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Ek Bharat Shrestha Bharat: जबलपुर में मनाया गया पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस, राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने की अध्यक्षता - Jabalpur latest news

संस्कारधानी जबलपुर में पश्चिम बंगाल दिवस मनाया गया. रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के साथ ही जिला प्रशासन और बंगाली समाज को कार्यक्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. राज्यपाल मंगू भाई पटेल और दूसरे मेहमानों का स्वागत भी बंगाली तौर तरीके से किया गया. एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की. (West Bengal Foundation Day Jabalpur )

west bengal foundation day Jabalpur
जबलपुर में पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस मनाया गया
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Published : Jun 20, 2023, 4:17 PM IST

जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाया गया. मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ. जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस का कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का व्यवस्थापन जबलपुर के बंगाली समाज के लोगों ने किया. राज्यपाल मंगू भाई पटेल और दूसरे मेहमानों का स्वागत भी बंगाली तौर तरीके से किया गया. जबलपुर के बंगाली समाज का इतिहास 194 साल पुराना है. इस मौके पर जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बंगाली समाज के लोग भी इकट्ठा हुए. इसमें जबलपुर से बीजेपी की सांसद रहीं जय श्री बनर्जी भी पहुंची. (Ek Bharat Shrestha Bharat)

west bengal foundation day  Jabalpur
बंगाली समाज के बीच राज्यपाल मंगू भाई पटेल

एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान: राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि "एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार करने के लिए आज मध्य प्रदेश में पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री की ओर से यह अपील की गई थी कि सभी राज्यपालों को अलग-अलग राज्यों के स्थापना दिवस के कार्यक्रमों को राज भवन में मनाना चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंचे राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस को जबलपुर में मनाने का फैसला लिया."

राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि "प्रधानमंत्री की यह कोशिश पूरे देश को एक सूत्र में बांधे रखने में मददगार साबित हो रही है. महाराष्ट्र और तेलंगाना के स्थापना दिवस पर आयोजन किए थे. इस बार मौका पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस का है, इसे भी वह बंगाली तौर तरीके से मना रहे हैं. उनके जीवन में भी पश्चिम बंगाल की संस्कृति की छवि है. वे जब अपने इलाके में दुर्गा पूजा उत्सव में हिस्सा लेते थे, तब भी अक्सर बंगाली समुदाय के साथ दुर्गा पूजा मनाते थे."

west bengal foundation day  Jabalpur
जबलपुर में बंगाली समाज ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल का स्वागत किया

हिंसा की आग में जल रहा है पश्चिम बंगाल: जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने इस मौके पर कहा कि पश्चिम बंगाल ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों में सहयोग दिया है. विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि एक नरेंद्र ने अमेरिका में हिंदू धर्म को लेकर जो अलख जगाई थी उसी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा अमेरिका में जाकर प्रज्वलित कर रहे हैं. हालांकि राकेश सिंह ने इस बात पर चिंता भी जाहिर की है कि जिस पश्चिम बंगाल ने देश को कला साहित्य राजनीति सिखाई है. वह क्षेत्र अब हिंसा की आग में जल रहा है.

पश्चिम बंगाल की स्थापना को लेकर विवाद: ऐसा बताया गया है कि पश्चिम बंगाल की स्थापना 20 जून 1947 को हुई थी. पश्चिम बंगाल में 20 जून 1947 को भारत के हिस्से वाले बंगाल प्रांत के विधायकों ने बैठकर यह फैसला लिया था कि बंगाल के दो हिस्से होंगे और उसमें से एक हिस्सा जो मौजूदा पश्चिम बंगाल है उसको बंगाल प्रांत से अलग कर लिया गया था. इसलिए 20 जून को ही पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे मानने से मना कर दिया है.

