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जबलपुर के भेड़ाघाट को लगा चुनाव का ग्रहण, नहीं आ रहे हैं पर्यटक

जबलपुर के आकर्षण का केंद्र भेड़ाघाट इन दिनों पर्यटकों का इंतजार कर रहा है. चुनाव के चलते यहां पर्यटकों की आवाजाही न के बराबर हो गई है, जिसके चलते नाविकों और स्थानीय लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

भेड़ाघाट
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Published : May 13, 2019, 1:50 PM IST

जबलपुर। संगमरमर की दूधिया चट्टानें तो दुनिया में कई जगह पाई जाती हैं, लेकिन संगमरमर के पहाड़ों के बीच से किसी नदी का बहना केवल जबलपुर में ही होता है. भेड़ाघाट में नर्मदा संगमरमर की दो बेहद खूबसूरत पहाड़ों के बीच से होकर बहती है.सदियों से बह रही इस जलधारा ने संगमरमर की चट्टानों को ऐसे तराशा है मानो प्रकृति ने खुद ही कोई कलाकृति बनाई हो. प्रकृति के इस अद्भुत सौंदर्य को देखने के लिए इस समय पर्यटकों का अकाल पड़ा है.

भेड़ाघाट में नहीं आर रहे पर्यटक

जिस भेड़ाघाट को देखने देश-दुनिया से लोग आते हैं, वहीं लोकसभा चुनाव के चलते संगमरमर की सफेद चट्टानों पर ग्रहण लग गया है. विधानसभा चुनाव और उसके ठीक बाद लोकसभा चुनाव के वजह से इस बार स्थानीय लोगों को घाटा उठाना पड़ रहा है. छुट्टियों में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे. जो इस बार चुनाव की वजह से नहीं आ रहे हैं. सदियों से बह रही इस जलधारा ने संगमरमर की चट्टानों को ऐसे तराशा है. मानों प्रकृति ने खुद ही कोई कलाकृति बनाई हो.


भेड़ाघाट में नीला सफेद दूधिया लाल कई किस्म का मार्बल पाया जाता है यहां नर्मदा की चौड़ाई मात्र 15 से 20 फिट रह जाती है, लेकिन पानी में जरा सी भी हलचल नहीं होती. सदियों से यहां नाव चलाने वाले नाविकों का कहना है कि यहां नर्मदा की गहराई 500 से 700 फीट है. इसलिए पानी बहुत धीर-धीरे बहता है. प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक जबलपुर आते हैं. भेड़ाघाट को देखने कभी यहां अहिल्याबाई होलकर, तो कभी सुपरस्टार अमिताभ बच्चन,शाहरूख खान,ऋतिक रोशन जैसे कई फिल्मी सितारे शूटिंग करने आ चुके हैं. नाविकों को उम्मीद है कि चुनाव खत्म होने के बाद और बरसात से पहले यहां पर्यटक आएंगे. क्योंकि जून के बाद पानी बढ़ जाने के साथ ही नौका विहार बंद हो जाता है. अगले 3 महीने तक जबलपुर के भेड़ाघाट में कोई घूमने नहीं आता.

जबलपुर। संगमरमर की दूधिया चट्टानें तो दुनिया में कई जगह पाई जाती हैं, लेकिन संगमरमर के पहाड़ों के बीच से किसी नदी का बहना केवल जबलपुर में ही होता है. भेड़ाघाट में नर्मदा संगमरमर की दो बेहद खूबसूरत पहाड़ों के बीच से होकर बहती है.सदियों से बह रही इस जलधारा ने संगमरमर की चट्टानों को ऐसे तराशा है मानो प्रकृति ने खुद ही कोई कलाकृति बनाई हो. प्रकृति के इस अद्भुत सौंदर्य को देखने के लिए इस समय पर्यटकों का अकाल पड़ा है.

भेड़ाघाट में नहीं आर रहे पर्यटक

जिस भेड़ाघाट को देखने देश-दुनिया से लोग आते हैं, वहीं लोकसभा चुनाव के चलते संगमरमर की सफेद चट्टानों पर ग्रहण लग गया है. विधानसभा चुनाव और उसके ठीक बाद लोकसभा चुनाव के वजह से इस बार स्थानीय लोगों को घाटा उठाना पड़ रहा है. छुट्टियों में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते थे. जो इस बार चुनाव की वजह से नहीं आ रहे हैं. सदियों से बह रही इस जलधारा ने संगमरमर की चट्टानों को ऐसे तराशा है. मानों प्रकृति ने खुद ही कोई कलाकृति बनाई हो.


