जबलपुर। शहर के मानस भवन में स्थानीय निकाय के कर्मचारियों का संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर जबलपुर की महापौर डॉक्टर स्वाति सदानंद गोडबोले, वित्त मंत्री तरुण भनोत और कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया के साथ-साथ संभाग के सभी जिलों से नगर पालिका, नगर निगम और नगर पंचायत के कर्मचारी उरस्थित रहे.
अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करे सरकार, निकाय कर्मचारियों के सम्मेलन में उठी मांग
मानस भवन में स्थानीय निकाय के कर्मचारियों का संभागीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस मौके पर कर्मचारियों ने दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की.
कर्मचारियों का संभागीय सम्मेलन
जबलपुर। शहर के मानस भवन में स्थानीय निकाय के कर्मचारियों का संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर जबलपुर की महापौर डॉक्टर स्वाति सदानंद गोडबोले, वित्त मंत्री तरुण भनोत और कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया के साथ-साथ संभाग के सभी जिलों से नगर पालिका, नगर निगम और नगर पंचायत के कर्मचारी उरस्थित रहे.
Intro:मध्यप्रदेश में स्थानीय निकायों मैं तंगहाली
कर्मचारियों के संभागीय सम्मेलन में उठा मुद्दा
राज्य और केंद्र सरकार से मांगी मदद
Body:जबलपुर मैं स्थानीय निकाय के कर्मचारियों की संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया इस मौके पर जबलपुर संभाग के सभी जिलों से नगर पालिका नगर निगम और नगर पंचायत के कर्मचारी जबलपुर पहुंचे मानस भवन में हुए इस कार्यक्रम में जबलपुर की महापौर डॉक्टर स्वाति सदानंद गोडबोले के साथ ही वित्त मंत्री तरुण भनोट और कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने भी शिरकत की
इस मौके पर कर्मचारियों की मांग थी कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए वही कर्मचारियों ने इस बात का खुलासा किया कि स्थानीय निकाय के पास पैसे की बहुत कमी है और नगर निगम से लेकर नगर पंचायतों तक तंगहाली मची हुई है यहां तक कि कई जगहों पर तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं इसलिए सरकार स्थानीय निकायों की मदद करें और स्थानीय निकायों में स्थाई नौकरी की बजाए ठेका पद्धति से काम करवाने की परंपरा शुरू हो गई है और ठेकेदार कर्मचारियों की तनख्वाह पर डाका डाल रहा है इसलिए सरकार को ठेका पद्धति खत्म करके इसकी जगह स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति करनी चाहिए
Conclusion:स्थानीय निकाय दरअसल स्थानीय सरकार होती है और आम आदमी का सीधा वास्ता हर रोज इनसे पड़ता है लेकिन आज भी इन स्थानीय निकायों का काम करने का ढर्रा नहीं बदला है वही स्थानीय निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है लेकिन सरकारें बदल जाती हैं और यह व्यवस्था जहां कहां रहती है इसीलिए सत्ता परिवर्तन का समाज पर असर पड़ना बंद हो गया है और कहीं ना कहीं स्थानीय निकाय के कर्मचारी ही इसके लिए जिम्मेदार लेकिन यह बात कहने की ताकत किसी नेता में नहीं बाइट राम दुबे कर्मचारी नेता जबलपुर नगर निगम
कर्मचारियों के संभागीय सम्मेलन में उठा मुद्दा
राज्य और केंद्र सरकार से मांगी मदद
Body:जबलपुर मैं स्थानीय निकाय के कर्मचारियों की संभागीय सम्मेलन का आयोजन किया गया इस मौके पर जबलपुर संभाग के सभी जिलों से नगर पालिका नगर निगम और नगर पंचायत के कर्मचारी जबलपुर पहुंचे मानस भवन में हुए इस कार्यक्रम में जबलपुर की महापौर डॉक्टर स्वाति सदानंद गोडबोले के साथ ही वित्त मंत्री तरुण भनोट और कैबिनेट मंत्री लखन घनघोरिया ने भी शिरकत की
इस मौके पर कर्मचारियों की मांग थी कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए वही कर्मचारियों ने इस बात का खुलासा किया कि स्थानीय निकाय के पास पैसे की बहुत कमी है और नगर निगम से लेकर नगर पंचायतों तक तंगहाली मची हुई है यहां तक कि कई जगहों पर तनख्वाह देने तक के पैसे नहीं हैं इसलिए सरकार स्थानीय निकायों की मदद करें और स्थानीय निकायों में स्थाई नौकरी की बजाए ठेका पद्धति से काम करवाने की परंपरा शुरू हो गई है और ठेकेदार कर्मचारियों की तनख्वाह पर डाका डाल रहा है इसलिए सरकार को ठेका पद्धति खत्म करके इसकी जगह स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति करनी चाहिए
Conclusion:स्थानीय निकाय दरअसल स्थानीय सरकार होती है और आम आदमी का सीधा वास्ता हर रोज इनसे पड़ता है लेकिन आज भी इन स्थानीय निकायों का काम करने का ढर्रा नहीं बदला है वही स्थानीय निकायों में व्याप्त भ्रष्टाचार किसी से छुपा हुआ नहीं है लेकिन सरकारें बदल जाती हैं और यह व्यवस्था जहां कहां रहती है इसीलिए सत्ता परिवर्तन का समाज पर असर पड़ना बंद हो गया है और कहीं ना कहीं स्थानीय निकाय के कर्मचारी ही इसके लिए जिम्मेदार लेकिन यह बात कहने की ताकत किसी नेता में नहीं बाइट राम दुबे कर्मचारी नेता जबलपुर नगर निगम