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कोरोना संकट: पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका

कोरोना संकट को देखते हुए पूर्व वित्त व स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोत ने हाईकेर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने मांग की है कि कोरोना वॉरियर्स को पीपीई किट, हेल्थ इंश्योरेंस सहित कोरोना जांच के लिए लैब्स की संख्या बढ़ाई जाए.

former health minister filed petition in high court
पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका
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Published : Apr 30, 2020, 10:44 AM IST

Updated : Apr 30, 2020, 11:45 AM IST

जबलपुर। मध्य प्रदेश में अपने पैर पसार चुके कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने इस याचिका में मांग की है कि कोरोना संकट के दौरान फ्रंटलाइन में काम कर रहे पुलिसकर्मी और प्रशासनिक टीम सहित तमाम कोरोना वॉरियर्स को पीपीई किट उपलब्ध करवाई जाए. उनके हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा प्रदेश में कोरोना जांचों की संख्या बढ़ाई जाए.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोत की इस याचिका को जबलपुर हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 5 दिनों में अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले पर अगली सुनवाई के लिए 5 मई 2020 की तारीख तय की गई है.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका

इधर प्रदेश में कोरोना से निपटने के इंतजामों को नाकाफी बताते हुए पहले भी हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी. इन याचिकाओं पर भी जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने 33 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश की. जवाब में कहा गया कि सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रभावित जिलों को रेड, ऑरेंज और यलो जोन में बांटा है, जबकि कोरोना सैंपल्स की जांच के लिए लैब्स की संख्या बढ़ाकर 11 कर दी गई है.

फिलहाल हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री तरुण भनोत की याचिका के साथ पुरानी याचिकाओं को साथ कर दिया है, जिन पर सरकार के जवाब के बाद 5 मई 2020 को अगली सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज से कोरोना मरीज के फरार होने की घटना पर भी सरकार को 2 दिनों में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

जबलपुर। मध्य प्रदेश में अपने पैर पसार चुके कोरोना वायरस को लेकर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोत ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने इस याचिका में मांग की है कि कोरोना संकट के दौरान फ्रंटलाइन में काम कर रहे पुलिसकर्मी और प्रशासनिक टीम सहित तमाम कोरोना वॉरियर्स को पीपीई किट उपलब्ध करवाई जाए. उनके हेल्थ इंश्योरेंस के अलावा प्रदेश में कोरोना जांचों की संख्या बढ़ाई जाए.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तरुण भनोत की इस याचिका को जबलपुर हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 5 दिनों में अपना जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. मामले पर अगली सुनवाई के लिए 5 मई 2020 की तारीख तय की गई है.

पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने हाइकोर्ट में दायर की याचिका

इधर प्रदेश में कोरोना से निपटने के इंतजामों को नाकाफी बताते हुए पहले भी हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की गई थी. इन याचिकाओं पर भी जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने 33 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट पेश की. जवाब में कहा गया कि सरकार ने कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए प्रभावित जिलों को रेड, ऑरेंज और यलो जोन में बांटा है, जबकि कोरोना सैंपल्स की जांच के लिए लैब्स की संख्या बढ़ाकर 11 कर दी गई है.

फिलहाल हाईकोर्ट ने पूर्व मंत्री तरुण भनोत की याचिका के साथ पुरानी याचिकाओं को साथ कर दिया है, जिन पर सरकार के जवाब के बाद 5 मई 2020 को अगली सुनवाई होगी. हाईकोर्ट ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज से कोरोना मरीज के फरार होने की घटना पर भी सरकार को 2 दिनों में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

Last Updated : Apr 30, 2020, 11:45 AM IST
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