जबलपुर। आम तौर पर व्यक्ति के पास अगर लाइसेंस, गाड़ी का बीमा न हो तो पुलिस पकड़ कर अच्छा खासा चालान बना देती है. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि जिस वाहन पर मध्यप्रदेश पुलिस सवार होकर सफर कर रही है, उसका बीमा कई माह पहले ही खत्म हो चुका है. इतना ही नहीं वाहन चालक तो अपने पास न ही आरसी रखते हैं, न ही बीमा कॉपी और न ही लाइसेंस इतना सब होने के बाद भी पुलिस को भनक ही नहीं. लिहाजा शान से मध्यप्रदेश पुलिस बिना बीमा, बिना लाइसेंस वाली गाड़ी में घूमाते हैं. पुलिस का ये वाहन डायल 100 है. जिसके वाहन चालक आरसी-लाइसेंस-बीमा अपने पास नहीं अपने साहब के पास रखते हैं.
जबलपुर में चल रही है करीब 45 डायल 100
मध्यप्रदेश के तमाम जिलों सहित जबलपुर में भी करीब 45 दयाल 100 का संचालन हो रहा है. डायल 100 का काम होता है कि जहां कहीं से भी विवाद-आपदा व दुर्घटना की खबर आती है. उस स्थान पर डायल 100 तुंरत मौके पर पहुंच कर न सिर्फ विवाद निपटाती है, बल्कि उवद्र्व और अपराध करने वाले व्यक्ति को थाने लेकर भी आती है. आज हर व्यक्ति विवाद दुर्घटना होने पर डायल 100 को ही बुलाता है, जबलपुर के हर थानों में आज डायल 100 को तैनात किया गया है. जो कि पुलिस विभाग का एक अभिन्न अंग भी बन गया है.
बिना बीमा के दौड़ रही है डायल 100
मध्यप्रदेश में हजारों डायल 100 संचलित हो रही है. जानकारी मिली है कि प्रदेश की ज्यादातर डायल 100 बिना बीमा के दौड़ रही है. हालांकि वाहन चालकों का कहना है कि इस विषय में हमें पता नहीं है. हद तो तब हो गई जब एक डायल 100 चालक ने बताया कि हमारे पास लायसेंस-आरसी-बीमा कॉपी नहीं है. यह सभी दस्तावेज हमारे जिला सुपरवाइजर के पास रखे हुए हैं. इतना सुनते ही डायल 100 में बैठे पुलिसकर्मी भी चौक गए कि जिस वाहन में हम 24 घंटे बैठे रहते हैं. उस वाहन के दस्तावेज गाड़ी में नहीं बल्कि सुपरवाइजर के पास रखे हुए हैं.
खतरे के बीच खाकी, बिना बीमा दौड़ रही हजारों डायल-100
'100 लगाओ-पुलिस बुलाओ'
मध्यप्रदेश में चलने वाली डायल 100 का बीते एक साल से नहीं है बीमा
'100 लगाओ-पुलिस बुलाओ' वाली डायल 100 वाहन जो कि मध्यप्रदेश में करीब 1000 से ज्यादा अलग-अलग जिलों में संचालित हो रही है. उस वाहन का बीते एक साल से बीमा नहीं है, इतना ही नहीं ज्यादातर डायल 100 चालक तो अपने पास दस्तावेज ही नहीं रखते हैं, ऐसे में अगर आपके पास वाहन है और आप बिना कागजात के घर से बाहर निकल आए हैं तो चैकिंग के दौरान पुलिस आपको पकड़ कर अच्छा खासा चालान ठोक देगी. पर एमपी पुलिस गजब है, यहां पर पुलिस की डायल 100 के पास तो साथ में दस्तावेज ही नहीं है. वहीं बीते एक साल से वाहनों का बीमा ही नहीं हुआ है.
मेसर्स बीवीजी इंडिया लिमिटेड का है प्रदेश सरकार से अनुबंध
जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश सरकार ने एक अनुबंध के तहत मेसर्स बीवीजी इंडिया लिमिटेड, पुणे की कंपनी से 1000 टाटा सफारी गाड़िया किराए पर ली है, एक गाड़ी की कीमत करीब 10 लाख रुपए है. 70 करोड़ 67 लाख सालाना किराया सरकार कंपनी को देती है. पांच साल तक का कांट्रैक्ट है. जितनी गाड़ी चलेगी उसके डीजल का अलग से भुगतान किया जाएगा. नवंबर 2015 को 51 जिलों में 800 वाहनों से करीब 633 करोड़ की लागत से '100 लगाओ पुलिस बुलाओ' की योजना शुरु की गई थी. अब 1000 वाहन की सेवा प्रदेश में चल रही है. पुलिस महकमे का टेलीकम्यूनिकेशन विभाग इन गाड़ियों की मॉनटरिंग करता है, लेकिन अफसोस, क्या इस तरह मानिटिरिंग कर गाड़ी में चलने वाले और सड़कों पर चलने वालों की सुरक्षा पुलिस विभाग करेगा.
पुलिस अधिकारी ने दिया कार्रवाई का भरोसा
बिना बीमा के चल रही डायल 100 को लेकर जब हमने ट्रफिक एएसपी संजय कुमार अग्रवाल से बात की तो उन्होंने भी माना कि अगर बिना बीमा के डायल100 दौड़ रही है तो ये निश्चित रूप से ट्रैफिक उल्लंघन की श्रेणी में आता है, लिहाजा अब जांच करवाई जाएगी और नियम के तहत कार्रवाई भी होगी.
ये है नियम पर अफसोस पुलिस के डायल 100 को ही नहीं पता
नए मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक अब सड़क पर चलने वाली हर गाड़ी के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जरूरी हो गया है. अगर थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं करवाया तो जुर्माने के साथ जेल जाने का भी प्रावधान रखा गया है. नए मोटर व्हीकल एक्ट में बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाने पर जुर्माने की रकम दोगुना हो गई है. यानी बिना इंश्योरेंस वाली गाड़ी चलाने पर पहले जुर्माना 1,000 रुपये था, जो कि अब 2,000 रुपये कर दिया गया है,पर अफसोस जिस वाहन पर पुलिस 24 घंटे सवार रहती है वो भी अभी तक इससे अंजान थे कि हम बिना बीमा और दस्तावेज वाली गाड़ियों में घूम रहे है.