जबलपुर। संगमरमर की दूधिया चट्टानें तो दुनिया में कई जगह पाई जाती हैं, लेकिन संगमरमर के पहाड़ों के बीच से किसी नदी का बहना केवल जबलपुर में ही होता है. भेड़ाघाट में नर्मदा संगमरमर की दो बेहद खूबसूरत पहाड़ों के बीच से होकर बहती है.सदियों से बह रही इस जलधारा ने संगमरमर की चट्टानों को ऐसे तराशा है मानो प्रकृति ने खुद ही कोई कलाकृति बनाई हो. प्रकृति के इस अद्भुत सौंदर्य को देखने के लिए इस समय पर्यटकों का अकाल पड़ा है.
जिस भेड़ाघाट को देखने देश-दुनिया से लोग आते हैं, वहीं लोकसभा चुनाव के चलते संगमरमर की सफेद चट्टानों पर ग्रहण लग गया है. विधानसभा चुनाव और उसके ठीक बाद लोकसभा चुनाव के वजह से इस बार स्थानीय लोगों को घाटा उठाना पड़ रहा है. छुट्टियों में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे. जो इस बार चुनाव की वजह से नहीं आ रहे हैं. सदियों से बह रही इस जलधारा ने संगमरमर की चट्टानों को ऐसे तराशा है. मानों प्रकृति ने खुद ही कोई कलाकृति बनाई हो.
भेड़ाघाट में नीला सफेद दूधिया लाल कई किस्म का मार्बल पाया जाता है यहां नर्मदा की चौड़ाई मात्र 15 से 20 फिट रह जाती है, लेकिन पानी में जरा सी भी हलचल नहीं होती. सदियों से यहां नाव चलाने वाले नाविकों का कहना है कि यहां नर्मदा की गहराई 500 से 700 फीट है. इसलिए पानी बहुत धीर-धीरे बहता है. प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक जबलपुर आते हैं. भेड़ाघाट को देखने कभी यहां अहिल्याबाई होलकर, तो कभी सुपरस्टार अमिताभ बच्चन,शाहरूख खान,ऋतिक रोशन जैसे कई फिल्मी सितारे शूटिंग करने आ चुके हैं. नाविकों को उम्मीद है कि चुनाव खत्म होने के बाद और बरसात से पहले यहां पर्यटक आएंगे. क्योंकि जून के बाद पानी बढ़ जाने के साथ ही नौका विहार बंद हो जाता है. अगले 3 महीने तक जबलपुर के भेड़ाघाट में कोई घूमने नहीं आता.