जबलपुर। वेतन से कटौती के बाद भी राष्ट्रीय पेंशन योजना में पैसे जमा नहीं किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका प्रदेश के मेडिकल अधिकारियों ने दायर की थी, जिसकी सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि पैसे ट्रांसफर करने के लिए सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं. जिसके बाद पैसे स्थानांतरित कर दिए जाएंगे. ऐसे में जस्टिस अतुल श्रीधरन ने 45 दिनों में राशि जमा करने के निर्देश दिए हैं.
2004 में की गई थी योजना की शुरूआत
दरअसल, स्वास्थ्य अधिकारी रत्नेश कुमार गजभिये सहित 13 याचिकाकर्ताओं की ओर से याचिका दायर की गयी थी. जिसमें कहा गया था कि सरकार द्वारा 2004 में राष्ट्रीय पेंशन योजना की शुरूआत की गयी थी. इस योजना को साल 2009 में सभी क्षेत्रों में लागू किया गया था. जिसके तहत असंगठित तथा सरकारी कर्मचारी 1 हजार से लेकर 12 हजार रुपए की राशि पेंशन के लिए अपने वेतन से कटवा सकते थे. वेतन से अधिकतम 10 प्रतिशत राशि योजना के लिए कटवा सकते थे. पेंशन के लिए काटी जाने वाली राशि आयकर के दायर में नहीं आएगी.
पेंशन न आने से परेशान लोग
साथ ही याचिका में कहा गया था कि पेशन योजना के तहत सरकार ने उनके वेतन से निर्धारित राशि की कटौती की, परंतु उसे खाते में जमा नहीं किया. जिसके कारण उन्हें कटौती की गयी राशि पर भी आयकर देना पड़ा. उन्होंने बताया कि कोराना काल में उन्हें आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, वहीं उनके पेंशन खाते में अभी तक पैसे नहीं आए हैं.
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कोर्ट ने दिए आदेश
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि जुलाई 2018 को आदेश जारी कर सभी मेडिकल काॅलेजों को सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने के निर्देष दिए थे, जिससे कर्मचारियों के वेतन से काटी गयी राशि उनके पीआरए में स्थानांतरित की जा सके. सरकार के जवाब का अवलोकन करने के बाद बेंच ने उक्त आदेश जारी कर याचिका का निराकरण कर दिया.