जबलपुर। विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) ज्योति मिश्रा की कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी दल्लू अहिरवार को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने दल्लू अहिरवार को 10 साल की सश्रम सजा और 30 हजार रूपए का अर्थदंड लगाया है.
50 रूपए का लालच देकर करता रहा दुष्कर्म
अदालत को अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि 13 जनवरी 2018 को पीड़िता ने गढ़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि वो अपने पिता और भाई के साथ दल्लू अहिरवार के लढिया मोहल्ला स्थित मकान में किराए से रहती थी. दल्लू की पत्नी जब काम पर चली जाती थी, तब वो नाबालिग को 50 रूपए देने का लालच देकर अपने घर बुलाता. उसे बहलाता-फुसलाता और उसके साथ दुष्कर्म करता.
घर खाली करवाने की धमकी
ये सिलसिला करीब सात-आठ महीने चला. इस दौरान दल्लू नाबालिग को धमकी देता कि अगर किसी को बताया तो घर खाली करवा देगा. कुछ समय बाद पीड़िता के परिवार ने घर छोड़ दिया और वे कहीं और शिफ्ट हो गए. परिवार की एक महिला की नजर पीड़िता के पेट पर पड़ी. उसे शक हुआ. नाबालिग गर्भवती थी. पीड़िता से पूछा तो उसने सारी सच्चाई बयान कर दी. इसके बाद मामला पुलिस में पहुंचा.
सलाखों के पीछे दुराचारी
मकान मालिक दल्लू अहिरवार के खिलाफ दुराचार व पॉक्सों एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ. पुलिस ने चालान न्यायालय के समक्ष पेश किया. जहां सुनवाई के दौरान पेश किए गए गवाह व सबूतों को मद्देनजर रखते हुए अदालत ने आरोपी को 10 साल के सश्रम कारावास व 30 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है. मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार जैन ने पक्ष रखा.