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कोविड मरीजों को इलाज के लिए खर्च करने पड़ रहे लाखों रुपये

जबलपुर शहर में कोरोना वायरस मरीजों को इलाज के लिए 60 हजार से लेकर 4 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ रहे है. खास तौर पर निजी अस्पतालों में मरीजों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.

covid patients have to spend more money for the treatment of corona
सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल
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Published : Mar 31, 2021, 11:12 AM IST

जबलपुर। शहर में इस समय कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यही वजह है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. शासकीय और निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को 60 हजार से लेकर 4 लाख रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है. खास तौर पर निजी अस्पतालों में मरीजों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.

इस पर डाले नजर

1. निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस का इलाज 32

2. सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज 5

3. प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड 562

4. निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड 266

5. सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन बेड 206

6. सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर बेड 180

कोरोना के बढ़ते मामले: रिजर्व बेड पड़ सकते कम


आपदा में लूट का अवसर
सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज अभी भी निशुल्क हो रहा है, लेकिन सरकार के 5 अस्पतालों में कुल मिलाकर गंभीर मरीजों के लिए केवल 300 बिस्तर की ही उपलब्ध है. ज्यादातर मरीजों को निजी अस्पतालों में सहारा लेना पड़ता है. निजी अस्पताल कोरोना वायरस की आपदा को एक बार फिर से मौका मान रही है. इसलिए लूट जैसा माहौल है. यहां मरीजों से 60 हजार से लेकर 4 लाख रुपये तक वसूले जा रहे है. इससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

जबलपुर। शहर में इस समय कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यही वजह है कि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट हो गया है. शासकीय और निजी अस्पतालों को कोविड अस्पताल में तब्दील किया जा रहा है, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को 60 हजार से लेकर 4 लाख रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है. खास तौर पर निजी अस्पतालों में मरीजों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है.

इस पर डाले नजर

1. निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस का इलाज 32

2. सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज 5

3. प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड 562

4. निजी अस्पतालों में वेंटिलेटर बेड 266

5. सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन बेड 206

6. सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर बेड 180

कोरोना के बढ़ते मामले: रिजर्व बेड पड़ सकते कम


आपदा में लूट का अवसर
सरकारी अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज अभी भी निशुल्क हो रहा है, लेकिन सरकार के 5 अस्पतालों में कुल मिलाकर गंभीर मरीजों के लिए केवल 300 बिस्तर की ही उपलब्ध है. ज्यादातर मरीजों को निजी अस्पतालों में सहारा लेना पड़ता है. निजी अस्पताल कोरोना वायरस की आपदा को एक बार फिर से मौका मान रही है. इसलिए लूट जैसा माहौल है. यहां मरीजों से 60 हजार से लेकर 4 लाख रुपये तक वसूले जा रहे है. इससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

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