकारी स्कूल में होगा बिजली उत्पादन, लगाया गया 10 किलो वॉट क्षमता का सोलर पैनल

उत्कृष्ट शासकीय स्कूल ने बिजली बिल बचाने के लिए सोलर पैनल लगाया गया है. जिसका उपयोग स्कूल के कई कामों में किया जाएगा, वहीं बचत किया गया पैसा छात्रों की शिक्षा में लगाया जाता है.

Electricity will be produced in government school
सरकारी स्कूल में होगा बिजली उत्पादन
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Published : Dec 10, 2019, 4:20 PM IST

जबलपुर। जिले की उत्कृष्ट शासकीय स्कूल ने बिजली बिल बचाने के लिए एक सराहनीय पहल की है. जिसके चलते स्कूल में बिजली उत्पादन के लिए सोलर पैनल लगाया गया है. जिसका उपयोग स्कूल के विभिन्न कार्यों में किया जाएगा और बचत किया गया पैसा छात्रों की शिक्षा में लगाया जाता है.

सरकारी स्कूल में होगा बिजली उत्पादन

हर महीने होगी हजारों की बचत
स्कूल की प्राचार्या वीणा वाजपेई ने बताया कि स्कूल का कैंपस बहुत बड़ा है. जहां समय-समय पर कार्यक्रम होते रहते हैं, जिसके लिए काफी बिजली खर्च करनी पड़ती है. लेकिन इस पैनल से 20-30 हजार रुपये प्रति महीने की बचत होगी. जिसका प्रयोग छात्रों की शिक्षा में किया जाएगा.

कलेक्टर ने दिया था आइडिया
उन्होंने बताया कि ये सुझाव कलेक्टर ने दिया था. जिसके बाद मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम की मदद से 15 लाख की लागत से 10 किलो वाट का सोलर पैनल मॉडल स्कूल के हॉस्टल की छत में लगाया गया है. अभी तक ये व्यवस्था शहर की एकमात्र निजी विद्यालय में थी लेकिन ये जिले का पहला शासकीय स्कूल है, जहां बिजली उत्पादन कर उसे बेचा भी जाएगा.

जबलपुर। जिले की उत्कृष्ट शासकीय स्कूल ने बिजली बिल बचाने के लिए एक सराहनीय पहल की है. जिसके चलते स्कूल में बिजली उत्पादन के लिए सोलर पैनल लगाया गया है. जिसका उपयोग स्कूल के विभिन्न कार्यों में किया जाएगा और बचत किया गया पैसा छात्रों की शिक्षा में लगाया जाता है.

सरकारी स्कूल में होगा बिजली उत्पादन

हर महीने होगी हजारों की बचत
स्कूल की प्राचार्या वीणा वाजपेई ने बताया कि स्कूल का कैंपस बहुत बड़ा है. जहां समय-समय पर कार्यक्रम होते रहते हैं, जिसके लिए काफी बिजली खर्च करनी पड़ती है. लेकिन इस पैनल से 20-30 हजार रुपये प्रति महीने की बचत होगी. जिसका प्रयोग छात्रों की शिक्षा में किया जाएगा.

कलेक्टर ने दिया था आइडिया
उन्होंने बताया कि ये सुझाव कलेक्टर ने दिया था. जिसके बाद मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम की मदद से 15 लाख की लागत से 10 किलो वाट का सोलर पैनल मॉडल स्कूल के हॉस्टल की छत में लगाया गया है. अभी तक ये व्यवस्था शहर की एकमात्र निजी विद्यालय में थी लेकिन ये जिले का पहला शासकीय स्कूल है, जहां बिजली उत्पादन कर उसे बेचा भी जाएगा.

Intro:जबलपुर
निजी स्कूलों के साथ साथ अब प्रदेश के सरकारी स्कूल भी हाईटेक होने की राह में चल रही हैं।जबलपुर शहर का पंडित लज्जा शंकर झा मॉडल स्कूल जिले का एकमात्र ऐसा स्कूल है जो कि बिजली उत्पादन कर उसे बेच रहा है।


Body:संभवत यह भी माना जा रहा है कि प्रदेश का यह पहला ऐसा सरकारी स्कूल है जो कि बिजली उत्पादन करें उसे बेच रहा है। स्कूल की प्राचार्या वीणा वाजपेई की मानें तो मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम 15 लाख की लागत से 10 किलो वाट का सोलर पैनल मॉडल स्कूल में लगाया है। सोलर पैनल से बनने वाली बिजली से पूरा मॉडल स्कूल का परिसर और हॉस्टल तो जगमगा ही रहा है इसके साथ ही साथ साथ जो बिजली बचेगी उसे स्कूल बेचेगा। सोलर पैनल को हॉस्टल के छत पर लगाया गया है। माना जा रहा है कि सोलर पैनल लगने से 20 से 30 हजार रु तक स्कूल के हर माह बचेंगे।फिलहाल स्कूल को हर माह 30,000 रु जो बिजली का बिल देना पड़ रहा था वह राशि स्कूल प्रबंधन अन्य विकास कार्यों में लगा रहा है।


Conclusion:स्कूल परिसर में लगे 10 किलोवाट सोलर पैनल से रोजाना 8. 50 किलो वाट बिजली बन रही है और जिसका बैकअप 12 घंटे का है। मतलब 12 घंटे तक बिना घूप के सोलर पैनल से स्कूल परिसर की लाइट जलाई जा सकती है।प्राइमरी से लेकर हाई सेकेंडरी स्कूल में हर माह 600 यूनिट बिजली खपत होती है
जबकि सोलर पैनल रोजाना 8.5 किलोवाट बिजली उत्पन्न कर रहा है।1 किलो वाट में 1000 यूनिट बिजली होती है जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्कूल रोजाना करीब 7000 यूनिट बिजली बेच सकता है।
बाईट.1-वीणा बाजपेयी....प्रचार्या,मॉडल हाई स्कूल
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