जबलपुर। ग्वारीघाट में रहने वाले प्रदीप नामदेव बिजली बिल से परेशान है इनके एक कमरे के मकान का बिजली बिल 55 हजार रुपए आया है. 22 जुलाई 2021 में प्रदीप नामदेव के घर का बिजली बिल 42 हजार रुपए आया और मीटर ने 4200 बिजली खपत होने की रीडिंग दी. प्रदीप नामदेव एक कमरे के मकान में रहते हैं. इसमें कुल मिलाकर 4 बल्ब जलते हैं दो पंखे चलते हैं एक कंप्यूटर है जो कभी-कभी चलाया जाता है और एक रेफ्रिजरेटर है. इसके अलावा इस घर में बिजली की दूसरी कोई खपत नहीं है. सामान्य तौर पर प्रदीप नामदेव की बिजली की खपत 4 यूनिट प्रतिदिन थी लेकिन जुलाई 2021 में इनके मीटर में कोई गड़बड़ी आई और मीटर ने भागना शुरू कर दिया. जब बिजली बिल आया तो प्रदीप घबरा गए क्योंकि प्रदीप मात्र 8 हजार रुपए की नौकरी करते हैं और इन्हीं की तनख्वाह पर घर चलता है दो बच्चे हैं जो स्कूल और कॉलेज में पढ़ रहे हैं.
खराब मीटर ने बढ़ाया बोझ: 42 हजार रुपए बिजली बिल देखकर प्रदीप दौड़े भागे जबलपुर के शक्ति भवन के पास बने बिजली ऑफिस पहुंचे. यहां उन्होंने शिकायत की कि उनके एक कमरे के मकान का बिजली बिल 42 हजार रुपए नहीं हो सकता. उनका मीटर खराब है इसलिए उनका बिजली बिल ठीक कर दिया जाए और उन्हें नया मीटर दे दिया जाए लेकिन लगातार 4 महीने तक भटकने के बाद भी प्रदीप की सुनवाई नहीं हुई. जैसे तैसे मीटर की जांच की गई और मीटर को सही बतला दिया गया. जब मीटर के सही होने की रिपोर्ट आ गई तो अधिकारियों ने प्रदीप पर बिजली बिल जमा करने का दबाव बनाया.
55 हजार रुपए हुआ बिल: प्रदीप नामदेव विद्युत उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे. इस फोरम में 3 सदस्य होते हैं इन लोगों ने प्रदीप की पूरी समस्या को देखा और सुना लेकिन जो समाधान दिया, उस में कहीं भी न्याय नजर नहीं आया. इस फोरम ने 42 हजार के बिजली बिल में से मात्र 62 सौ कम किए और बाकी बिजली बिल जमा करने का आदेश दे दिया. 8 हजार रुपए में अपना घर चलाने वाला प्रदीप 42 हजार का बिजली बिल नहीं दे सकता. इस समस्या से लड़ते-लड़ते 2 साल बीत गए हैं और अब प्रदीप के घर का बिजली बिल 55 हजार रुपए हो गया है.
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विभाग ने काटी बिजली: विद्युत वितरण कंपनी ने प्रदीप नामदेव के घर की बिजली काट दी है. परिवार भीषण गर्मी में 2 महीने से बिना बिजली के रह रहा है. दूसरों के घरों से मोबाइल चार्ज करके उसी की बैटरी में खाना बनता है और उसी की बैटरी से बच्चों की पढ़ाई हो रही है. प्रदीप नामदेव ने अपनी इस शिकायत को लेकर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में गुहार लगाई है. स्थानीय विधायक तरुण भनोट को चिट्ठी लिखी यहां तक कि ऊर्जा मंत्री को भी पत्र लिखा लेकिन अधिकारियों ने किसी की एक नहीं सुनी. इस पूरे मुद्दे पर अधिकारी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.