यह भी पढ़ें:

जबलपुर में बंगाली संस्कृति: यूं तो भारत भर में बंगाली लोग रहते हैं. दरअसल, 1857 में कोलकाता में हिंदू महाविद्यालय के नाम से एक कॉलेज की स्थापना की गई थी. जिसे बाद में प्रेसिडेंसी कॉलेज का नाम दिया गया यहां पर बंगाली लोगों को अंग्रेजी सिखाई जाती थी और अंग्रेजों को देश पर शासन करने के लिए लोग चाहिए थे. जिन्हें अंग्रेजों ने इसी कॉलेज से तैयार किया जो अंग्रेजी अच्छी जानते थे. इसलिए शुरुआती ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना के साथ-साथ बंगाली बाबू पूरे देश में गए और अंग्रेजों ने इन्हें नौकरियां दीं.

इसलिए बंगाली समाज सरकारी नौकरियों में रहते हुए देश के अलग-अलग इलाकों में रहने लगा. जबलपुर में रेलवे डाक विभाग, टेलीकॉम, फैक्ट्रियां और ऑडनेंस फैक्ट्री में बंगाली लोग काम कर रहे थे. वह धीरे-धीरे जबलपुर में बड़ी तादाद में रहने लगे और आज जबलपुर में बंगाली समाज न केवल धनाढ्य है बल्कि बंगाली समाज की राजनीतिक पकड़ भी मजबूत है. जयश्री बैनर्जी जबलपुर से कई बार सांसद रह चुकी हैं. जबलपुर के हाईकोर्ट में भी बंगाली समाज के कई वकीलों का दबदबा रहा है. जबलपुर के सांस्कृतिक विकास में भी बंगालियों ने बड़ा योगदान दिया है और जबलपुर की दुर्गा पूजा मूल रूप से बंगालियों की दुर्गा पूजा की वजह से ही शुरू हुई थी.

जबलपुर में बंगाली का राजनीतिक पकड़: राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में मुंह की खाई थी. इसलिए देशभर में बसे हुए बंगाली समाज के लोगों को एक संदेश देने के लिए पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस को मनाना भारतीय जनता पार्टी का एक नया राजनीतिक समीकरण भी हो सकता है. ऐसे कार्यक्रमों की वजह से राजनीतिक कार्यक्रमों में ऐसे लोग शामिल होते हैं जो सामान्य तौर पर राजनीतिक कार्यक्रमों की भीड़ का हिस्सा नहीं होते. इसका फायदा कहीं ना कहीं चुनाव में जरूर मिलता है.

जबलपुर। संस्कारधानी जबलपुर में पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाया गया. मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ. जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस का कार्यक्रम हुआ. कार्यक्रम का व्यवस्थापन जबलपुर के बंगाली समाज के लोगों ने किया. राज्यपाल मंगू भाई पटेल और दूसरे मेहमानों का स्वागत भी बंगाली तौर तरीके से किया गया. जबलपुर के बंगाली समाज का इतिहास 194 साल पुराना है. इस मौके पर जबलपुर के रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में बंगाली समाज के लोग भी इकट्ठा हुए. इसमें जबलपुर से बीजेपी की सांसद रहीं जय श्री बनर्जी भी पहुंची. (Ek Bharat Shrestha Bharat)

west bengal foundation day  Jabalpur
बंगाली समाज के बीच राज्यपाल मंगू भाई पटेल

एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान: राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि "एक भारत श्रेष्ठ भारत को साकार करने के लिए आज मध्य प्रदेश में पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. प्रधानमंत्री की ओर से यह अपील की गई थी कि सभी राज्यपालों को अलग-अलग राज्यों के स्थापना दिवस के कार्यक्रमों को राज भवन में मनाना चाहिए. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जबलपुर पहुंचे राज्यपाल ने पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस को जबलपुर में मनाने का फैसला लिया."

राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि "प्रधानमंत्री की यह कोशिश पूरे देश को एक सूत्र में बांधे रखने में मददगार साबित हो रही है. महाराष्ट्र और तेलंगाना के स्थापना दिवस पर आयोजन किए थे. इस बार मौका पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस का है, इसे भी वह बंगाली तौर तरीके से मना रहे हैं. उनके जीवन में भी पश्चिम बंगाल की संस्कृति की छवि है. वे जब अपने इलाके में दुर्गा पूजा उत्सव में हिस्सा लेते थे, तब भी अक्सर बंगाली समुदाय के साथ दुर्गा पूजा मनाते थे."

west bengal foundation day  Jabalpur
जबलपुर में बंगाली समाज ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल का स्वागत किया

