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श्मशान घाट पर लॉकडाउन का असर, अंतिम संस्कार के लिए नहीं मिल रही लकड़ी

कोरोना वायरस से निपटने के लिए जबलपुर जिले में 21 मार्च से लगातार लॉकडाउन जारी है, जिला प्रशासन के निर्देश पर लोग अपने-अपने घरों में ही हैं और बाजार बंद हैं, लेकिन ऐसे समय मे श्मशान घाट में समस्या आना शुरू हो गई है और श्मशान घाट में लगातार लकड़ियों की कमी के चलते अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहे हैं.

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Published : Apr 22, 2020, 9:42 AM IST

Effect of lockout on graveyard
श्मशान घाट पर दिखा लॉक डाउन का असर

जबलपुर। कोरोना वायरस के कारण शहर में लॉकडाउन किया गया है और ऐसे में इस कर्फ्यू से श्मशान घाट में काम करने वाले भी परेशान हैं, जिसकी वजह है अंतिम संस्कार के लिए खत्म होती लकड़ियां है.

बता दें कि जबलपुर शहर में 12 से 15 श्मशान घाट हैं और ज्यादातर श्मशान घाट में लकड़ियां खत्म होने लगी हैं, जिसको लेकर संचालकों ने स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से बात की फिर भी नतीजा सिफर ही रहा. श्मशान घाट में जनसेवा करने वाले लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं मिल रही हैं और जो स्टॉक रखा हुआ है वह भी धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है, ऐसे में अगर जल्द ही लकड़ियों का इंतजाम नहीं हुआ तो हालात और भी खराब हो जाएंगे.

श्मशान घाट में काम करने वाले लोगों की माने तो अगर जल्द ही इसका हल नहीं निकाला गया तो इसका असर अंतिम संस्कार करने में पड़ेगा इतना ही नहीं शव को वापस लौटाने की नौबत भी आ सकती है. हालांकि लगातार समस्या को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने श्मशान घाट संचालकों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही वन विभाग के डीएफओ से बात कर सभी श्मशान घाट में लकड़ी की व्यवस्था कराई जाएगी.

जबलपुर। कोरोना वायरस के कारण शहर में लॉकडाउन किया गया है और ऐसे में इस कर्फ्यू से श्मशान घाट में काम करने वाले भी परेशान हैं, जिसकी वजह है अंतिम संस्कार के लिए खत्म होती लकड़ियां है.

बता दें कि जबलपुर शहर में 12 से 15 श्मशान घाट हैं और ज्यादातर श्मशान घाट में लकड़ियां खत्म होने लगी हैं, जिसको लेकर संचालकों ने स्थानीय स्तर पर अधिकारियों से बात की फिर भी नतीजा सिफर ही रहा. श्मशान घाट में जनसेवा करने वाले लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां नहीं मिल रही हैं और जो स्टॉक रखा हुआ है वह भी धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है, ऐसे में अगर जल्द ही लकड़ियों का इंतजाम नहीं हुआ तो हालात और भी खराब हो जाएंगे.

श्मशान घाट में काम करने वाले लोगों की माने तो अगर जल्द ही इसका हल नहीं निकाला गया तो इसका असर अंतिम संस्कार करने में पड़ेगा इतना ही नहीं शव को वापस लौटाने की नौबत भी आ सकती है. हालांकि लगातार समस्या को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर भरत यादव ने श्मशान घाट संचालकों को आश्वासन दिया है कि जल्द ही वन विभाग के डीएफओ से बात कर सभी श्मशान घाट में लकड़ी की व्यवस्था कराई जाएगी.

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