भेड़ाघाट में नीला सफेद दूधिया लाल कई किस्म का मार्बल पाया जाता है यहां नर्मदा की चौड़ाई मात्र 15 से 20 फिट रह जाती है, लेकिन पानी में जरा सी भी हलचल नहीं होती. सदियों से यहां नाव चलाने वाले नाविकों का कहना है कि यहां नर्मदा की गहराई 500 से 700 फीट है. इसलिए पानी बहुत धीर-धीरे बहता है. प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक जबलपुर आते हैं. भेड़ाघाट को देखने कभी यहां अहिल्याबाई होलकर, तो कभी सुपरस्टार अमिताभ बच्चन,शाहरूख खान,ऋतिक रोशन जैसे कई फिल्मी सितारे शूटिंग करने आ चुके हैं. नाविकों को उम्मीद है कि चुनाव खत्म होने के बाद और बरसात से पहले यहां पर्यटक आएंगे. क्योंकि जून के बाद पानी बढ़ जाने के साथ ही नौका विहार बंद हो जाता है. अगले 3 महीने तक जबलपुर के भेड़ाघाट में कोई घूमने नहीं आता.

Intro:भेड़ाघाट के संगमरमर की सफेद चट्टानों पर लगा चुनाव का ग्रहण चुनाव की वजह से नहीं पहुंच रहे पर्यटक मात्र 1 महीने का बचा सीजन नाविक और स्थानीय कारोबारि चिंता में नहीं


Body:जबलपुर संगमरमर की दूधिया चट्टाने तो दुनिया में कई जगह पाई जाती है लेकिन संगमरमर के पहाड़ों के बीच से किसी नदी का बहना दुनिया में केवल जबलपुर में होता है भेड़ाघाट में नर्मदा संगमरमर की दो बेहद खूबसूरत पहाड़ों के बीच से होकर बहती है सदियों से बह रही इस जलधारा ने संगमरमर की चट्टानों को ऐसे तराशा है मानो प्रकृति ने खुद ही कोई कलाकृति बनाई हो भेड़ाघाट में नीला सफेद दूधिया लाल कई किस्म का मार्बल पाया जाता है यहां नर्मदा की चौड़ाई मात्र 15 से 20 फिट रह जाती है लेकिन पानी में जरा सी भी हलचल नहीं होती

सदियों से यहां नाव चलाने वाले नाविकों का कहना है कि यहां नर्मदा की गहराई 500 से 700 फीट है इसलिए पानी बहुत धीमे धीमे बहता है प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य को देखने के लिए दुनिया भर के पर्यटक जबलपुर आते हैं हालांकि ज्यादा बड़ी मात्रा देसी पर्यटकों की होती है इन्हीं के आसरे भेड़ाघाट में नौका विहार चलता है और छोटे-छोटे कलाकार कच्चे संगमरमर पर मूर्तियां बना कर बेचते हैं लेकिन पहले विधानसभा चुनाव और उसके ठीक बाद लोकसभा चुनाव की वजह से इस बार का धंधा मंदा है छुट्टियों में यहां बड़ी तादाद में देसी पर्यटक आता था जो इस बार चुनाव की वजह से नहीं आ रहा है

भेड़ाघाट में नौका विहार एक रोमांचक अनुभव होता है नौकायन करने वाले नाविक बड़ी खूबसूरत अंदाज में लयबद्ध तरीके से पत्थरों की कहानी सुनाते हैं पत्थरों की कहानियां होती है कभी यहां अहिल्याबाई होलकर आई थी तो कभी फिल्म जगत के कलाकार आए राज कपूर रेखा प्रेमनाथ प्राण अमिताभ बच्चन ऋतिक रोशन करीना कपूर शाहरुख खान जैसे लगभग सभी बड़े कलाकारों ने भेड़ाघाट की खूबसूरती में फिल्में बनाई है अंतिम शूटिंग मोहनजोदड़ो फिल्म की हुई थी जिसमें ऋतिक रोशन जबलपुर आए थे नाविक इन्हीं कहानियों को तुकबंदी में पिरो कर पर्यटकों को सुनाते हैं लेकिन चुनाव की वजह से इन कहानियों को सुनने वाले लोग नहीं पहुंच रहे हैं नाविकों को उम्मीद है कि जल्द ही चुनाव खत्म हो जाएंगी बरसात के पहले यहां पर्यटक आएंगे क्योंकि जून के बाद पानी बढ़ जाने के साथ ही नौका विहार बंद हो जाता है और अगले 3 महीने तक जबलपुर के भेड़ाघाट में कोई घूमने नहीं आता


Conclusion:दुनिया के कई देश पर्यटन से होने वाली आय से अपना गुजारा चलाते हैं जबकि वहां पर्यटकों के लिए बहुत कुछ नहीं है जबलपुर में दुनिया की सबसे खूबसूरत प्राकृतिक चट्टाने हैं लेकिन उसके बावजूद यदि यहां पर्यटक नहीं आता है और नहीं रुकता है तो कहीं ना कहीं पर्यटन को उद्योग बनाने की कोशिश करने वाली लोगों की कमजोरी नजर आती है चुनाव मे नेताओं ने पर्यटन के विकास के वादे तो किए हैं लेकिन फिलहाल तो इन गरीबों का नुकसान ही हो गया
byte पूनम पर्यटक
byte नाविक
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