हिंसा की आग में जल रहा है पश्चिम बंगाल: जबलपुर सांसद राकेश सिंह ने इस मौके पर कहा कि पश्चिम बंगाल ने देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर सामाजिक और धार्मिक आंदोलनों में सहयोग दिया है. विवेकानंद का उदाहरण देते हुए कहा कि एक नरेंद्र ने अमेरिका में हिंदू धर्म को लेकर जो अलख जगाई थी उसी को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोबारा अमेरिका में जाकर प्रज्वलित कर रहे हैं. हालांकि राकेश सिंह ने इस बात पर चिंता भी जाहिर की है कि जिस पश्चिम बंगाल ने देश को कला साहित्य राजनीति सिखाई है. वह क्षेत्र अब हिंसा की आग में जल रहा है.

पश्चिम बंगाल की स्थापना को लेकर विवाद: ऐसा बताया गया है कि पश्चिम बंगाल की स्थापना 20 जून 1947 को हुई थी. पश्चिम बंगाल में 20 जून 1947 को भारत के हिस्से वाले बंगाल प्रांत के विधायकों ने बैठकर यह फैसला लिया था कि बंगाल के दो हिस्से होंगे और उसमें से एक हिस्सा जो मौजूदा पश्चिम बंगाल है उसको बंगाल प्रांत से अलग कर लिया गया था. इसलिए 20 जून को ही पश्चिम बंगाल का स्थापना दिवस मनाया जा रहा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर आपत्ति जताते हुए इसे मानने से मना कर दिया है.

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जबलपुर में बंगाली संस्कृति: यूं तो भारत भर में बंगाली लोग रहते हैं. दरअसल, 1857 में कोलकाता में हिंदू महाविद्यालय के नाम से एक कॉलेज की स्थापना की गई थी. जिसे बाद में प्रेसिडेंसी कॉलेज का नाम दिया गया यहां पर बंगाली लोगों को अंग्रेजी सिखाई जाती थी और अंग्रेजों को देश पर शासन करने के लिए लोग चाहिए थे. जिन्हें अंग्रेजों ने इसी कॉलेज से तैयार किया जो अंग्रेजी अच्छी जानते थे. इसलिए शुरुआती ब्रिटिश साम्राज्य की स्थापना के साथ-साथ बंगाली बाबू पूरे देश में गए और अंग्रेजों ने इन्हें नौकरियां दीं.

इसलिए बंगाली समाज सरकारी नौकरियों में रहते हुए देश के अलग-अलग इलाकों में रहने लगा. जबलपुर में रेलवे डाक विभाग, टेलीकॉम, फैक्ट्रियां और ऑडनेंस फैक्ट्री में बंगाली लोग काम कर रहे थे. वह धीरे-धीरे जबलपुर में बड़ी तादाद में रहने लगे और आज जबलपुर में बंगाली समाज न केवल धनाढ्य है बल्कि बंगाली समाज की राजनीतिक पकड़ भी मजबूत है. जयश्री बैनर्जी जबलपुर से कई बार सांसद रह चुकी हैं. जबलपुर के हाईकोर्ट में भी बंगाली समाज के कई वकीलों का दबदबा रहा है. जबलपुर के सांस्कृतिक विकास में भी बंगालियों ने बड़ा योगदान दिया है और जबलपुर की दुर्गा पूजा मूल रूप से बंगालियों की दुर्गा पूजा की वजह से ही शुरू हुई थी.

जबलपुर में बंगाली का राजनीतिक पकड़: राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो पिछली बार भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में मुंह की खाई थी. इसलिए देशभर में बसे हुए बंगाली समाज के लोगों को एक संदेश देने के लिए पश्चिम बंगाल के स्थापना दिवस को मनाना भारतीय जनता पार्टी का एक नया राजनीतिक समीकरण भी हो सकता है. ऐसे कार्यक्रमों की वजह से राजनीतिक कार्यक्रमों में ऐसे लोग शामिल होते हैं जो सामान्य तौर पर राजनीतिक कार्यक्रमों की भीड़ का हिस्सा नहीं होते. इसका फायदा कहीं ना कहीं चुनाव में जरूर मिलता है.

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