जबलपुर। डिंडौरी में पदस्थ तहसीलदार विवेक त्रिपाठी के लापता होने की सारी खबरों को स्वयं तहसीलदार ने विराम लगा दिया है. जबलपुर में अपना इलाज करवा रहे तहसीलदार विवेक त्रिपाठी ने ईटीवी भारत से बात की और खुद के लापता होने की खबर का खंडन किया है. तहसीलदार विवेक त्रिपाठी का कहना है कि जिस तरह से मीडिया में मुझे लापता बताया जा रहा है, वह मेरे लिए बहुत ही सरप्राइजिंग है. उन्होंने कहा कि वे कलेक्टर के हर लेटर का जवाब भी लगातार दे रहे हैं. इतना ही नहीं सारे मेडिकल सर्टिफिकेट डीएम को भेजे दिए गए हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि एक प्रॉपर चैनल कलेक्टर और अधिकारियों का जिस तरह से होता है, वैसा ही मेरा और कलेक्टर का है. मैंने उनके हर जवाब का उत्तर दिया है, उसके बाद अचानक आज मीडिया का हमला हो जाता है, जिसमें मुझे लापता बताया जा रहा है. उनका कहना है कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी का इस तरह से बर्ताव करना मेरी समझ से परे है. उन्होंने कहा कि मैंने 2018 अक्टूबर को डिंडौरी में ज्वाइन किया था उसके बाद मैं अचानक बीमार हो गया, जिससे कलेक्टर सुरभि गुप्ता को भी अवगत करवाया गया था.
उन्होंने कहा कि मैडम चाहे तो मेडिकल बोर्ड के सामने मुझे पेश कर मेरी जांच करवा सकती हैं. फिलहाल तहसीलदार विवेक त्रिपाठी इस पूरे मामले को लेकर अपने उच्च अधिकारियों से मुलाकात कर जांच करवाने की बात कह रहे हैं. गौरतलब है कि डिंडौरी कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने जबलपुर कलेक्टर छवि भारद्वाज और एसपी निमिष अग्रवाल को एक पत्र लिखकर तहसीलदार विवेक त्रिपाठी का नाम पता तलाश करने की गुजारिश की थी.