जबलपुर। जहां कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन में लोगों की जेब खाली हो गई हैं, तो वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन खुलते ही बिजली बिल के नाम पर ग्राहकों की जेब पर डाका डाला जा रहा है, जिससे लोग बेहद परेशान है. ग्राहकों ने परेशान होकर बिजली कंपनी के दफ्तर में जोरदार हंगामा किया. उनका आरोप है कि अनाप-शनाप बिजली बिलों की वजह से लॉकडाउन के दौरान जमा किए गए बिलों को एडजस्ट ही नहीं किया गया है. साथ ही मनमाने ढंग से ग्राहकों से बिजली बिल लिए गए हैं.
बीते 2 माह से रीडिंग नहीं हुई, जिसकी वजह से एवरेज बिल के आधार पर लॉकडाउन में लोगों से बिजली बिल जमा करवाए गए थे, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बावजूद भी ऐसा दावा किया जा रहा है कि बिजली बिल रीडिंग के आधार पर दिए गए हैं. बिलों में मनमाने ढंग से रीडिंग चढ़ा दी गई है, इसलिए लोगों के बिल अनाप-शनाप आए हैं.
2 महीने में जिन लोगों को योजना के तहत 150 यूनिट की बिजली सब्सिडी पर मिलती थी, वह भी नहीं मिली है, क्योंकि 2 माह की रीडिंग 150 से ज्यादा निकली है. बिजली विभाग का एक भी बिल ऐसा नहीं होगा, जिसमें कोई खामी नहीं हो.
बिजली बिलों में सुधार लाने के लिए लोग लगातार बिजली कंपनी का चक्कर लगा रहे हैं. उपभोक्ताओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पीड़ित उपभोक्ताओं ने जबलपुर के मुख्य अभियंता के कार्यालय में हंगामा मचा दिया. लोगों का कहना है कि पहले ही वह लॉकडाउन की वजह से परेशान हैं. ऐसे में भारी-भरकम बिजली बिल उन्हें और परेशान कर रहे हैं. बिजली कंपनियां अपने नुकसान की भरपाई ग्राहकों से मनमाने ढंग से कर रही है.
बिजली विभाग के पास सरकार के अलावा कोई विकल्प नहीं है, इसलिए बिजली कंपनियां मनमानी कर रही हैं, लेकिन सरकार को अपना रवैया जनहित के लिए रखना चाहिए.