जबलपुर। नगरीय चुनाव से पहले दमोह नगर पालिका में 11 गांव शामिल किए जाने हैं. ऐसे में प्रक्रिया पूरी किए जाने में राहत चाहते हुए मामले को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है. मामले में कोर्ट के समक्ष सरकार की ओर से बताया गया कि नगरीय चुनाव के बाद चयनित गांवों को नगर पालिका में शामिल किया जाएगा.
समय में राहत की मांग
दरअसल. गावों को शामिल किए जाने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है, जिसके एप्रूवल संबंधी जानकारी के लिये सरकार की ओर से समय में राहत की मांग की गई है. न्यायालय ने मामले की सुनवाई चार सप्ताह के लिए टाल दी है.
राज्य सरकार के पास प्रस्ताव लंबित
बता दें कि यह जनहित याचिका दमोह के एक निवासी की ओर से दायर की गई है, जिसमें कहा गया है कि नगर पालिका दमोह में 11 गांव शामिल किये जाने की आवश्यक कार्यवाही पूर्ण कर ली गई. साथ ही जिला कलेक्टर ने स्वीकृति के लिए साल 2019 में राज्य शासन के पास प्रस्ताव भिजवा दिया था. राज्य सरकार के पास प्रस्ताव लंबित है और नगरीय चुनाव की प्रक्रिया शुरु हो गयी है.
याचिकाकर्ता ने कही ये बात
चुनाव पूर्व यह प्रक्रिया पूर्व नहीं होती है तो 11 गांव के मतदाता नगर पालिका चुनाव में मतदान करने से वंचित रह जाएंगे. जिससे चुनाव के परिणाम प्रभावित हो सकते हैं. साथ ही मांग की गई कि चुनाव के पूर्व 11 गांव को दमोह नगर पालिका में शामिल किए जाने की प्रक्रिया पूर्ण की जाए.
कोर्ट ने सरकार के दिए ये आदेश
याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से भी पक्ष रखा गया. सरकार ने मौखिक रूप में बताया कि चुनाव के बाद सरकार द्वारा प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस संजय द्विवेदी की युगलपीठ ने सरकार को निर्देशित किया है कि वह इस संबंध में लिखित रूप से अपना पक्ष प्रस्तुत करें.