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सरकारी स्कूल के छात्रों का बनेगा हेल्थ कार्ड, बिहार में चमकी बुखार से मौत के बाद एमपी में मुफ्त इलाज

बिहार में चमकी बुखार से हुई बच्चों की मौत के बाद मध्यप्रदेश में शिक्षा विभाग ने संजीदगी दिखाते हुए सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का हेल्थ कार्ड बनवाने की बात कही है.

छात्रों का बनेगा हेल्थ कार्ड
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Published : Jul 1, 2019, 10:41 PM IST

जबलपुर। बिहार में चमकी बुखार से बड़ी तादात में बच्चों की मौत के बाद मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है. बच्चों की सेहत पर निगरानी रखने के लिए एक बड़ी पहल की शुरूआत की है. विभाग ने तय किया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के हेल्थ चेक अप के बाद उनके हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा.


शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर बच्चे किसी भी छोटी-बड़ी बीमारी से पीड़ित पाए जाते हैं, विभाग की मदद से उनका मुफ्त इलाज भी करवाया जाएगा. इस योजना की शुरुआत जबलपुर संभाग से की जा रही है. जहां पहले चरण में 17 लाख स्कूली बच्चों के हेल्थ कार्ड बनाए जाने हैं. इस पहल को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चों की आर्थिक हालत ठीक नहीं होती और न ही उनके पैरेंट्स उनकी सेहत पर ध्यान दे पाते हैं.

छात्रों का बनेगा हेल्थ कार्ड


ऐसे में विभाग की ओर से बच्चों के फुल हेल्थ चेक अप करवाने के बाद देखा जाएगा कि वो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं. बच्चों में कमजोरी, कुपोषण व सामान्य बीमारियों के लक्षण तो नहीं हैं, जो आगे चलकर बच्चों का विकास रोक सकती हैं. विभाग बच्चों के हेल्थ कार्ड से जानकारी जुटाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की मदद लेगा. संभाग के हर ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकर विशेषज्ञ डॉक्टर्स से बच्चों का मुफ्त इलाज कराया जाएगा.

जबलपुर। बिहार में चमकी बुखार से बड़ी तादात में बच्चों की मौत के बाद मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है. बच्चों की सेहत पर निगरानी रखने के लिए एक बड़ी पहल की शुरूआत की है. विभाग ने तय किया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के हेल्थ चेक अप के बाद उनके हेल्थ कार्ड बनाया जायेगा.


शिक्षा विभाग का कहना है कि अगर बच्चे किसी भी छोटी-बड़ी बीमारी से पीड़ित पाए जाते हैं, विभाग की मदद से उनका मुफ्त इलाज भी करवाया जाएगा. इस योजना की शुरुआत जबलपुर संभाग से की जा रही है. जहां पहले चरण में 17 लाख स्कूली बच्चों के हेल्थ कार्ड बनाए जाने हैं. इस पहल को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चों की आर्थिक हालत ठीक नहीं होती और न ही उनके पैरेंट्स उनकी सेहत पर ध्यान दे पाते हैं.

छात्रों का बनेगा हेल्थ कार्ड


ऐसे में विभाग की ओर से बच्चों के फुल हेल्थ चेक अप करवाने के बाद देखा जाएगा कि वो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं. बच्चों में कमजोरी, कुपोषण व सामान्य बीमारियों के लक्षण तो नहीं हैं, जो आगे चलकर बच्चों का विकास रोक सकती हैं. विभाग बच्चों के हेल्थ कार्ड से जानकारी जुटाने के बाद स्वास्थ्य विभाग की मदद लेगा. संभाग के हर ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकर विशेषज्ञ डॉक्टर्स से बच्चों का मुफ्त इलाज कराया जाएगा.

Intro:जबलपुर
बिहार में चमकी बुखार से बड़ी तादात में बच्चों की मौत के बाद मध्यप्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग ने संजीदगी दिखाई है और बच्चों की सेहत पर निगरानी रखने के लिए एक बड़ी पहल की है...विभाग ने तय किया है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले सभी बच्चों के हैल्थ चैकअप के बाद उनके हैल्थकार्ड बनाए जाएंगे और अगर बच्चे, किसी भी छोटी-बड़ी बीमारी से पीड़ित पाए जाते हैं तो स्वास्थय विभाग की मदद से उनका मुफ्त इलाज भी करवाया जाएगा... Body:इस योजना की शुरुआत जबलपुर संभाग से की जा रही है जहां पहले चरण में 17 लाख स्कूली बच्चों के हैल्थ कार्ड बनाए जाने हैं... विभाग की इस पहल को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले अधिकांश बच्चों की आर्थिक हालत अच्छी नहीं होती और ना ही उनके पैरेंट्स उनकी सेहत पर ध्यान दे पाते हैं... ऐसे में विभाग की ओर से बच्चों के फुल हैल्थ चैकअप करवाने के बाद देखा जाएगा कि वो किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित तो नहीं हैं या उनमें ऐसी कमज़ोरी,कुपोषण या सामान्य बीमारियों के लक्षण हैं जो आगे चलकर बच्चों का विकास रोक सकती है.. Conclusion:विभाग ने तय किया है कि बच्चों के हैल्थकार्ड से जानकारी जुटाने के बाद स्वास्थय विभाग की मदद ली जाएगी और संभाग के हर ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकार विशेषज्ञ डॉक्टर्स से बच्चों को मुफ्त इलाज दिलवाया जाएगा।
बाईट - राजेश तिवारी....सहायक संचालक,स्कूल शिक्षा विभाग, जबलपुर संभाग
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