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वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में 'भारतीय मंदिरों के डॉक्टर' केके मोहम्मद - World Ramayana Conference in jabalpur

जबलपुर में वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक केके मोहम्मद ने कार्यक्रम में शिरकत की और नर्मदा नदी के बारे में लोगों को विशेष जानकारी दी.

Doctor of Indian temples KK Mohammed arrived at World Ramayana Conference in jabalpur
वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में पहुंचे केके मोहम्मद
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Published : Jan 27, 2020, 4:28 PM IST

Updated : Jan 27, 2020, 7:41 PM IST

जबलपुर। भारतीय मंदिरों के डॉक्टर केके मोहम्मद जबलपुर में आयोजित वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में पहुंचे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक व अयोध्या के विवादित ढांचे के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाले केके मोहम्मद देश के नामी पुरातत्व वेत्ता हैं. अयोध्या में मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने के मोहम्मद के दावे को सबूतों के आधार पर ही कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण को लेकर फैसला दिया है.

वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में पहुंचे केके मोहम्मद

कौन हैं केके मोहम्मद?
केके मोहम्मद को भारत में राम मंदिर की वजह से लोग जानते हैं, लेकिन मोहम्मद की पहचान इससे कहीं बड़ी है. केके मोहम्मद ने कई लावारिस बच्चों को उम्दा तालीम दी है और उनके इस काम को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सराहा था. दंतेवाड़ा के मंदिरों को नक्सलियों से बचाने का काम मोहम्मद की वजह से हो पाया है और चंबल के मुरैना में बटेश्वर महादेव के मंदिर की पुनर्स्थापना का काम भी केके मोहम्मद ने ही करवाया था.

मोहम्मद की वजह से भारत की कई ऐतिहासिक इमारतें संरक्षित हो पाई हैं, फतेहपुर सीकरी सम्राट अशोक का केसरी स्तंभ राजगीर के बौद्ध स्तूप जैसे न जाने कितनी ही भारतीय संस्कृति से जुड़ी इमारतें हैं, जिन्हें केके मोहम्मद की वजह से संरक्षित किया जा सका है. केके मोहम्मद बताते हैं कि नर्मदा नदी के बारे में कहा जाता है कि ये नदी कभी मरती नहीं और कभी न मरने वाली नदी का नाम ही नर्मदा है. ये संस्कृत के अपभ्रंश से ये शब्द बना है. नर्मदा पर इतना गूढ़ ज्ञान बहुत से लोगों को नहीं है.

जबलपुर। भारतीय मंदिरों के डॉक्टर केके मोहम्मद जबलपुर में आयोजित वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में पहुंचे, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक व अयोध्या के विवादित ढांचे के नीचे मंदिर होने का दावा करने वाले केके मोहम्मद देश के नामी पुरातत्व वेत्ता हैं. अयोध्या में मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष होने के मोहम्मद के दावे को सबूतों के आधार पर ही कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण को लेकर फैसला दिया है.

वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में पहुंचे केके मोहम्मद

कौन हैं केके मोहम्मद?
केके मोहम्मद को भारत में राम मंदिर की वजह से लोग जानते हैं, लेकिन मोहम्मद की पहचान इससे कहीं बड़ी है. केके मोहम्मद ने कई लावारिस बच्चों को उम्दा तालीम दी है और उनके इस काम को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सराहा था. दंतेवाड़ा के मंदिरों को नक्सलियों से बचाने का काम मोहम्मद की वजह से हो पाया है और चंबल के मुरैना में बटेश्वर महादेव के मंदिर की पुनर्स्थापना का काम भी केके मोहम्मद ने ही करवाया था.

मोहम्मद की वजह से भारत की कई ऐतिहासिक इमारतें संरक्षित हो पाई हैं, फतेहपुर सीकरी सम्राट अशोक का केसरी स्तंभ राजगीर के बौद्ध स्तूप जैसे न जाने कितनी ही भारतीय संस्कृति से जुड़ी इमारतें हैं, जिन्हें केके मोहम्मद की वजह से संरक्षित किया जा सका है. केके मोहम्मद बताते हैं कि नर्मदा नदी के बारे में कहा जाता है कि ये नदी कभी मरती नहीं और कभी न मरने वाली नदी का नाम ही नर्मदा है. ये संस्कृत के अपभ्रंश से ये शब्द बना है. नर्मदा पर इतना गूढ़ ज्ञान बहुत से लोगों को नहीं है.

Intro:भारतीय मंदिरों के डॉक्टर हैं पुरातत्व बेत्ता केके मोहम्मद वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस में आए केके मोहम्मद का कहना कि नर्मदा और मंदिरों से है उनको विशेष प्रेम


Body:जबलपुर में वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है इसमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक केके मोहम्मद जबलपुर आए हैं

केके मोहम्मद भारत के नामी-गिरामी पुरातत्व वेत्ता है अयोध्या में राम मंदिर विवाद में केके मोहम्मद नहीं यह स्पष्ट किया था कि मस्जिद के नीचे मंदिर के अवशेष थे और केके मोहम्मद के सबूतों के आधार पर ही कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण को लेकर फैसला दिया है

दरअसल के के मोहम्मद को भारत में राम मंदिर की वजह से लोग जानते हैं लेकिन मोहम्मद की पहचान इससे कहीं बड़ी है केके मोहम्मद ने कई लावारिस बच्चों को उम्दा तालीम दी है और उनके इस काम को अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी सराहा था दंतेवाड़ा के मंदिरों को नक्सलियों से बचाने का काम मोहम्मद के वजह से हो पाया और चंबल में मुरैना में बटेश्वर महादेव के मंदिरों की पुनर्स्थापना का काम भी केके मोहम्मद नहीं करवाया मोहम्मद की वजह से भारत की कई ऐतिहासिक इमारत संरक्षित हो पाए फतेहपुर सीकरी सम्राट अशोक का केसरी स्तंभ राजगीर के बौद्ध स्तूप जैसे न जाने कितनी ही भारतीय संस्कृति से जुड़ी हुई इमारतें हैं जो आज के के मोहम्मद की वजह से संरक्षित हो पाई हैं

जबलपुर के बारे में भी मोहम्मद का ज्ञान कम नहीं है नर्मदा के बारे में भी बताते हैं कि नर्मदा के बारे में कहा जाता है कि यह नदी कभी मरती और कभी ना मरने वाली नदी का नाम नर्मदा है यह संस्कृत के अपभ्रंश से यह शब्द बना है नर्मदा पर इतना गूढ़ ज्ञान बहुत से लोगों को नहीं है


Conclusion:इन दिनों भारत में मुसलमानों के प्रति घृणा का भाव चल रहा है लेकिन केके मोहम्मद की बातें सुनकर ऐसा लगता है कि हम किसी संत को सुन रहे हैं यह इस बात को साबित करता है की धर्म जाति पंथ के आधार पर किसी को गलत या सही कहना सही तरीका नहीं है बाइट के के मोहम्मद पूर्व निदेशक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग
Last Updated : Jan 27, 2020, 7:41 PM IST
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