जबलपुर। मध्य प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि के संबंध में अधिनियम 1982 की धारा 15 की प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए राज्य सरकार और न्यासी समिति द्वारा मध्य प्रदेश अधिवक्ता परिषद के परामर्श से मध्य प्रदेश अधिवक्ताओं सहायता (कोरोना में गंभीर रूप से संक्रमित हुए चिकित्सकीय सहायता) योजना 2021 को प्रदेश में लागू कर दिया है इसके लिए गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है.
इस योजना का संक्षिप्त नाम मध्य प्रदेश अधिवक्ता चिकित्सकीय सहायता योजना 2021 का नाम दिया गया है. यह योजना मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद द्वारा नामांकित अधिवक्ताओं के लिए ही लागू होगी, यह शासकीय राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख 17 मई 2021 से लागू होगी.
वर्तमान में कोरोना संक्रमण का तेजी से होते फैलाव को देखते हुए मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता वर्ग भी कोरोना से लगातार संक्रमित हो रहा है, साथ ही अदालतों में काफी समय से काम काज बंद होने की वजह से आर्थिक संकट भी गहरा हुआ है.
ऐसे में वकीलों को कोरोना के गंभीर इलाज में सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से इस योजना को लागू किया गया है. 1 बार कॉउंसिल से अभिप्रेत है अधिवक्ता अधिनियम 1961 की धारा 3 के अधिन गठित बार कॉउंसिल ऑफ मध्यप्रदेश के अधीन है. सहायता निधि से अभिप्रेत है इस योजना के नियम 3 के अधीन कोरोना से गंभीर रूप से संक्रमित वकीलों के लिए इलाज निधि 3 स्क्रूटनी समिति से अभिप्रेत है इस योजना के नियम 4 के अधिन गठित 5 सदस्यीय समिति 4 संक्रमित अधिवक्ता से अभिप्रेत है ऐसे वकील जो कि कोरोना पॉजिटिव होने के कारण गंभीर रूप से संक्रमित हो गए है और इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती है या 1 अप्रैल 2021 के बाद हॉस्पिटल में भर्ती थे.
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इसमे गंभीर संक्रमण से पीड़ित वकीलों को यह आर्थिक सहायता निधि दी जाएगी, जिसके लिए अधिकतम सीमा 5 करोड़ रुपए तक हो सकेगी. मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद इस योजना के लिए 5 सदस्यीय समिति का गठन करेगी. जिसके अध्यक्ष और सचिव मध्यप्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के अध्यक्ष और सचिव ही होंगे, यह समिति ही वकील के प्राप्त आवेदन पर विचार विमर्श कर निर्णय लेगी और इस समिति का निर्णय ही अंतिम निर्णय होगा.
योजना का लाभ लेने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया योजना में वे ही वकील सहायता के पात्र होंगे, जिनके द्वारा बार काउंसिल ऑफ इंडिया वेरीफिकेशन रूल्स प्लेस ऑफ प्रैक्टिस 2015 के तहत वेरिफिकेशन कराया गया हो और वह आवेदन पत्र की शर्तों को पूरा करते हो,
पात्र वकील को किसी परिस्थिति विशेष में वह राशि देय होगी, जिसे मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद की सलाह पर न्यासी समिति समय-समय पर निर्धारित करेगी, इस संबंध में न्यासी समिति का विनिश्चय अंतिम होगा, किसी पात्र अधिवक्ता को किसी परिस्थिति विशेष में अधिकतम राशि रुपए 25 हजार से अधिक नहीं दी जाएगी.
योजना का लाभ लेने के लिए वकील को निर्धारित प्रारूप में मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद जबलपुर को आवेदन प्रस्तुत करना होगा, प्राप्त आवेदन पर स्कूटनी समिति विचार करेगी, योजना का लाभ केवल उन्हीं अधिवक्ताओं को प्राप्त होगा
जो चिकित्सा के लिए अस्पताल में भर्ती हैं या दिनांक 1 अप्रैल 2021 के बाद हॉस्पिटल में भर्ती रहे है वकील किसी प्रकार की कोई चिकित्सकीय कैशलेस पॉलिसी (मेडिक्लेम) के धारक नहीं है यह सहायता राशि भर्ती होने की स्थिति में ड्राफ्ट या एनईएफटी के माध्यम से संबंधित हॉस्पिटल को भुगतान की जाएगी, वह इलाज पूरा होने पर डिमांड ड्राफ्ट के माध्यम से संबंधित आवेदक को भेजी जाएगी.
इस योजना के अंतर्गत आवेदन पत्र के साथ चिकित्सक का प्रमाण पत्र कोरोना पॉजिटिव आने की रिपोर्ट सिटी स्कैन की रिपोर्ट चिकित्सा में लगे सभी बिल और दूसरे सभी चिकित्सकीय दस्तावेज संलग्न करना अनिवार्य है. किसी भी वकील को इस निधि से दोबारा आर्थिक सहायता प्राप्त करने का अधिकार नहीं होगा और किसी महत्वपूर्ण सूचना को छिपाने पर संबंधित अधिवक्ता को व्यवसायिक कदाचरण का दोषी माना जाएगा.
ऐसे वकील जो 5 लाख या उससे अधिक आय वाले या आयकर दाता हैं उन्हें इस योजना का लाभ प्राप्त नहीं होगा.